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घर पर ही चेक करें कितना मिलावट है आपके फूड में(Are You Eating Adulterated food? Do These Tests To Check Adulteration)

खाने-पीने की चीज़ों में मिलावट अब आम बात हो गई है. ये मिलावट हमें नज़र नहीं आती, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स कई बार बहुत ख़तरनाक हो सकते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप घर पर ही कुछ मिलावटों को टेस्ट करना जान जाएं, ताकि ख़ुद को और अपने परिवार को मिलावट के ख़तरे से दूर रख सकें.

मिलावट क्या है?
फूड एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, खाद्य पदार्थ में ऐसी कोई चीज़ मिलाना या कोई चीज़ घटाना, जिससे उस पदार्थ की नेचुरल कंपोज़िशन और क्वालिटी पर असर पड़ता है, मिलावट है. खाद्य पदार्थों में मिलावट लगभग सभी जगह है, चाय-कॉफी, मसाले, नमक. शक्कर, अनाज, दूध, दही, घी- मिलावट हर चीज़ में है. और ये मिलावट सिर्फ दो वजहों से की जाती है-
1. प्रोडक्ट का वज़न बढाने के लिए, ताकि थोड़े ज़्यादा पैसे कमाए जा सकें.
2. प्रोडक्ट को आकर्षक बनाने के लिए, ताकि वो अच्छी क्वालिटी का दिखे और लोग झांसे में आकर ज़्यादा दाम में वो चीज़ें ख़रीदें.
देखने-सुनने में आपको भले ही ये बात मामूली-सी लगे, लेकिन आपकी हेल्थ पर इसका गंभीर परिणाम हो सकता है. कैंसर, लीवर प्रॉब्लम, पेट की तकलीफों के अलावा ये शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने फूड प्रोडक्ट में मिलावट को पहचानें और तुरंत कार्यवाई करें.

दूध

1. मिलावटः पानी, जिससे दूषित पानी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं.
कैसे जांचेंः एक प्लेन सरफेस पर दूध की एक बूंद डालें. शुद्ध दूध धीरे-धीरे बहेगा और अपने पीछे सफेद निशान छोड़ेगा, जबकि मिलावटी दूध जल्दी से बह जाता है और ऐसा कोई निशान नहीं छोड़ता.
2. मिलावटः सिंथेटिक दूध
कैसे जांचेंः गरम करने पर सिंथेटिक दूध का रंग पीला हो जाता है और पीने के बाद ज़बान थोड़ी कड़वी लगती है.
3. मिलावटः स्टार्च, जिससे उबकाई और उल्टी की शिकायत हो सकती है.
कैसे जांचेंः टेस्ट ट्यूब में थोड़ा-सा दूध डालें. इसमें 20 मि.ली. पानी डालकर उबालें और ठंडा होने दें. आयोडीन की कुछ बूंदें मिलाएं. अगर ब्लू रंग हो जाए तो इसका मतलब है कि दूध में स्टार्च मिलाया हुआ है.
4. मिलावटः यूरिया
कैसे जांचेंः एक ग्लास में 1 टीस्पून दूध लें. इसमें 1 टीस्पून सोयाबीन पाउडर मिलाकर 5 मिनट रख दें. इसमें लाल लिटमस पेपर डुबोएं, अगर पेपर का रंग ब्लू हो जाता है, तो दूध में यूरिया की मिलावट है.
5. मिलावटः डिटर्जेंट
कैसे जांचेंः थोड़ा-सा दूध लेकर हिलाएं. अगर झाग सा बनने लगे तो इसका मतलब है कि दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है.
6. मिलावटः वनस्पति घी
कैसे जांचेंः एक टेस्ट ट्यूब में 5-5 मि.ली. पानी और दूध लें. इसमें 1 मि.ली. हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं. 5 मिनट बाद लाल रंग दूध में वनस्पति घी के मिलावट का संकेत है.

नमक और शक्कर

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मिलावटः चॉक पाउडर
कैसे जांचेंः एक ग्लास पानी में 1 टीस्पून नमक या शक्कर को घोलें. अगर वो पूरी तरह घुल जाए तो प्योर है. अगर ग्लास की तली में कुछ पाउडर सा जमा हुआ दिखाई दे तो समझ जाइए कि वो चॉक पाउडर है.

आइस्क्रीम
मिलावटः वॉशिंग पाउडर, इससे आइस्क्रीम को अच्छी शाइन तो मिलती है, लेकिन ये पेट संबंधी बीमारियों की वजह बन सकता है.
कैसे जांचेंः आइस्क्रीम में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाएं. अगर झाग नज़र आए तो उसमें वॉशिंग पाउडर मिलाया गया है.

कॉफी पाउडर

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मिलावटः इमली के बीज का पाउडर, जिससे जॉइंट पेन, लूज़ मोशन और चक्कर आना जैसी शिकायतें हो सकती हैं.
कैसे जांचेंः एक ग्लास में पानी लेकर उस पर थोड़ी-सी कॉफी पाउडर छिड़कें. प्योर कॉफी पाउडर ऊपर ही तैरता है, जबकि मिलावटी कॉफी नीचे जाकर तली में जम जाता है.

