डायबिटीज़ में मिलेगा लाभ, मंत्र-मुद्रा-मेडिटेशन के साथ (Fight Diabetes With Manta-Mudra-Meditation)
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अस्वस्थ्य जीवनशैली, तनाव, डिप्रेशन और चिंता ने तमाम बीमारियों को जन्म दिया है और उन्ही में से एक बीमारी है डायबिटीज़, जिसे मधुमेह या आम भाषा में शुगर भी कहा जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ़ बड़ों को ही नहीं, बल्कि बच्चों को भी तेज़ी से अपना शिकार बना रही है. इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में 46 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और 2045 तक यह संख्या 70 करोड़ के पार चली जाएगी. हमारे देश में स्थिति और भी भयावह है. भारत को विश्व का डायबिटीक कैपिटल कहा जाता है. ऐसा अनुमान है कि विश्व में डायबिटीज़ से पीड़ित होनेवाला हर पांचवां व्यक्ति भारतीय है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 2000 में भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या 3 करोड़ 20 लाख थी, जो 2013 में बढ़कर क़रीब दोगुनी 6 करोड़ 30 लाख हो गई. यह संख्या अगले 15 वर्षों में बढ़कर 10 करोड़, 10 लाख हो जाने का अनुमान है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश में हर साल 10 लाख से ज़्यादा लोग डायबिटीज़ के शिकार होकर मर रहे हैं. अमेरिका में यह मृत्यु का आठवां और अंधेपन का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है. इसी दिशा में मद्रास डायबिटीज़ रिसर्च फाउंडेशन द्वारा मई 2019 में किए गए अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज़ की समस्या से जूझ रहे 47% भारतीयों को अपनी बीमारी के बारे में पता नहीं होता है, जबकि मात्र 24% भारतीय ही इसे नियंत्रित करने में सफल होते हैं.
डायबिटीज़ इसलिए भी अधिक खतरनाक बीमारी मानी जाती है, क्योंकि यह अपने साथ कई अन्य बीमारियां भी लाती है. यह हार्ट अटैक, किडनी फेल्यर और आंखों की रोशनी जाने की वजह बन सकती है. आमतौर पर डायबिटीज़ के 90.95 प्रतिशत मरीज़ टाइप2 डायबिटीज़ से पीड़ित होते हैं. एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पैंक्रियाज़ पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं करता, जिससे रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है. निश्चित रूप से इसका एक बड़ा कारण पिछले 4-5 दशकों में फास्टफूड का बढ़ता चलन, खान में शक्कर, मैदा और अनहेल्दी खाद्य पदार्थों का अत्यधिक प्रयोग, असक्रिय जीवनशैली व एक्सरसाइज़ की कमी है. हालांकि ये ऐसी बीमारी है जिसमें दवा से ज़्यादा लाइफस्टाइल और डायट में बदलाव का असर होता है. डॉक्टरों के अनुसार, डायबिटीज़ से बचने के लिए आहार व दिनचर्या संतुलित व संयमित होनी चाहिए, साथ ही डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है. दवाओं, डायट व एक्सरसाइज़ के साथ-साथ मंत्र, मुद्रा व मेडिटेशन भी अहम् भूमिका निभा सकता है. इस दिशा में हुए शोध के अनुसार, लगभग 70% डायबिटीज़ के मरीज़ योग, मुद्रा व मंत्र के सामूहिक प्रयास से ठीक हो जाते हैं, जबकि 20% मरीज़ों का इंसुलिन की खुराकें कम हो जाती हैं.
योग विज्ञान में डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए बहुत उपयोगी मंत्र व मुद्रा बताई गई है. डायबिटीज़ नियंत्रित रखने में कारगर मुद्रा है समान मुद्रा. समान मुद्रा एक बहुत शक्तिशाली मुद्रा है. ये हमारे पाचन तंत्र व पेट के सिस्टम को ठीक करती है. इसे 10 मिनट सुबह-शाम करने से डायबिटीज़ के मरीज़ों को बेहद लाभ मिलता है, क्योंकि इससे प्राणिक शक्ति संतुलित होती है. ग़ौरतलब है कि हमारे पेट में समान वायु चलती है, इसलिए समान मुद्रा पैनक्रियाज़ को समान सिस्टम में लेकर आती है.
