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उच्च रक्तचाप के कारण व निवारण (Causes and Treatment of High Blood Pressure)

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) कई बीमारियों का जड़ होता है. आख़िर क्यों होती है ये बीमारी और इससे कैसे बचा जा सकता है, बता रहे हैं फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंंस्टिट्यूट, नई दिल्ली के कॉर्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अर्पित जायसवाल. High Blood Pressure 1. मोटापा इसकी प्रमुख वजह है. 40 से अधिक इंच की कमर वाले पुरुष व 35 से अधिक इंच की कमर वाली महिलाओं को उच्च रक्तचाप का ख़तरा ज़्यादा होता है. अतः दिल की बीमारियों से बचना है तो वज़न को नियंत्रित रखें. वज़न घटाकर और कमर का आकार कम करके हार्ट अटैक का ख़तरा कम किया जा सकता है. 2. ज़्यादा तनाव लेने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च रक्तचाप की शिकायत पैदा होती है. 3. धूम्रपान व शराब का सेवन भी दिल की सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है. शराब का सेवन कम करें और धूम्रपान छोड़ दें. हफ़्ते में एक-दो शराब पीने में कोई हर्ज़ नहीं है, लेकिन इससे ज़्यादा शराब दिल के लिए हानिकारक होता है. 4. जिन लोगों की लाइफस्टाइल एक्टिव नहीं होती, उन्हें भी हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का ख़तरा अन्य लोगों की तुलना में ज़्यादा होता है. इसलिए सप्ताह में कम से कम 5 दिन व्यायाम करें और संतुलित भोजन करें. 5. चाय, एनर्जी ड्रिंक और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ इंस्टेंट एनर्जी तो देते हैं, लेकिन इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का ख़तरा भी रहता है. अतः संतुलित मात्रा में कैफीन ग्रहण करें. ये भी पढ़ेंः कोलेस्ट्रॉल लेवल तेज़ी से घटाने के 10+ असरदार व आसान उपाय (10+ Natural Ways To Lower Your Cholesterol Levels)
रक्तचाप संतुलित रखने के लिए लें ये आहार 
केला केला एक ऐसा फल है जिसका हाई ब्लडप्रेशर के मरीज़ों को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए. केले में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है जो कि सोडियम के असर को कम करता हैे. रोज़ एक से दो केले का सेवन शुरू करें. केले के साथ आप सूखे खुबानी, किशमिश, संतरे का रस, पालक, बेक्ड आलू और कैंटोलॉप का भी सेवन कर सकते हैं. अजवायन अजवायन में मौजूद फाइटोकेमिकल उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह धमनी की दीवारों और आस-पास की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे धमनियों में अधिक स्थान बनाने के साथ बिना बाधा के रक्त प्रवाह होता है. इसके साथ-साथ यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन, जो कि रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ते हैं, को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. नारियल पानी उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए. रोज़ाना आठ से दस गिलास पानी पीना अच्छा होता है. रक्तचाप को कम करने के लिए नारियल का पानी विशेष रूप से फ़ायदेमंद है. नारियल के पानी के साथ, आप खाना पकाने में नारियल तेल का उपयोग भी कर सकते हैं. काली मिर्च हल्के उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को काली मिर्च खाने से फ़ायदा होगा. यह प्लेटलेट्स के साथ मिलकर रक्त के थक्के बनने से रोकती है. आप फलों या सब्ज़ियों में कुछ काली मिर्च डाल सकते हैं या सूप में भी एक चुटकी काली मिर्च डाल सकते हैं. प्याज़ का रस प्याज़ भी आपके रक्तचाप को कम करने के लिए मददगार है. इसमें फ्लेवेनोल नामक एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है. एक मध्यम आकार की कच्ची प्याज़ नियमित रूप से खाने की कोशिश करें. आप एक से दो सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार आधा चम्मच प्याज़ का रस शहद के साथ ले सकते हैं. शहद शहद दिल पर रक्त के दबाव को कम करती है. शहद रक्त वाहिकाओं पर असर करती है और यह उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होती है. हर सुबह खाली पेट दो चम्मच शहद खाएं. लहसुन कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि लहसुन में ब्लडप्रेशर कम करने की क्षमता होती है. कच्चा हो या पका हुआ, दोनों तरह का लहसुन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार होता है. साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है. लहसुन नाइट्रिक ऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड के उत्पादन को उत्तेजित करके रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने में मददगार होता है. रोज़ाना एक या दो कुचले हुए लहसुन खाएं. आप इसे अपने हाथों से भी कुचल सकते हैं. लहसुन को कुचलने से हाइड्रोजन सल्फाइड पैदा होता है. यह रक्त प्रवाह को सामान्य रखता है, गैस निकालता है और दिल पर दबाव कम करता है. मेथी के बीज मेथी के बीज में उच्च पोटैशियम और फाइबर होने के कारण यह उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए प्रभावी है. दो चम्मच मेथी के बीजों को पानी में लगभग दो मिनट तक उबालें और फिर इसे ठंडा कर लें. इसके बाद इसके बीज निकालकर उसका पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को रोज दो बार खाएं. अपने रक्तचाप के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार के लिए इस उपाय को दो से तीन महीनों तक करें. नींबू नींबू धमनियों को नरम रखने में सहायक होता है. जब रक्त वाहिकाओं में कठोरता नहीं होगी तो उच्च रक्तचाप स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगा. इसके अलावा आप नींबू के नियमित सेवन से हार्टफेल की संभावना को भी कम कर सकते हैं. विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को बेअसर करने में मदद करता है. तरबूज के बीज तरबूज के बीज में कूक्रोबोकिट्रिन नामक एक यौगिक होता है, जो कि रक्त कोशिकाओं को चौड़ा करने में मदद करता है. यह किडनी के कामकाज को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, साथ ही यह रक्तचाप के स्तर को कम करता है. ये भी पढ़ेंः ब्लडप्रेशर से जुड़ी 10 भ्रांतियों का सच (10 High Blood Pressure Myths: Get The Facts)

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