मैरिड हैं, तो हैप्पी हैं (Does Marriage Make You Happier)
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हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार, शादीशुदा जोड़े अधिक ख़ुशहाल जीवन (Does Marriage Make You Happier) व्यतीत करते हैं. पति-पत्नी के बीच होनेवाली खट्टी-मीठी तकरार, छोटी-छोटी समस्याएं शादीशुदा जोड़ों के जीवन में नए रंग भरती हैं. इस अध्ययन में यह भी बात सामने आई कि अविवाहित लोगों के मुक़ाबले विवाहित लोग अधिक ख़ुशनुमा जीवन गुज़ारते हैं यानी आप मैरिड हैं, तो आप हैप्पी हैं, कहना है मैरिज काउंसलर डॉ. राजीव आनंद का. इसके बारे में हमने उनसे बात की. आइए, इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में जानते हैं.
* कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिनमें हम कमोबेश हर रिश्ते को जीते हैं. जीवनसाथी के साथ कुछ ऐसा ही रिश्ता होता है. कभी रुठना-मनाना, प्यार-मनुहार, एक-दूसरे की कमियों व ख़ूबियों को पहचानना-जताना. इस रिश्ते में हम आलोचक और प्रशंसक दोनों ही भूमिकाओं का ख़ूबसूरत संगम देखते हैं.
* अक्सर देखा गया है कि इंसान अकेला होने पर अपनी समस्याओं को बांटने में थोड़ा कंजूस हो जाता है.
* वैसे भी अकेले होने पर समस्याएं आने पर व्यक्ति अधिक तनावग्रस्त भी हो जाता है. फिर चाहे वो समस्या व्यक्तिगत हो या ऑफिस से जुड़ी हो.
* यदि आप शादीशुदा हैं, तो अपने पार्टनर से आप हर अच्छी-बुरी बात, मन का डर, अंर्तद्वंद्व को शेयर कर पाते हैं.
* जबकि कुंआरे होने पर ज़रूरी नहीं कि हर समस्या माता-पिता, दोस्तों या कलीग से कही जा सके या विचार-विमर्श की जा सके.
* प्रायः अकेले होने पर कई तरह के तनाव आपको अकेले ही झेलने पड़ते हैं. जबकि विवाहित लोग जीवनसाथी से अपनी समस्याओं को बांटकर दिलो-दिमाग़ को हल्का कर लेते हैं.
* कई बार देखा गया है कि पार्टनर से अपनी मन की बात कहकर जहां हम अपने दर्द को बांट पाते हैं, वहीं हमें सही सलाह और समाधान भी मिल जाता है.
* इस तरह पति-पत्नी दोनों हेल्दी भी रहते हैं, क्योंकि कई बार बीमारी की वजह मन में परत-दर-परत तह की गई बातें और दबाई हुई प्रतिक्रियाएं भी होती हैं.
* यदि आपके वैवाहिक जीवन की शुरुआत अच्छी और सकारात्मक तरी़के से होती है, तो इसका सीधा असर आपके भविष्य पर पड़ता है, जो बेहद ख़ुशनुमा और रोमांच से भरपूर होता है.
* डॉ. राजीव आनंद का मानना है कि शादीशुदा जीवन में आप जीवन के ऐसे कई उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुज़रते हैं, जहां पर जीवनसाथी का भरपूर संबल आपको मिलता है. इससे शादीशुदा जोड़े अधिक ख़ुश भी रहते हैं. दरअसल, कुछ भावनात्मक ज़रूरत ऐसी होती है, जो आप जीवनसाथी के साथ ही पूरा कर पाते हैं. और जब वे ज़रूरतें पूरी होती हैं तो आतंरिक ख़ुशी होती है.
* जब दो लोग मिलकर आर्थिक ज़रूरतों को संभालते हैं, तब ज़िंदगी जीना और भी आसान हो जाता है. वे फाइनेंशियली अधिक मज़बूत भी हो जाते हैं. उस पर पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग है, तो कई चीज़ों की प्लानिंग करना, जीवन को और भी बेहतर बनाना आसान हो जाता है. साथ ही आप जॉइंट अकाउंट, इंश्योरेंस व इंवेस्टमेंट पॉलिसीज़ आदि का अधिक लाभ उठा पाते हैं.
* एक अच्छी व संतुष्ट सेक्स लाइफ भी जीवन में नई ख़ुशियां लाती है और वैवाहिक जोड़े अच्छी सेक्स लाइफ जीते हैं. एक शोध के अनुसार, 40% वैवाहिक जोड़े एक दिन में दो बार सेक्स करते हैं और वे अपनी सेक्सुअल लाइफ से ख़ुश व संतुष्ट भी हैं. जबकि अविवाहित लोगों में 20% ही संतुष्ट रहते हैं.
* दरअसल वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी दोनों को ही एक-दूसरे से मानसिक और शारीरिक सहयोग व सुरक्षा मिलती है. इसके अलावा घर-बाहर दोनों ही क्षेत्र में वे एक-दूसरे को सहयोग देते हैं.
यदि अब भी आप शादी को बरबादी या जी का जंजाल समझते हैं, तो अपनी इस सोच पर एक बार फिर विचार करें. अविवाहित रहना आपका व्यक्तिगत ़फैसला हो सकता है, पर शादीशुदा जोड़े कुंआरों की तुलना में अधिक ख़ुशहाल जीवन जीते हैं, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. और हाल ही में किए गए शोध ने भी इस सच्चाई को पुख़्ता किया है.