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समान मुद्रा लगाने के लिए हथेलियों को घुटनों पर रखकर पांचों उंगलियों के अग्रभाग को आपस में मिलाएं और इसके साथ ओम अग्नि देवाय नमः का जाप करें. इस मंत्र के माध्यम से हम अग्नि देव को प्रणाम करते हैं और अग्नि देव से यह प्रार्थना करते हैं कि हमारे पेट में जो समान वायु है, उसे वापस जागृत करें और उन्हें संतुलित करें. इस मंत्र का उच्चारण करते समय वाणी थोड़ी ऊंची रखनी चाहिए. मंत्र के माध्यम से हम अग्नि का आह्वान करते हैं, क्योंकि पेट जठराग्नि कमज़ोर या अधिक हो जाने पर पैंक्रियाज़ की प्रोडक्शन क्षमता कम हो जाती है, उसे मंत्र के माध्यन से वापस जाग्रत करते हैं. मंत्र के वायब्रेशन और शक्ति से डायबिटीज़ जैसी विकराल समस्या से मुक्ति मिलती है. इसके साथ योग व ध्यान साधना चमत्कारी परिणाम दे सकती है.
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मंत्र और मुद्रा के साथ मेडिटेशन करने से अधिकतम लाभ मिलता है. मेडिटेशन एक ऐसी दवा की तरह काम करता है, जिसके जरिए हर तरह की बीमारी का इलाज किया जा सकता है. मेडिटेशऩ करने से हमारा पूरा शरीर शांत हो जाता है और समस्त तनाव दूर हो जाता है. रिसर्च बताते हैं कि ध्यान अभ्यास के दौरान दिमाग़ी तरंगे धीमी होकर 4-10 हर्ट्स पर काम करने लगती है, जिससे कि हमें पूरी तरह से शांत होने का एहसास मिलता है. इससे हमारे शरीर को भी अनेक लाभ मिलते हैं, जैसे कि बेहतर नींद आना, रक्तचाप में कमी आना, रोग-प्रतिरोधक क्षमता और पाचन प्रणाली में सुधार आना और दर्द के एहसास में कमी आना इत्यादि. ये सभी लाभ के ध्यान से हमें अपनेआप ही मिलते हैं. डायबिटीज़ पर नियंत्रण के लिए समान मुद्रा लगाकर ओम अग्नि देवाय नमः का उच्चारण करते हुए ध्यान में उतर जाएं और मणिपुर चक्र में पूरी तरह तल्लीन हो जाएं. जैसे ही आपका मणिपुर चक्र यानी नाभिचक्र संतुलित होगा, आपकी पैक्रियाज़ का फंक्शन भी संतुलित होने लगेगा. ऐसा होने पर आपके शरीर को अपनेआप इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में मिलने लगेगी. जिससे डायबिटीज़ की समस्याओं से मुक्ति के द्वार खुल जाएंगे.
सिर्फ डायबिटीज़ ही नहीं, ध्यान और मंत्र-मुद्रा की मदद से आप हृदय संबंधी रोग, ब्लडप्रेशर, जोड़ों में दर्द जैसी 1-2 नहीं, बल्कि 48 बीमारियों से निजात पा सकते हैं. इसके लिए डाउनलोड करें वैदिक हीलिंग मंत्र ऐप. जिसमें 48 बीमारियों से संबंधित 48 मंत्रों व मुद्राओं के साथ-साथ 48 रोगों के लिए गाइडेड मेडिटेशन टेक्नीक यानी ध्यान के तरीक़ों की भी जानकारी दी गई है. इस तरह आप मंत्र, मुद्रा व ध्यान विज्ञान की इस प्राचीन विद्या का लाभ उठाकर स्वस्थ-निरोगी जीवन पा सकते हैं. ये ऐप एंड्रॉयड व आइओएस दोनों के लिए उपलब्ध है. मेडिटेशन की इन ख़ास तकनीकों के बारे में जानने के लिए 14 दिनों का फ्री ट्रायल पीरियड आज ही ट्राई करें और हमेशा स्वस्थ रहें.