रेटिंग: 3 ***
रणबीर कपूर एक बार फिर एनिमल में छा गए अपने इमोशनल व एक्शन अंदाज़ को लेकर. शायद पहली बार उन्होंने अपनी किसी फिल्म में इतना एक्शन, मारधाड़ व ख़ून-ख़राबा किया है और निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने भी क़त्ल-ए-आम दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी. वैसे कबीर सिंह, अर्जुन रेड्डी से ही वे इस तरह के कारनामे करने में माहिर रहे हैं.
एनिमल की कहानी एक पिता-पुत्र पर केंद्रित होते हुए गैंग वॉर, आपसी रंजिश तक चली जाती है. रणबीर कपूर अपने क़िरदार रणविजय में पूरी तरह से डूबते-उतरते दिखाई देते हैं. पापा बने अनिल कपूर भी बलबीर सिंह के रूप में लंबे समय के बाद शानदार क़िरदार में दिखें.
रणबीर के लिए उसके पापा उसके सुपर हीरो हैं. वह अपने पिता के लिए कुछ भी कर गुज़रने को तैयार रहता है. ये पिता के प्रति प्यार की इंतेहा ही रहती है कि वो टीचर की मार-सज़ा से लेकर प्रतिशोध लेने के लिए खून तक करने लग जाता है. अनिल कपूर और रणबीर के सीन्स और डायलॉग्स ज़बर्दस्त हैं. फादर-सन की अलग तरह की बॉन्डिंग, जो कहीं पर नाराज़गी लाती है, तो कहीं पर सहानुभूति. इन दृश्यों में अनिल-रणबीर ख़ूब जंचे भी हैं.
रणबीर की प्रेमिका से पत्नी की भूमिका में गीताजंली बनी रश्मिका मंदाना बेइंतहा ख़ूबसूरत लगी हैं. रणबीर-रश्मिका के रोमांटिक सीन्स कबीर सिंह मूवी की याद दिला देते हैं. बॉबी देओल, तृप्ति डिमरी, सुरेश ओबेरॉय, प्रेम चोपड़ा, शक्ति कपूर सभी ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है.
बी प्राक का सब कुछ भुला देंगे... गाना सुनने में अच्छा लगता है. मनोज मुंताशिर, गुरिंदर सैगल, मनन भारद्वाज, सिद्धार्थ गरिमा के गीत प्रभावशाली हैं. श्रेयस पुराणिक, आशिम केमसन का म्यूज़िक कहीं पर बहुत ही लाउड, तो कहीं पर दिल को गुनगुनाने को मजबूर कर देता है. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक ज़बर्दस्त है, तो कई एक्शन रोंगटे खड़े कर देते हैं. संथाना कृष्णा रविचंद्रन की सिनेमैटोग्राफी लाजवाब है. निर्माताओं की पूरी टीम है, जिसमें भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, मुराद खेतानी, प्रणय रेड्डी वांगा शामिल हैं.
बॉबी देओल फिल्म का सबसे आकर्षक सरप्राइज़ पैक रहे. रणबीर के साथ उनके एक्शन सीन पर लोगों की जमकर तालियां बजीं. कहते हैं लंदन में बेहद ठंड के मौसम में रणबीर-बॉबी के शर्टलेस एक्शन सीन्स फिल्माए गए थे. बॉबी को उन्हें छोटे पर जानदार रोल में सभी ने पसंद किया. बिना संवाद के ही उन्होंने अपने विभस्त एक्शन से बहुत कुछ कह दिया. फिल्म में बॉबी गूंगे हैं, लेकिन उनकी आंखें बहुत कुछ कहती हैं.
फिल्म का अंत दिलचस्पी के साथ जिज्ञासा भी पैदा करता है. साथ ही निर्देशक ने यह भी ज़ाहिर कर दिया है कि एनिमल का पार्ट टू एनिमल द पार्क भी आनेवाला है.
यूं तो निर्देशक संदीप ने पिता-पुत्र के संबंध को लेकर लाजवाब फिल्म बनाई है, लेकिन मूवी में वॉयलेंस इतना ज़्यादा और ख़तरनाक है, जिसके कारण फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया गया है. इसके द्विअर्थी संवाद तो कहीं पर हंसाते हैं, तो कहीं पर शर्मिंदा भी कर देते हैं. कई दृश्य दिलों को घबराहट के साथ तनाव भी पैदा कर देते हैं.
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संदीप ने ही इसकी कहानी, संपादन और निर्देशन किया है, पर तिहरी भूमिका निभाते हुए वे कुछ जगहों पर चूक गए, ख़ासकर फिल्म की लंबाई, जिसे छोटा किया जा सकता था.
रणबीर कपूर का ज़रूरत से ज़्यादा वायलेंट वाला एक्शन कई जगहों पर अखरता है. रणबीर ने पहली बार बहुत अधिक ज़्यादतियां दिखाई है, अपने एक्शन के साथ अभिनय और प्यार के जुनून में भी. वैसे मारधाड़ के साथ भावनात्मक पहलुओं को देखनेवालों को एनिमल ज़रूर पसंद आएगी. टी-सीरीज़ के बैनर तले बनी एनिमल रणबीर कपूर के बेहतरीन अभिनय और संदीप रेड्डी के अफलातून निर्देशन के लिए याद की जाएगी.
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