Loan Guide
अगर लोन लेने की सोच रहे हैं, तो ज़रूरी है बैंक से लोन संबंधी सभी ज़रूरी जानकारियां हासिल कर लें. लोन की ईएमआई, इंटरेस्ट रेट, प्रक्रिया आदि पहलुओं पर गौर कर लें, ताकि सही निर्णय ले सकें.
लोन संबंधी जनरल टिप्स
कोई भी लोन लेने से पहले मार्केट की पूरी रिसर्च कर लें, जैसे- बैंक की ब्याज दर, लोन की अवधि, किन-किन डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत होगी? महिलाओं के लिए कोई विशेष ऑफर हैं? इत्यादि.- लोन ऐसी संपत्ति के लिए लें, जिसे भविष्य में बेचने पर मुनाफ़ा मिले.
- अपनी वार्षिक आय के 5 गुना से ज़्यादा लोन न लें.
- लोन लेने में किसी तरह की जल्दबाज़ी न करें. सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के बाद ही कोई निर्णय लें.
- डॉक्यूमेंट्स की सभी फोटोकॉपीज़ को अटेस्ट कराकर तैयार रखें.
- लोन संबंधी डॉक्यूमेंट्स जमा करते समय बैंक एग्ज़ीक्यूटिव को घर-कार आदि के ओरिजनल पेपर्स न दें.
- लोन के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने से पहले सभी ज़रूरी सूचनाओं को अच्छी तरह पढ़ व समझ लें. किसी तरह का संदेह होने पर बैंक एग्ज़ीक्यूटिव से संपर्क करें.
- यदि आप किसी चार्जेस या फी के संबंध में कोई चेक इश्यू कर रहे हैं, तो बैंक के नाम से चेक इश्यू करें, न कि एग्ज़ीक्यूटिव के नाम पर.
- डॉक्यूमेंट्स जमा करने के बाद, यदि आपका लोन लेने का निर्णय बदलता है, तो तुरंत बैंक को सूचित करें.
- एक अवधि के बाद यदि लोन के स्वीकृत और अस्वीकृत होने की सूचना बैंक से नहीं मिलती है, तो तुरंत संबंधित अधिकारी से संपर्क करें.
- कोई भी लोन लेने के लिए एक साथ एक से अधिक बैंकों में अप्लाई न करें.
- लोन लेने से पहले अपने क्रेडिट कार्ड के सभी बिलों का भुगतान कुछ महीने पहले ही कर दें.
- लोन की राशि अधिक होने पर बैंक को गारंटर का प्रूफ देना होता है.
होम लोन
* वित्तीय संस्थान या बैंक प्रॉपर्टी/घर की क़ीमत के 80% वैल्यू तक ही लोन देते हैं. * अधिकांश बैंकों में होम लोन को चुकाने की अवधि 20 साल तक की है, पर कुछ बैंकों ने इस अवधि को बढ़ाकर 30 साल तक भी कर दिया है. * लोन की अवधि बढ़ने से ईएमआई की रक़म तो कम होती है, पर अतिरिक्त ब्याज की राशि भरने का नुक़सान भी होता है. इसलिए अपने ख़र्चों व बचत को ध्यान में रखकर लोन की अवधि का चुनाव करें. * बैंक अपने क्लाइंट को आकर्षित करने के लिए कम ब्याज दर और स्पेशल स्कीम्स के साथ होम लोन की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, इसलिए होम लोन लेने से पहले अनुबंध पर लिखे सभी नियम व शर्तों को अच्छी तरह पढ़ व समझ लें. * विशेष स्कीम्स के बारे में किसी तरह का संदेह होने पर बैंक के लोन संबंधी अधिकारी से संपर्क करें. * डील फाइनल होने से पहले बैंक के अधिकारी से एडमिनिस्ट्रेशन चार्जेस, सर्विस चार्जेस/प्रोसेसिंग फी के बारे में सारी जानकारियां प्राप्त कर लें. * अपनी वर्तमान नौकरी व आय को ध्यान में रखकर होम लोन की ईएमआई की राशि तय करें. ईएमआई का भुगतान समय पर न करने पर पेनाल्टी भी भरनी पड़ेगी. * लोन एग्रीमेंट की सारी कार्यवाही पूरी करने के बाद और हस्ताक्षर करने से पहले एग्रीमेंट को अच्छी तरह से पढ़ लें, फिर हस्ताक्षर करें. * होम लोन वेतनभोगी और व्यवसाय करनेवाले किसी भी व्यक्ति को मिल सकता है. यदि आप वेतनभोगी हैं, तो लोन लेने के लिए पहचान पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर पहचान पत्र, पैन कार्ड या पासपोर्ट- इनमें से किसी एक की फोटोकॉपी), इन्कम डॉक्यूमेंट्स (पिछले 2 महीने की सैलरी स्लिप, फॉर्म 16 (अगर मासिक वेतन 20 हज़ार रुपए से अधिक है तो), पिछले 3 महीने के बैंक स्टेटमेंट, कंपनी/कार्यालय का पहचान पत्र बैंक में जमा कराने होते हैं. * जबकि व्यवसाय करनेवाले व्यक्ति को होम लोन लेने के लिए पहचान पत्र, रेसिडेंस प्रूफ और इन्कम डॉक्यूमेंट्स (सेविंग और करंट एकाउंट के पिछले 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट, पिछले 2 साल की बैलेंस शीट और प्रॉफिट-एंड-लॉस एकाउंट की कॉपी, पिछले 2 साल की इन्कम टैक्स रिटर्न की कॉपी, कॉन्ट्रैक्ट की डिटेल्स आदि) जमा कराने होते हैं.पर्सनल लोन
