दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का बहुत महत्व होता है. वास्तु के अनुसार, इस ख़ास मौ़के पर लक्ष्मीजी पूजने मात्र से ख़ुश हो जाती हैं और उनकी कृपा दृष्टि सदैव भक्तों पर बनी रहती है. कैसे करें लक्ष्मी जी की विधिवत् पूजा? आइए, जानते हैं.
कैसे करें लक्ष्मी पूजन?
सही दिशा का चुनाव
- दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तर दिशा का चुनाव करें.
- उत्तर दिशा का संबंध धन-संपत्ति से होता है.
- ऐसे में उत्तर दिशा में लक्ष्मी जी की पूजा करने से अधिक व शीघ्र लाभ मिलता है.
- अपने निजी ऑफिस में भी
लक्ष्मीजी की पूजा के लिए उत्तर दिशा ही चुनें. - इस दिशा में अलमारी, लॉकर आदि रखने से धन में बढ़ोतरी होती है, पैसों की कमी कभी नहीं होती.
मुहूर्त जानना भी है ज़रूरी
जानकार पंडित या पुजारी से लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त जान लें. ठीक उसी समय माता लक्ष्मी की विधिवत् पूजा करें. मुहूर्त को ध्यान में रखकर पूजा करने से लाभ की प्राप्ति शीघ्र होती है.
लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AM
यूं करें विधिवत पूजा
लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठें. अगर आप ऑफिस में लक्ष्मी पूजन कर रहे हैं, तो उत्तर दिशा चुनें.
- सबसे पहले माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर एवं इंद्र देव की मूर्ति को गीले कपड़े से साफ़ कर लें.
- मूर्तियों को पूजा घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, पहले लक्ष्मीजी, फिर गणेश, कुबेर और आख़िर में इंद्र देव.
- मूर्तियों को स्थापित करने के बाद पूजा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में साफ़ पानी से भरा कलश रखें.
- लक्ष्मी पूजन की शुरुआत शुद्ध देशी घी के दीपक, सुगंधित धूपबत्ती और अगरबत्ती से करें और सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें.
- भगवान गणेश की पूजा के बाद नवग्रह को पूजें, उसके बाद माता लक्ष्मी का आह्वान करें.
- गंगा जल, दूध, दही, देशी घी और शहद को मिलाकर पंचामृत बना लें. इससे लक्ष्मीजी की मूर्ति को स्नान करवाएं.
- अब लक्ष्मीजी की मूर्ति को पंचामृत से निकालकर गंगा जल से भरे बर्तन में डाल दें. फिर बाहर निकालकर साफ़ और सूखे कपड़े से पोंछ लें.
- लक्ष्मीजी की मूर्ति को पुनः उनके स्थान पर रख दें और तिलक लगाकर फूल, वस्त्र (कपड़े), शृंगार की सामग्री चढ़ाएं.
- अब धूप-दीप जलाएं और माता लक्ष्मी को दिखाते हुए लक्ष्मी कथा का वाचन करें.
- कथा वाचन के बाद माता लक्ष्मी के आगे भोग चढ़ाएं. उन्हें दक्षिणा भी दें.
- पूरे श्रद्धाभाव से परिवार सहित माता लक्ष्मी की आरती गाएं.
- आरती के बाद फिर एक बार फूल चढ़ाएं और हाथ जोड़कर उनसे सदैव घर में बसे रहने की प्रार्थना करें.
लक्ष्मी पूजा मंत्र:
मां लक्ष्मी मंत्र
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र
ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दा
दीपावली के दिन कैसे करें घर की सजावट?
घर की साफ़-सफ़ाई के बाद घर को वास्तु के अनुसार सजाएं. इससे न स़िर्फ घर की शोभा दुगुनी हो जाती है, बल्कि सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है. वास्तु के अनुसार घर की सजावट कैसे करनी चाहिए? चलिए, हम बताते हैं.
तोरण
- घर के मुख्य द्वार को गेंदे के फूल और आम के ताज़े पत्तों से बने तोरण से सजाएं. इससे सुख, सौभाग्य और सफलता की प्राप्ति होती है.
- चाहें तो मुख्य द्वार को सजाने के लिए बाज़ार में उपलब्ध तोरण भी ख़रीद सकती हैं. मगर इनका चुनाव मुख्य द्वार की दिशा को ध्यान में रखकर करें.
दीये
- इलेक्ट्रॉनिक या कैंडल की बजाय घर के कोने-कोने में दीये जलाएं.
प प्रत्येक दीये में चार बत्ती लगाएं. लक्ष्मी, गणेश, कुबेर और इंद्रदेव के लिए.
रंगोली
- मुख्य द्वार के ठीक सामने और पूजा घर में दो जगह रंगोली ज़रूर बनाएं.
- रंगोली बनाने के लिए केमिकलयुक्त कलर की बजाय हल्दी, चंदन, चावल के आटे आदि का इस्तेमाल करें. ये पवित्रता के प्रतीक माने जाते हैं.
