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अजेय अजय के बिंदास बोल (Bindas Bol of Ajay Thakur)

Featured अपनी किलर रेड्स और सुपर हॉट अंदाज़ के लिए फेमस इंडिया के स्टार कबड्डी प्लेयर अजय ठाकुर सबके फेवरेट हैं. क्या कहते हैं अजय इस कबड्डी वर्ल्ड कप और अपनी परफॉर्मेंस पर, उन्हीं से जानते हैं-  अजय के अजेय आंकड़े अजय आंकड़ों के लिहाज़ से अब तक के सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी हैं. अजय के नाम 41 रेड अंक हैं और वह सबसे अधिक रेड अंक जुटानेवाले खिलाड़ियों की सूची में चौथे स्थान पर हैं. इसी तरह अजय ने अब तक कुल 34 सफल रेड लगाई हैं और इस सूची में भी वह चौथे स्थान पर हैं. 18 साल की उम्र में देश के लिए पहली बार खेले अजय 18 साल की उम्र में पहली बार भारत के लिए खेले थे और आज की तारीख़ में वह भारत के सबसे अच्छे रेडरों में से एक हैं. इसका सबूत अजय ने अपने खेल के माध्यम से दिया. अजय कहते हैं कि कबड्डी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और अब वह उसे लौटाने की कोशिश में जुटे हैं. 2 स़िर्फ जीत मायने रखती है अजय ने कहा, मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि मेरे सामने कौन-सी टीम है. सेमिफाइनल हो फाइनल या फिर पहला मैच हो, मैं यह बिल्कुल नहीं सोचता कि मेरे सामने कौन-सी टीम है. मैं बस जीत के बारे में सोचता हूं और उसी दिशा में अपनी तैयारियां करता हू्ं. कोरिया से हारना सबक बना तो क्या कबड्डी विश्व कप के पहले ग्रुप मैच में कोरिया से हारने के बाद भी अजय को कोई फर्क नहीं पड़ा था? इसके जवाब में अजय कहते हैं, बिल्कुल फर्क पड़ा था. यह खेल है. यहां कुछ भी हो सकता है. कबड्डी ऐसा खेल है, जहां कुछ भी हो सकता है. सब खेलों से हट के है यह कबड्डी. आप इसमें आश्‍वस्त नहीं हो सकते कि आप जीतोगे ही. 4 ज़रूरी नहीं की स्ट्रैटजी के अनुसार खेलें हिमाचल प्रदेश के निवासी अजय ने कहा कि कबड्डी में हर टीम के लिए एक खास रणनीति बनाई जाती है, लेकिन उस रणनीति पर पूरी तरह अमल हो, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है. अजय ने कहा, देखिए, हम हर टीम के साथ रणनीति बनाकर चलते हैं लेकिन उस पर अमल होगा, यह कोई ज़रूरी नहीं. कई मौक़ों पर हमें मैट पर जाने से पहले या मैट पर पहुंचने के बाद अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ता है. यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि विपक्षी टीम किन सात खिलाड़ियों के साथ उतरी है और उसकी रक्षापंक्ति की संरचना क्या है. 5 मैट पर दिमाग़ दौड़ाते रहते हैं कप्तान अनूप अजय ने कहा, कई बार विपक्षी टीम हमारे कप्तान अनूप कुमार को लेकर रणनीति बनाती है, लेकिन वह उसमें फेल हो जाती है, क्योंकि कप्तान होने के नाते अनूप मैट पर स़िर्फ दिमाग़ दौड़ाने का काम करते हैं और रेड के लिए नहीं जाते. ऐसे में मुझे, प्रदीप नरवाल और राहुल चौधरी को रेड करनी होती हैं. हमारे कप्तान की यह ख़ासियत है कि वह मैट पर पहुंचने के बाद दिमाग़ी तौर पर बेहद सक्रिय हो जाते हैं और लगातार हमारी ग़लतियों पर कमेंट करते हैं. वह हमें लगातार बताते रहते हैं कि बेशक पिछली रेड में तू अंक लेकर आया, लेकिन तूने कुछ ग़लतियां की थीं और पकड़ा जा सकता था. इसी तरह से वह एक कप्तान की भूमिका अदा करते हैं. भारत और ईरान खेलेगा फाइनल! विश्‍व कप का फाइनल किन दो टीमों के बीच होना चाहिए, इस सम्बंध में अजय का भी मानना है कि उनकी चाह यही है कि फाइनल तो भारत और ईरान के बीच ही होना चाहिए, क्योंकि यही दो टीमें सबसे शक्तिशाली हैं. बकौल अजय, फाइनल में मज़ा भी आना चाहिए और ईरान तो बहुत अच्छी टीम है. हमने अपने अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के फाइनल ईरान के साथ ही खेले हैं. 2014 एशियाई खेलों का फाइनल भी हमारे और ईरान के बीच हुआ था, इसलिए कम से कम मैं तो यही चाहूंगा कि फाइनल में हमारा सामना ईरान से हो तो यह खेल के लिए बेहतर होगा. उल्लेखनीय है कि कबड्डी विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले शुक्रवार को ही खेले जाने हैं. पहले सेमिफाइनल में ईरान का सामना दक्षिण कोरिया से होगा, जबकि दूसरे सेमीफाइनल में भारत का सामना थाईलैंड से होगा.

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