
कुछ शख़्स और क़िरदार ऐसे होते हैं, जो सदा ही हमारे दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं. ऐसे ही शख़्सियत पंकज धीर अब हमारे बीच नहीं रहे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. वे महाभारत के ‘कर्ण’ के कालजयी भूमिका के ज़रिए सदा हमारे दिलों में रहेंगे.

टीवी से लेकर फिल्मों तक के अपने अभिनय सफ़र में हर रोल से उन्होंने प्रभावित किया. लेकिन 'महाभारत' के कर्ण की लोकप्रियता का आलम यह रहा कि उनकी तस्वीरों को स्कूल के सेलेब्स में कर्ण के रूप में स्थान मिला.

करनाल और बस्तर में उनका मंदिर तक है, जहां पर उनकी पूजा-आराधना की जाती है.

पंकज धीर अपने विचारों को लेकर हमेशा दृढ़ रहे. इस वाकए से आप इसे भलीभांति समझ सकते हैं. ‘महाभारत’ धारावाहिक के समय उन्हें अर्जुुन की भूमिका ऑफर की गई थी, पर इसके लिए उन्हें अपनी मूंछें हटानी पड़ती, जिसके लिए वे तैयार नहीं थे और उन्होंने मना कर दिया. लेकिन कुछ समय बाद प्रोडक्शन टीम ने उन्हें कर्ण के लिए आग्रह किया, जो वे मान गए. आगे चलकर उनके करियर में यह क़िरदार मील का पत्थर साबित हुआ.

अभिनय सफ़र पर एक नज़र...
- टीवी शोज़ ‘चंद्रकांता’ में श्रीकांता के रोल से प्रभावित किया.
- ‘देवों के देव महादेव’ में उनके हिमवान भूमिका को सराहा गया.
- ‘बढ़ो बहू' सीरियल में रघुवीर सिंह अहलवात से उन्होंने प्रभावित किया.
- इन सब के अलावा क़ानून, ससुराल सिमर का, अजूनी, द ग्रेट मराठा, युग, पुलिस 100, अदालत सीरियल्स में अपने विभिन्न भूमिकाओं से उन्होंने दर्शकों में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई.
- साल 1993 में ‘ज़ी हॉरर शो’ के पहले एपिसोड ‘दस्तक’ में अर्चना पूरण सिंह के साथ उन्होंने बेहद प्रभावित किया था.
- फिल्मों में सड़क, बादशाह, सोल्ज़र, गदर- एक प्रेम कथा, टार्ज़न- द वंडर कार, अंदाज़, गिप्पी, मुद्दा 370 जे एंड के, द ज़ोया फैक्टर, सूखा जैसी फिल्मों में उनके क़िरदारों को काफ़ी पसंद किया गया.
- साल 1988 में बी. आर. चोपड़ा की महाभारत में कर्ण की भूमिका ने उन्हें घर-घर मशहूर कर दिया.
- साल 1989 में कर्ण के क़िरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ‘अपट्रॉन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
- उन्होंने साल 2006 में विज़ेज स्टूडियोज़ और साल 2010 में एक्टिंग एकैडमी की स्थापना की थी.

पंकज के बेटे निकितिन धीर भी पिता की तरह अभिनय में ही अपना सफ़र शुरू किया. उन्होंने फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ और ‘जोधा अकबर’ में अपने अभिनय से प्रभावित किया. ख़ासकर छोटे पर्दे पर ‘श्रीमद रामायण’ में निभाया गया उनका रावण का क़िरदार सुर्ख़ियों में रहा.

पंकज धीर अपने अभिनय, क़िरदारों व अपने सरल स्वभाव के चलते हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे. मेरी सहेली परिवार की तरफ़ से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि.
पंकज धीर (९.११.१९५६ - १५.१०.२०२५)
ॐ शांति!
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