- देव साहब का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था.
- देव आनंद की पहली कलर फिल्म गाइड थी.
- 1946 में पहली फिल्म हम एक हैं की शूटिंग के दौरान देव साहब की दोस्ती गुरुदत्त से हुई. दोनों में तय हुआ था कि दोनों में से जो पहले सफल होगा, वो दूसरे की करियर बनाने में मदद करेगा. सफल होने के बाद देव आनंद ने अपनी फिल्म बाज़ी के निर्देशन की ज़िम्मेदारी गुरुदत्त को सौंपी और फिल्म सुपरहिट रही.
- फैशन आइकॉन माने जाने वाले देव साहब ने बॉलीवुड में व्हाइट शर्ट और ब्लैक कोर्ट का ट्रेंड शुरू कर दिया था. हर शख़्स उन्हें फॉलो करने लगा था. एक ऐसा भी वक़्त आया जब सार्वजनिक स्थानों पर उनके ब्लैक कोर्ट में जाने पर कोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि लड़कियां उनके इस लुक की दिवानी होती जा रही थीं.
- देव आनंद के लिए फिल्मों में करियर बनाना आसान नहीं था. जब वो मुंबई आए थे तब उनके पास केवल 30 रुपए थे. मुंबई में टिके रहने के लिए उन्होंने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में लिपिक की नौकरी कर ली, जहां वो सैनिकों की चिट्ठियों को उनके परिवार वालों को पढ़कर सुनाते थे. इसके लिए उन्हें 165 रुपए सैलरी मिलती थी, जिसमें से 45 रुपए वो घर भेजते थे और बाक़ी से महीना गुज़ारते थे.
Link Copied