अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के पीछे बहुत सारी मान्यताएं और बहुत सारी कहानियां भी जुड़ी हैं. इसे भगवान परशुराम जन्मदिन यानी परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के अवतार नर व नारायण के अवतरित होने की मान्यता भी इसी दिन से जुड़ी है. यह भी मान्यता है कि त्रेता युग का आरंभ इसी तिथि से हुआ था. मान्यता के अनुसार इस तिथि को उपवास रखने, दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है यानी इस दिन व्रत रखने वाले को कभी भी किसी चीज़ का अभाव नहीं होता, उसके भंडार हमेशा भरे रहते हैं. चूंकि इस व्रत का फल कभी कम न होने वाला, कभी न घटने वाला, कभी नष्ट न होने वाला होता है, इसलिए इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है. अक्षय तृतीया 2020 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मान्यताओं से जुड़ी सभी जानकारी दे रहे हैं पंडित राजेंद्रजी.
अक्षय तृतीया 26 अप्रैल 2020: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मान्यताएं
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - 05:48 से 12:19
सोना खरीदने का शुभ समय - 05:48 से 13:22
तृतीया तिथि प्रारंभ – 11:51 (25 अप्रैल 2020)
तृतीया तिथि समाप्ति – 13:22 (26 अप्रैल 2020)
अक्षय तृतीया से जुड़ी मान्यताएं
- माना जाता है कि जो लोग इस दिन अपने सौभाग्य को दूसरों के साथ बांटते हैं, उन्हें ईश्वर की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है. इस दिन दिए गए दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना से इस दिन शिव-पार्वती और नर-नारायण की पूजा का विधान है.
- अक्षय तृतीया के दिन दान को श्रेष्ठ माना गया है. चूंकि वैशाख मास में सूर्य की तेज धूप और गर्मी चारों ओर रहती है और यह आकुलता को बढ़ाती है, तो इस तिथि पर शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही आदि खाद्य पदार्थों सहित वस्त्राभूषणों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी होता है.
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर जानें मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के आसान उपाय
1) लग्न राशि के ‘स्वामी ग्रह’ को करें प्रसन्न
प्रत्येक जातक की एक चन्द्र राशि होती है और इसी तरह कुंडली में जन्म के समय से संबंधित एक लग्न राशि भी होती है. जातक के गुण व व्यवहार को लग्न राशि काफी हद तक प्रभावित करती है. यदि किसी के कार्य नहीं बन पा रहे हैं या आर्थिक रूप से तकलीफ में हैं, तो अपनी लग्न राशि के ‘स्वामी ग्रह’ के अनुकूल रंग की कोई वस्तु अपने साथ जरूर रखें या स्वामी ग्रह के रंग से संबंधित कोई एक छोटा कपड़ा अपने साथ जरूर रखें.
2) अलमारी रखें उचित स्थान पर
धन की अलमारी उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार पर अगर लगी हो, तो यह धनवृद्धि में लाभदायक साबित हो सकती है.
3) मुख्य द्वार पर दीपक लगाएं
प्रात: सुबह लक्ष्मीजी का पूजन घर में प्रतिदिन किया जाना चाहिए और सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर दाईं ओर एक घी का दीया जरूर जलाना चाहिए. इन दोनों कार्यों से धन की देवी लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर व्यक्ति के पास ही रहती हैं.
4) घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी का स्वरूप
गणेश भगवान के स्वरूप को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में धन संबंधित सभी समस्याओं का अंत होता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का भी उदय नहीं हो पाता है.
5) घर में तुलसीजी का पौधा लगाएं
तुलसीजी की सेवा करने से धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है. तुलसी के पौधे पर नियमित रूप से दीपक लगाने और पूजन से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
6) गोमाता को चारा खिलाएं
नित्य सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर गोमाता को हरा चारा या आटे का भोग लगाने से भी लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं.
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अक्षय तृतीया पर करें 14 तरह के दान, देखें जीवन में चमत्कार
चूंकि तृतीया मां गौरी की तिथि है, इसलिए इस दिन गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार होती है. गृहस्थ जीवन को खुशहाल रखने के लिए इस दिन उनकी पूजा की जानी चाहिए.
अक्षय तृतीया के दिन ये 14 दान हैं महत्वपूर्ण
1) गौ,
2) भूमि
3) तिल
4) स्वर्ण
5) घी
6) वस्त्र
7) धान्य
8) गुड़
9) चांदी
10) नमक
11) शहद
12) मटकी
13) खरबूजा
14) कन्या