रुबीना दिलैक जल्द ही मम्मी बननेवाली हैं लेकिन इन दिनों वो अपनी प्रेग्नेंसी के लिए नहीं बल्कि अपने ट्वीट्स को लेकर खबरों में हैं. दरअसल रुबीना ने दिवाली के बाद एक ट्वीट करके लोगों को पटाखे न फोड़ने की नसीहत दी थी.
रुबीना ने लिखा था- जिससे भी यह संबंधित है- दिवाली खत्म हो गई है, पटाखे फोड़ना बंद करें. 10 नवंबर से सुबह 3 बजे तक बिना रुके पटाखे जलाए जा रहे हैं. अब ये बहुत हो गया है. वायु प्रदूषण तो है ही ये ध्वनि प्रदूषण हमारी नींद भी खराब कर रहा है.
इसके बाद रुबीना को लोग ट्रोल करके लगातार एंटी हिंदू बुलाने लगे. लोगों ने एक्ट्रेस को पुराणों से लिए कई उदाहरणों के साथ जवाब दिए कि किस तरह पहले भी पटाखों के साथ दिवाली मनाई जाती थी. रुबीना भी पीछे नहीं हटीं और जवाब में उन्होंने एक और ट्वीट किया- दिवाली रोशनी का त्योहार है, श्री राम के अयोध्या लौटने का जश्न है! खैर, रामायण में 10 दिनों तक पटाखे फोड़ने का कभी उल्लेख नहीं किया गया था, इसलिए आप सभी छद्म हिंदू प्रचार एजेंटों, जाओ और अपने पेड अकाउंट और नकली आईडी को हाईलाइट करने के लिए किसी और को ढूंढो! मुझसे उलझने की हिम्मत न करें.
रुबीना ने एक और ट्वीट करके ट्रोल करनेवालों की क्लास लगाई, लिखा- मेरे इंस्टाग्राम पर आकर कमेंट न करें... यह ज्ञान नहीं है, मिस्टर इंटेलिजेंटली बेवक़ूफ़ों. आपसे ज्यादा हम त्यौहार मनाते हैं, पर दूसरों को तकलीफ़ देकर नहीं...
इतना सब होने के बाद अब रुबीना ने अपने बयानों पर टाइम्स ग्रुप को दिए इंटरव्यू में सफ़ाई दी है. रुबीना ने गर्भावस्था में नींद और थकान पर बात करते हुए बताया कि किस तरह वो ठीक से सो नहीं पातीं और ऐसे में रात से सुबह तक पटाखों की आवाज़ उनको और डिस्टर्ब करती है. रुबीना ने यह भी बताया कि उनकी तबियत भी ठीक नहीं कुछ दिनों से इसलिए वो मेंटली, फ़िज़िकली और इमोशनली थकी हुई हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन से वो और आहत हैं. उनका कहना है कि वो आहत हैं ये देखकर कि लोगों के मन में इतनी नफ़रत है.
रुबीना ने अपने बयान पर सफ़ाई देते हुए कहा- दिवाली दीये और रोशनी का त्योहार है, हम भी जानते हैं कि दिवाली का अर्थ है पूजा, दीये और पटाखे. यही सनातन धर्म में कहा गया है और हम बचपन से इसे बिल्कुल वैसे ही मनाते हैं. ट्वीट में इसमें किसी के खिलाफ कुछ नहीं था और शास्त्रों में कहीं नहीं लिखा है कि 10 दिन तक पटाखे फोड़े जाते हैं. वैसे भी मेरी तरह और भी गर्भवती महिलाएं होंगी जिनको तकलीफ़ होती होगी.