* हर बैंक के पर्सनल लोन की ब्याज दर अलग-अलग होती है. इसलिए अनेक बैंकों से ब्याज दर के अलावा प्री-पेमेंट चार्जेस, डॉक्यूमेंट्स, एग्रीमेंट के नियम व शर्तों के बारे में सारी जानकारियां हासिल करें. * पर्सनल लोन की ब्याज दर अन्य लोन की तुलना में अधिक होती है, इसलिए लोन लेते व़क्त उसकी समय-सीमा और ईएमआई सोच-समझकर तय करें. * लोन की अवधि कम से कम रखें. यदि लोन की अवधि अधिक होगी, तो ब्याज भी अधिक देना पड़ेगा. * डॉक्यूमेंट्स के तौर पर पहचान पत्र, रेसिडेंस प्रूफ, सैलरी स्लिप, फॉर्म 16, पिछले 2 महीने के बैंक स्टेटमेंट की फोटोकॉपी की आवश्यकता होती है. * यदि आप सेल्फ एंप्लॉइड हैं, तो पिछले 2 साल की बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट और एग्रीमेंट की ज़रूरत होती है. * लोन को चुकाने की अवधि अमूमन 1-5 साल तक की होती है. किसी वजह से ईएमआई न भर पाने या निर्धारित अवधि तक लोन का भुगतान न कर पाने, जैसे विषयों पर पहले से ही सारी जानकारी प्राप्त कर लें.कार लोन
कार की क़ीमत तय होेने के बाद ही लोन के लिए अप्लाई करें.- कार लोन को चुकाने की अवधि 5-7 साल तक होती है. इसलिए अपनी आय को ध्यान में रखकर कार की ईएमआई तय करें.
- लोन अप्लाई करने से पहले कार एजेंसी से बैंक की विश्वसनीयता और साख के बारे में पूछताछ कर लें. फिर लोन की कार्यवाही शुरू करें.
- बैंक कार की लागत का केवल 90% तक ही लोन देते हैं. एक्सेसरीज़ का ख़र्च स्वयं वहन करना पड़ता है.
- दस्तावेज़ के तौर पर बैंक में आईडी प्रूफ, रेसिडेंस प्रूफ, इन्कम डॉक्यूमेंट्स और कार के पेपर्स (परफॉर्मा इंवॉइस, फॉर्म 20, आरसी आदि) जमा कराने होते हैं.
- बैंक में लोन संबंधी दस्तावेज़ों को जमा कराने से पहले कार की इंवॉइस डिटेल्स अच्छी तरह से चेक कर लें.
- लोन लेते समय इंश्योरेंस कवर नोट और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) बैंक के फेवर में ही लें.
- किसी भी व्यक्ति को नक़द भुगतान करने की बजाय बैंक के नाम से क्रॉस्ड या पोस्ट डेटेड चेक दें.
- ऋण से जुड़ी सभी कार्यवाही पूरी होने के बाद बैंक से एनओसी लेना न भूलें.
- सभी नियमों व शर्तों को पढ़ने के बाद ही दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करें और उसकी फाइनल रसीद लेकर कार डीलर के पास जमा कराएं.
एजुकेशन लोन
* एजुकेशन लोन लेने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना चाहिए. इससे बैंक और लोन होल्डर के बीच रिकॉर्ड मेंटेन रहता है. * दस्तावेज़ के तौर पर बर्थ सर्टिफिकेट, आईडी प्रूफ, रेसिडेंस प्रूफ, एजुकेशन प्रूफ (जो कोर्स करने जा रहे हैं, उसके एंटेरेंस टेस्ट की मार्कशीट या ऑफर लेटर), पैरेंट्स का आईडी प्रूफ, सैलरी स्लिप, फॉर्म 16 आदि बैंक में जमा कराने पड़ते हैं. * यदि पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं, तो इन डॉक्यूमेंट्स के साथ पासपोर्ट और वीज़ा की कॉपी भी जमा करानी होती है. * एजुकेशन लोन की ब्याज दर अनेक कारणों पर निर्भर करती है. अधिकतर बैंकों में ब्याज दर 10-15% तक होती है. फिर भी लोन लेने से पहले 3-4 बैंकों से ब्याज दर सहित अन्य जानकारियां ज़रूर प्राप्त करें. * एजुकेशन लोन का भुगतान कोर्स ख़त्म होने की अवधि के बाद सामान्यतया 7 साल तक करना होता है. * लोन की राशि 4 लाख रुपए तक की होती है, जिसमें बैंक को किसी गारंटर या सिक्योरिटी की आवश्यकता नहीं होती. * 4 लाख से साढ़े सात लाख तक के एजुकेशन लोन के लिए बैंक को गारंटर की आवश्यकता होती है. * साढ़े सात लाख रुपए से अधिक लोन लेने पर बैंक में सिक्योरिटी, जैसे- फिक्स्ड डिपॉज़िट, घर, एलआईसी की रसीद या गोल्ड आदि जमा कराना होता है. [amazon_link asins='B06XD3V698,B00RTHM5GO,B01KNXBL1K,B072DRMB95' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='95987633-b8a9-11e7-bf20-7f8ea13d6bc4']
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