ये त्योहार पति-पत्नी के आपसी रिश्ते में मनमुटाव और उनके बीच पनप गई किसी ग़लतफ़हमी या मतभेद को मिटाकर प्रेम की पुनर्स्थापना का भी अवसर है. मतभेदों या वैमनस्य को यज्ञ में अर्पित करके एक नया प्रेममय मन धारण करने की है.
हाथों में हरी चूड़ियां, माथे पर सजीली बिंदी, दीवान के अंधेरे कोनों से निकलकर हमारे तन पर सजकर इठलाता सुहाग का जोड़ा. तीज के त्योहार का परम्परागत अर्थ तो इन्हीं मीठी सिहरनो में डुबकी लगाने का अवसर लाता है.
लेकिन तीज के कुछ और भी संदेश हैं.. अर्थ हैं.. आइए, इस हरतालिका तीज पर इन्हें भी जानें.
यह भी पढ़ें: हरितालिका तीज: कैसे करे पूजन.. करें इन मंत्रों का जाप… (Hartalika Teej: Pooja Vidhi)
कहते हैं, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. पार्वती जी के पिछ्ले जनम में बिना शिव जी की सहमति के अपने मायके के यज्ञ में जाकर अपमानित होने की, फिर अपने पति के आत्मसम्मान के लिए यज्ञ में अपनी देह की आहुति दे देने की कथा तो हम सबने सुनी-पढ़ी ही है. फिर पार्वती जी के रूप में पुनर्जन्म लेकर शिवजी को अपनी कठिन तपस्या से प्रसन्न करने की मार्मिक गाथा हमारी पलकों में आंसू ले आती है. ये कहानी प्रतीक अर्थों में भी बहुत कुछ कहती है. तो ये त्योहार पति-पत्नी के आपसी रिश्ते में मनमुटाव और उनके बीच पनप गई किसी ग़लतफ़हमी या मतभेद को मिटाकर प्रेम की पुनर्स्थापना का भी अवसर है. मतभेदों या वैमनस्य को यज्ञ में अर्पित करके एक नया प्रेममय मन धारण करने की है. आइए व्रत के बहाने कुछ अपनी कहें, कुछ उनकी सुने और अपने रिश्ते को ‘रिन्यू’ करें.
तीज का व्रत अपनी प्रकृति की उपासना तथा उसके संरक्षण का भी संकेत देता है. इसमें सब कुछ हरा प्रकृति के साथ साम्य स्थापित करने तथा उसकी ख़ूबसूरती को समझने और सराहने हेतु धारण किया जाता है. तो आइए, इस हरतालिका तीज पर अपने आराध्य को पूजने के साथ-साथ कुछ ऐसा भी करें, जिससे हमारे आराध्य देव की जतन से बनाई और बचाई पृथ्वी भी तनिक ख़ुश हो सके.
- भावना प्रकाश
यह भी पढ़ें: सावन पर विशेष- सच्चा रुद्राभिषेक (Sawan Special- Sachcha Rudrabhishek)
डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु. 2600 का फ्री गिफ्ट.
Photo Courtesy: Freepik