1992 में आईसीएसई का एग्ज़ाम छोड़कर अंडर 16 में देश के लिए फुटबाल खेलनेवाले बाइचुंग को अर्जुन अवॉर्ड से नवाज़ा जा चुका है. बाइचुंग इकलौते भारतीय फुटबाल प्लेयर हैं, जिन्हें खेल के दौरान ही पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया. भारतीय फुटबॉल को दुनिया के मानचित्र पर लाने का पूरा श्रेय भूटिया को ही जाता है. टीम में कॉन्फिडेंस भरने और आक्रामक खेलने की रणनीति भी भूटिया ही शुरू किए.
भले ही बाइचुंग भूटिया फुटबॉलर हैं, लेकिन वो चाहते हैं कि उनका बेटा देश के लिए टेनिस खेले. भूटिया की दो बेटियां और एक बेटा है. फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए भूटिया कुछ न कुछ करते रहते हैं. 10 जनवरी 2012 को बाइचुंग ने अपना फेयरवेल मैच खेला. भले ही अब वो रिटायर हो चुके हों, लेकिन मौजूदा टीम को सपोर्ट करना और हेल्प करना नहीं भूलते. फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए ही भूटिया ने दिल्ली में एक फुटबॉल स्कूल खोला.
फुटबाल को अपनी धुन पर नचानेवाले बाइचुंग भूटिया डांस भी कर सकते हैं, ये शायद ही कोई आसानी से पचा सकता था, लेकिन बाइचुंग ने एक रियालिटी शो झलक दिखलाजा में पार्टिसिपेट किया और सबको हैरान करते हुए ट्रॉफी भी जीती. झलक दिखलाजा-3 के विनर बाइचुंग भूटिया ही थे.
- श्वेता सिंह
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