दिवस चतुर्थी आज है, गणपति आये द्वार।
बप्पा का है आगमन, झूम रहा संसार।।
स्वागत को आतुर सभी, सजा नवल पंडाल।
फूलों की माला सजे, तिलक सोहता भाल।।
गणपति की आराधना, मिलकर करते लोग।
स्थापित कर पूजन करें, और लगायें भोग।।
हे गणनायक नाथ गजानन विघ्न सदा हर एक हरेंगे।
दीन-दुखी जन के सब संकट विघ्न अनेक सदैव टरेंगे।।
देकर बुध्दि विवेक हमें गुण शील बनाय कृतार्थ करेंगे।
संग रहें कमला प्रभु के खुशियाँ घर-आँगन नित्य भरेंगे।।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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