चायपत्ती

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मिलावटः लोहे का बुरादा. कई बार इस्तेमाल की जा चुकी चाय में कलर मिलाकर सुखाकर दोबारा बेचा जाता है.
कैसे जांचेंः लोहे के बुरादे को तो मैग्नेट से परखा जा सकता है. कलर की जांच के लिए एक गीले ब्लॉटिंग पेपर पर थोड़ा-सा चाय की पत्ती रखें. अगर उसमें कलर मिलाया गया होगा, तो पेपर पर कलर दिखाई देगा.

घी

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मिलावटः मैश किया हुआ आलू और वनस्पति घी.
कैसे जांचेंः आलू में स्टार्च होता है. स्टार्च और वनस्पति की मिलावट की जांच कैसे करनी है, ये दूध की जांच में बताया गया है. वही प्रक्रिया दोहराएं.
नोटः इसी तरह दही और बटर में भी वनस्पति की मिलावट हो सकती है. उसकी भी जांच उपरोक्त विधि से करें.

नारियल का तेल
मिलावटःअन्य तेल
कैसे जांचेंः थोड़ा-सा नारियल तेल फ्रिज में रखें. नारियल तेल जम जाएगा जबकि अन्य तेल की अलग सी लेयर दिखाई देगी.

अरहर दाल
मिलावटः केसरी दाल. ये इतना नुकसानदेह है कि इससे लकवा तक हो सकता है.
कैसे जांचेंः ये पत्तियों के शेप में या त्रिकोनाकार के होते हैं, जिसे दाल साफ करते व़क्त चुनकर निकाला जा सकता है.

हल्दी, बेसन और कुछ दालें

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मिलावटः येलो मेटानिल और येलो एनालाइन फूड कलर. ये नॉन परमिटेड फूड कलर हैं, जो कैंसर व पेट की बीमारियों की वजह बन सकते हैं.
कैसे जांचेंः एक टेस्ट ट्यूब में 1 टीस्पून प्रोडक्ट में गुनगुना पानी मिलाएं. हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदें मिलाएं. पिंक, वॉयलेट या पर्पल कलर प्रोडक्ट में फूड कलर की मिलावट को दर्शाता है.

लाल मिर्च पाउडर
मिलावटः ईंट का पाउडर और कलर
कैसे जाचेंः एक ग्लास पानी में थोड़ा-सा लाल मिर्च पाउडर डालें. ईंट का पाउडर होगा तो ग्लास में नीचे बैठ जाएगा. अगर कलर की मिलावट हुई तो पानी का रंग लाल हो जाएगा.

जीरा

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मिलावटः घास के बीच, जो जीरे की तरह दिखते हैं. इन्हें कलर करके मिलाया जाता है.
कैसे जांचेंः हथेली पर थोड़ा-सा जीरा लेकर रब करें. हथेली पर काला निशान मिलावट का संकेत है.

हींग
मिलावटः मिट्टी और स्टार्च
कैसे जांचेंः थोड़े से पानी में हींग मिलाएं. प्योर हींग पानी में घुल जाता है, जबकि मिट्टी की मिलावट होगी तो मिट्टी ग्लास की तली में इकट्ठा हो जाएगा. स्टार्च की मिलावट जांचने के लिए दूध वाली प्रक्रिया ही दोहराएं.

धनिया पाउडर
मिलावटः गोबर और मिट्टी
कैसे जांचेंः एक ग्लास पानी में थोड़ा-सा धनिया पाउडर मिलाएं. गोबर या मिट्टी मिला होगा तो दोनों ही ऊपर तैरने लगेंगे. गोबर की गंध भी आएगी.

शहद

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मिलावटः पपीता के बीज, जिससे लीवर और पेट की तकलीफें हो सकती हैं.
कैसे जांचेंः थोड़े से कालीमिर्च के दाने एक ग्लास पानी में डालें. कालीमिर्च ग्लास के तली में चली जाएगी जबकि पपीते के बीज पानी में तैरते रहेंगे.

लौंग
मिलावटः इस्तेमाल की हुई लौंग, जिसका सत्व निकाल लिया जाता है और मिनरल ऑयल.
कैसे जांचेंः इस्तेमाल की जा चुकी लौंग छोटी और सिकुड़ी हुई सी दिखती है, उसमें ख़ुश्बू भी कम होती है. अगर लौंग पर हल्की-सी शाइन दिखाई दे, तो इसका मतलब है मिनरल ऑयल की मिलावट.

इसी तरह सब्ज़ियों, फलों और अनाजों में कई तरह की मिलावट की जाती है, जो आपके हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक है और कई बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए बेहतर है कि कोई भी सामान अच्छी तरह जांच कर ही लें, ताकि आप और आपका पूरा परिवार सेहतमंद रहे.

बॉक्स

क्या करें?
- आईएसआई या एगमार्क वालें सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स ही ख़रीदें.
- अनाज या मसाले अच्छे और विश्‍वसनीय दुकानों से ही लें.
- अगर मिलावट नज़र आए या ऐसा संदेह भी हो तो कंज़्युमर ग्रुप में शिकायत करें. वो तुरंत सैंपल टेस्ट करेंगे और शिकायत दर्ज़ करके एक्शन लेंगे.
- आप पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट से भी संपर्क कर सकते हैं, जो आपसे सैंपल कलेक्ट करके छानबीन करेगी.
- आप हेल्थ ऑफिस में शिकायत भी दर्ज़ कर सकते हैं.


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