पदचिह्न
- बाज़ार में उपलब्ध माता लक्ष्मी के पद चिह्नों को मुख्य द्वार से चिपकाते हुए अंदर पूजा घर तक ले जाएं, जैसे लक्ष्मीजी मुख्य द्वार से पूजा घर में प्रवेश कर रही हों.
- चाहें तो अन्य मांगलिक चिह्न से भी घर सजा सकती हैं, जैसे ओम्, स्वस्तिक आदि.
लाइटिंग
- यलो, गोल्डन और व्हाइट शेड की लाइटिंग से घर को रोशन करें. ऑफिस के लिए ग्रीन कलर की लाइटिंग का चुनाव करें.
- रेड कलर की लाइटिंग घर या ऑफिस में न लगाएं, इससे धन की हानि होती है.
- दीपावली की सुबह अपने घर-आंगन को फूल से सजाएं. फूल सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
- वास्तु के अनुसार गुलाब, लिली और गेंदे के फूल ज़्यादा असरदार होते हैं.
…ताकि पूजा में न रह जाए कमी
- माता लक्ष्मी के समक्ष कमल का फूल ज़रूर रखें. माता लक्ष्मी कमल के फूल से प्रसन्न होती हैं.
- पूजा के दौरान आप चांदी का सिक्का भी माता के समक्ष रख सकती हैं, इससे भी लाभ की प्राप्ति होती है.
- पूजा की थाली में हल्दी, कुमकुम, केसर, चावल, मिठाई आदि रखें. हां, माता के सामने नारियल रखना भी न भूलें.
- लक्ष्मी पूजन के दौरान तांबे और कांसे के दीये, कलश आदि का इस्तेमाल करें, स्टील के बर्तनों के इस्तेमाल से बचें.
- माता लक्ष्मी के समक्ष शुद्ध देशी घी का मिट्टी का दीया जलाएं.
- लक्ष्मी पूजन के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कलश पर ओम् एवं स्वस्तिक का चिह्न ज़रूर बनाएं.
- ओम् और स्वस्तिक का चिह्न पूजा घर की दीवारों पर भी बना सकती हैं, ये शुभ माना जाता है.
रखें इन बातों का ख़्याल
अगर आप शादीशुदा हैं, तो पति के साथ लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करें. ऐसा करना अधिक लाभदायक है.
- लक्ष्मी पूजन के दिन सकारात्मक वातावरण के लिए घर में मधुर धार्मिक संगीत लगाएं और सुगंधित धूपबत्ती और अगरबत्ती जलाएं.
- पूजा घर की सजावट के लिए उचित स्थान पर स्वस्तिक, लक्ष्मी पद चिह्न, ओम् आदि मांगलिक चिह्न चिपकाएं.
- लक्ष्मी मां के स्वागत के लिए न स़िर्फ पूजा घर, बल्कि मुख्य द्वार पर बाहर की ओर भी बड़ी-सी रंगोली बनाएं.
- पूजा समाप्त होने के बाद पूजा घर का दरवाज़ा बंद न करें. दरवाज़ा खुला रखें और रातभर जागरण करें.
- माता लक्ष्मी की पूजा पूरे श्रद्धाभाव से करें. स़िर्फ धन प्राप्ति के उद्देश्य से लक्ष्मीजी की पूजा न करें, वरना आप उनकी कृपा से वंचित रह जाएंगे.
…ताकि घर बन जाए लक्ष्मी का निवास
लक्ष्मी पूजन के पश्चात् माता लक्ष्मी को सदैव के लिए अपने घर में विराजमान करना चाहती हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखेंः
- पानी से भरे कलश को पूर्व दिशा में रखें. ऐसा करने से व्यापार बढ़ता है और नए प्रोजेक्ट शुरू होने की संभावना भी दुगुनी हो जाती है.
- उत्तर दिशा का संबंध धन से होता है, इसलिए इस दिशा को प्रभावशाली बनाने के लिए तीन सिक्कों को लाल रंग के कपड़े में बांधकर पानी से भरे बाउल समेत उत्तर दिशा में रख दें.
- कुबेर स्थान एवं इंद्र स्थान की जागरूकता के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर आईना लगाएं. इससे आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है.
- पश्चिम दिशा में लक्ष्मीजी की तस्वीर लगाएं. इससे माता की कृपा सदैव बनी रहती है. भूल से भी फोटो को दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें.
- बाज़ार में बतौर डेकोरेटिव आइटम मिलने वाली कुबेर की प्रतिमा को घर में रखने से भी धन की प्राप्ति होती है. हां, कुबेर की प्रतिमा को उत्तर दिशा की ओर टेबल या शेल्फ पर रखें.
- आर्थिक स्थिति को मज़ूबत बनाने के लिए हरियाली का पोस्टर उत्तर दिशा की दीवार पर लगाएं. इससे पैसों की कमी नहीं होगी.