विटामिन ए ( Vitamin A )
मदद करता हैः त्वचा को जवां बनाए रखने, बालों को सेहतमंद बनाने, नाख़ूनों को मज़बूत बनाने, आंखों की रौशनी बढ़ाने और हड्डियों को मज़बूत बनाने में. पाया जाता हैः गाजर, सिट्रस फ्रूट्स, हार्ड चीज़, पनीर, दूध, अंडा, मछली, पर्सले व पालक. नष्ट हो जाता हैः उच्च तापमान व ज़्यादा दिनों तक प्रिज़र्व करने से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः व्यस्क पुरुष को रोज़ाना 900 माइक्रोगाम और महिला को 700 माइक्रोग्राम विटामिन ए लेना चाहिए. विटामिन ए का सप्लिमेंट लेते समय सावधानी बरतें. अगर आप मुहांसे या किसी अन्य त्वचा संबंधी समस्या के लिए आइसोट्रेटिनॉइन जैसी दवा ले रहे हैं, तो विटामिन ए का सप्लिमेंट न लें. आवश्यकता से अधिक विटामिन ए सप्लिमेंट खाने से सिरदर्द, त्वचा में बदलाव के साथ-साथ लिवर के डैमेज होने का ख़तरा बढ़ जाता है. कमी से होने वाले रोगः रतौंधी, संक्रमण का ख़तरा.विटामिन बी 1 ( Vitamin B1 )
मदद करता हैः दिमाग़ की कार्यकुशलता बढ़ाने, पाचनतंत्र को स्वस्थ रखने, मांसपेशियों को मज़बूत बनाने, दिल को स्वस्थ रखने और अच्छी नींद लाने में. पाया जाता हैः सूखे मेवे, ओट्स, वीटग्रास, मटर व सेम. नष्ट हो जाता हैः लंबे समय तक प्रिज़र्व करने, पकाते समय नमक मिलाने व इन्हें ग्रहण करते समय साथ में कॉफी पीने से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 1.3-2.6 एमजी. कमी से होने वाले रोगः बेरी बेरी. ये भी पढ़ेंः इन 14 चीज़ों को फ्रिज में न रखेंविटामिन बी 2 ( Vitamin B2 )
मदद करता हैः सेल्स के पुनर्निर्माण, आंखों को रौशनी बढ़ाने और स्वस्थ मांसपेशियों के लिए. पाया जाता हैः दूध, बादाम, अंडे, मशरूम, कूटू, पनीर, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, यीस्ट और मीट. नष्ट हो जाता हैः ज़्यादा देर तक तेज़ प्रकाश में रखने पर. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 1.3-3 एमजी. कमी से होने वाले रोगः त्वचा का फटना, ख़ून की कमी, जीभ से सूजन, गले में सूजन इत्यादि.विटामिन बी5 ( Vitamin B5 )
मदद करता हैः स्मरण शक्ति बढ़ाने, मूड अच्छा रखने, बीमारी से जल्द रिकवर होने, रक्त धमनियों और दिल को स्वस्थ रखने में. पाया जाता हैः मांस, चिकन, अंडे की ज़र्दी, दूध से बने सामान, मटर, सेम, मेवे, यीस्ट, ओटमील, कूटू, चावल व ब्रोकोली में. नष्ट हो जाता हैः अधिक समय तक फ्रिज में रखने से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 5 एमजी. कमी से होने वाले रोगः थकान, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, उल्टी, पेट में जलन, सांस संबंधी समस्या.विटामिन बी6 ( Vitamin B6 )
मदद करता हैः शरीर को रिज़ूवनेट करने, नर्वस सिस्टम को मज़बूत बनाने और रक्त धमनियों को स्वस्थ रखने. पाया जाता हैः अंकुरित अनाज, सलाद, पत्तागोभी, केला, अखरोट, आटे का चोकर, सैल्मन और मीट में. नष्ट हो जाता हैः अधिक समय तक तेज़ प्रकाश के संपर्क में रहने पर. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 1.6-2 एमजी. कमी से होने वाले रोगः स्किन रैशज़, अनिद्रा, थकान.विटामिन बी 12 ( Vitamin B12 )
