टीवी के मोस्ट पॉपुलर सीरियल्स में शुमार 'भाबी जी घर पर हैं' दर्शकों का पसंदीदा शो है, जिसमें विभूति नारायण का किरदार निभाने वाले आसिफ शेख किसी पहचान को मोहताज नहीं हैं. हालांकि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. वैसे तो आसिफ ने साल 1985 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 'हम लोग' नामक डेली सोप से की थी और अपने सालों के एक्टिंग करियर में उन्होंने करीब 130 फिल्में की हैं, लेकिन उन्हें फिल्मों में कोई खास पहचान नहीं मिली. उन्हें दर्शकों के बीच असली पहचान टीवी सीरियल 'भाबी जी घर पर हैं' में विभूति नारायण का किरदार निभाने के बाद मिली है. उन्होंने हाल ही में अपने संघर्ष के दिनों को याद किया है, चलिए जानते हैं उनका अब तक का दिलचस्प सफर...
'भाबी जी घर पर हैं' में विभूति नारायण की भूमिका निभाकर लोगों के दिलों को जीतने वाले आसिफ शेख की मानें तो उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन उन्हें एक्टिंग में ज्यादा दिलचस्पी थी. बीए की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने होटल मैनेजमेंट किया, लेकिन इसमें उनका मन नहीं लग रहा था. एक्टर का कहना है कि उसी दौरान उनके कुछ दोस्त थिएटर से जुड़े थे, जिनके साथ वो भी थिएटर जाने लगे और धीरे-धीरे एक्टिंग में उनकी दिलचस्पी बढ़ने लगी. इसके बाद उन्होंने नाटकों में थिएटर हेल्पर के तौर पर काम करना शुरू किया और छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाने लगे. यह भी पढ़ें: तो इस वजह से ‘भाबी जी घर पर हैं’ को सौम्या टंडन ने कहा था अलविदा, सीरियल की ‘अनीता भाभी’ ने किया चौंकाने वाला खुलासा (Because of This Saumya Tandon said goodbye to ‘Bhabi Ji Ghar Par Hain’, ‘Anita Bhabhi’ Reveals The Real Reason)
एक्टिंग के सपने को साकार करने के लिए उन्होंने मुंबई का रुख किया, शुरुआती दिनों में पैसे न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वो दोस्तों के साथ एक छोटे से कमरे में रहते थे और कई रातें उन्होंने बिना कुछ खाए गुज़ारी. उन्होंने कहा कि वो अपने पिता से पैसे नहीं मांग सकते थे, क्योंकि उनके पिताजी इस चॉइस के खिलाफ थे. उनका कहना है कि मुंबई में संघर्ष के दिनों में उन्होंने ज़िंदगी की हकीकत को बेहद करीब से जाना.
उन्होंने अपनी पहली फिल्म के ऑफर मिलने के किस्से को बताते हुए कहा कि वो काम की तलाश में अलग-अलग प्रोडक्शन हाउस में भटकते रहते थे. एक दिन वो मिर्ज़ा ब्रदर्स के ऑफिस पहुंचे, जब उनसे मुलाकात हुई तो वो गोविंदा और किमी काटकर के साथ एक फिल्म बना रहे थे. हालांकि मुलाकात के बाद उन्होंने गोविंदा की जगह उन्हें लेने का फैसला किया और मेकर्स ने आसिफ को साइन कर लिया. इस तरह से उन्होंने 'रामा ओ रामा' से फिल्मों में डेब्यू किया.
आसिफ शेख ने फिल्म में शुरुआत तो अच्छी की थी, लेकिन फिर बाद में उन्हें हीरो के रोल मिलने बंद हो गए. ऐसे हालात में अपने सर्वाइवल के लिए वो कैमियो और छोटे-छोटे रोल करने लगे. हालांकि फिल्म 'करण अर्जुन' के बाद उन्हें अच्छे ऑफर्स मिलने लगे, लेकिन दर्शकों पर उनका कोई खास जादू नहीं चल सका. इस बीच उन्हें ‘तन्हा’ नाम के टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिला, जो काफी हिट रहा. सीरियल में काम करने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि फिल्मों से ज्यादा अच्छे किरदार उन्हें टीवी में मिल रहे हैं. बस फिर क्या था उन्होंने यह ठान लिया कि टीवी को कभी नहीं छोड़ेंगे. यह भी पढ़ें: फिटनेस फ्रीक हैं ‘भाबी जी घर पर हैं’ में विभूति का किरदार निभाने वाले आसिफ शेख, जानें स्क्रीन पर कैसे दिखते हैं इतने यंग (‘Bhabi Ji Ghar Par Hain’ Fame Aasif Sheikh is a Fitness Freak, Know How He Looks So Young on Screen)
गौरतलब है कि करीब 130 फिल्मों और कई टीवी सीरियल्स में काम करने के बाद आसिफ शेख को असली पहचान टीवी सीरियल 'भाबी जी घर पर हैं' से मिली, इसलिए वो अपनी सक्सेस का क्रेडिट भी इसी शो को देते हैं. उनका कहना है कि इस शो ने उन्हें नई ज़िंदगी दी है. इसी सीरियल से उन्हें दर्शकों के बीच नाम और शोहरत मिली है.