"न बाबा! मुझे बख्शें! ये काम आप जैसे दृढ़ संकल्पियों का ही है." कांति ने दृढ़ संकल्पियों बोला और मुझे…
आगे कुआं पीछे खाई! मजबूर विक्रम को मौन भंग करना पड़ा, "सियासत में एक पुरानी परंपरा है बेताल. विपक्ष को…
बारिश की बूंदों ने आज फिर दिल को गुदगुदाया है रिमझिम फुहारों ने मौसम को आशिक़ाना बनाया है ठंडी बयार…
'रेणु अब घर को पहले जैसा साफ़-सुथरा नहीं रखती, कपड़े समय पर तैयार नहीं मिलते, नाश्ते में कितने दिनों से…
हालात मेरे देखकर क्यूं आसमां हैरान हैमैं अकेला ही नहीं, हर शख़्स परेशान है वादा किया था जिसने साथ निभाने…
काफ़ी समय पहले एक गांव में एक किसान अपनी पत्नी के साथ रहता था. किसान बूढ़ा था, लेकिन उसकी पत्नी…
"जैसे बाढ़, सूखा, भूकंप, कोरोना आदि सब एक्ट ऑफ गॉड की सूची में है. जैसे मेरे ऊपर आठ महीने से…
"पापा आप भी न… बस तंग करते रहते हो मुझे. ऑफिस जाते समय तो ज़रूर… कभी ख़ुद छिप जाते हो,…
लॉकडाउन पर विशेष... सब प्रतीक्षारत हैं बैठे हैं वक़्त की नब्ज़ थामे कि कब समय सामान्य हो और रुके हुए…
“ज़िंदगी कभी दूसरा मौक़ा नहीं देती, बिल्कुल किसी ट्रेन की तरह अगर एक बार स्टेशन छूट गया, सो छूट गया.…