मदद करता हैः रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, यद्दाश्त तेज़ करने व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को स्वस्थ रखने. पाया जाता हैः सोयाबीन, पालक, ऑइस्टर, मछली, ची़ज़, अंडे की ज़र्दी व मीट. नष्ट हो जाता हैः समय तक तेज़ तापमान व तेज़ रौशनी के संपर्क में रहने से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः2-5 एमजी. कमी से होने वाले रोगः अनीमिया, धीमा शारीरिक विकास.विटामिन सी ( Vitamin C )
मदद करता हैः त्वचा को स्वस्थ बनाने, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, मूड अच्छा रखने, स्वस्थ बाल और स्वस्थ नाख़ून के लिए. पाया जाता हैः सिट्रस फ्रूट्स, रेड फ्रूट्स, मटर, बीन्स, मूली, किवी फ्रूट, फूल गोभी और एस्परागस में. नष्ट हो जाता हैः पकाने पर. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 70 एमजी. कमी से होने वाले रोगः स्कर्वी, इंटरनल ब्लीडिंग, घाव भरने में समय लगना. ये भी पढ़ेंः 7 नैचुरल ट्रिक्स अाज़माइए, कोलेस्ट्रॉल घटाइएविटामिन डी ( Vitamin D )
मदद करता हैः स्वस्थ हडि्डयां, रक्त प्रवाह को सही रखने, सर्दी होने से बचाने, विषाक्त पदार्थ निकालने, मूड को अच्छा रखने व रक्त धमनियों व दिल को स्वस्थ रखने में. पाया जाता हैः चीज़, मक्खन, पनीर, अंडे की ज़र्दी, मछली, सी फूड, आलू, वेजिटेबल ऑयल व बीफ में. नष्ट हो जाता हैः एल्कलाइन में पकाने से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 2-5 एमजी. कमी से होने वाले रोगः हड्डियों का कमजोर होना, ऑस्टियोपोरोसिस, ह्रदय संबंधी रोग, कैंसर इत्यादि.विटामिन ई ( Vitamin E )
मदद करता हैः शरीर को रिज़ूवनेट करने, रिप्रॉडक्टिव सिस्टम को ठीक रखने, मूड अच्छा बनाने व बाहरी वातावरण से शरीर को सुरक्षा प्रदान करने. पाया जाता हैः मीट, सनफ्लावर ऑयल, कॉर्न, तरबूज के बीज, ऑलिव ऑयल, मक्खन, मेवे, दूध से बने सामान और लीवर में. नष्ट हो जाता हैः लंबे समय तक प्रिज़र्व करने से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 30-50 एमजी. कमी से होने वाले रोगः आंखों का कमजोर होना व मांसपेशियों में कमजोरी.विटामिन के ( Vitamin K )
मदद करता हैः घाव जल्दी भरने, शरीर में रक्त के प्रवाह को सामान्य रखने व रक्त में आवश्यक मात्रा में प्रोथ्रोम्बिन के निर्माण में. पाया जाता हैः पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर, टमाटर, स्ट्रॉबेरीज़, ग्रीन टी व रेड कैबिज में. नष्ट हो जाता हैः अधिक समय तक तेज़ रौशनी व लंबे समय प्रिज़र्वेशन से. प्रतिदिन ग्रहण करेंः 1-2 एमजी. कमी से होने वाले रोगः हड्डियों का कमजोर होना. ये भी पढ़ेंः 17 संकेत, जो शरीर में पानी की कमी की ओर इशारा करते हैं हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए हमारा एेप इंस्टॉल करें: Ayurvedic Home Remedies
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