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प्रेरक कथा- जीवन का पाठ (Inspirational Story- Jeevan Ka Path)

अचानक प्रोफेसर का ध्यान एक विद्यार्थी की तरफ़ गया. वो एकदम शांत बैठा हुआ था. उसने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया. प्रोफेसर ने बड़ी आशा भरी निगाह से उससे पूछा, "तुम बताओ, तुम्हें क्या लगता है. उस पत्नी ने चिल्लाकर अपने पति से क्या कहा होगा."
वह लड़का बोला, "मुझे लगता है कि उस औरत ने कहा होगा हमारे बच्चे का ख़्याल रखना."
प्रोफेसर को बहुत आश्चर्य हुआ. उन्होंने उस लड़के से पूछा, "क्या तुमने यह कहानी पहले सुन रखी थी."

एक बार एक प्रोफेसर अपने छात्रों को कहानी सुना रहे थे.
"एक बार समुद्र के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गई. कप्तान ने जहाज खाली करने का आदेश दिया. जहाज पर एक युवा दम्पति थे.
जब लाइफबोट पर चढ़ने का उनका नम्बर आया, तो देखा गया नाव पर केवल एक व्यक्ति के लिए ही जगह है. इस मौक़े पर आदमी ने अपनी पत्नी को अपने आगे से हटाया और नाव पर कूद गया.
जहाज डूबने लगा.
डूबते हुए जहाज पर खड़ी औरत ने जाते हुए अपने पति से चिल्लाकर एक वाक्य कहा."
अब प्रोफेसर ने रुककर स्टूडेंट्स से पूछा, "तुम लोगों को क्या लगता है, उस स्त्री ने अपने पति से क्या कहा होगा?"
ज़्यादातर विद्यार्थी फ़ौरन चिल्लाए, "स्त्री ने कहा होगा- मैं तुमसे नफ़रत करती हूं!"
"I hate you!"
कुछ विद्यार्थियों ने कहा- "तुमने यह अच्छा नहीं किया."
कुछ विद्यार्थियों ने कहा- "तुमने मुझे धोखा दिया है."
लगभग सब जवाब ऐसे ही थे.


अचानक प्रोफेसर का ध्यान एक विद्यार्थी की तरफ़ गया. वो एकदम शांत बैठा हुआ था. उसने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया. प्रोफेसर ने बड़ी आशा भरी निगाह से उससे पूछा, "तुम बताओ, तुम्हें क्या लगता है. उस पत्नी ने चिल्लाकर अपने पति से क्या कहा होगा."
वह लड़का बोला, "मुझे लगता है कि उस औरत ने कहा होगा हमारे बच्चे का ख़्याल रखना."
प्रोफेसर को बहुत आश्चर्य हुआ. उन्होंने उस लड़के से पूछा, "क्या तुमने यह कहानी पहले सुन रखी थी."


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लड़का बोला, "जी नहीं, लेकिन यही बात बीमारी से मरती हुई मेरी मां ने मेरे पिता से कही थी."
प्रोफेसर ने दुख पूर्वक कहा, "तुम्हारा उत्तर सही है."
प्रोफेसर ने कहानी आगे बढ़ाई, "जहाज डूब गया. स्त्री मर गई. पति किनारे पहुंचा और उसने अपना बाकी जीवन अपनी एकमात्र पुत्री, जो नानी के पास थी, उसके समुचित लालन-पालन में लगा दिया. कई सालों बाद जब वो व्यक्ति मर गया, तो एक दिन सफ़ाई करते हुए उसकी लड़की को अपने पिता की एक डायरी मिली.
डायरी से उसे पता चला कि जिस समय उसके माता-पिता उस जहाज पर सफ़र कर रहे थे, उसकी मां तब एक जानलेवा बीमारी से ग्रस्त थी और उनके जीवन के कुछ दिन ही शेष थे.
ऐसे कठिन मौक़े पर उसके पिता ने एक कड़ा निर्णय लिया और लाइफबोट पर कूद गए. उसके पिता ने डायरी में लिखा था- तुम्हारे बिना मेरे जीवन का कोई मतलब नहीं. मैं तो तुम्हारे साथ ही समंदर में समा जाना चाहता था, लेकिन अपनी संतान का ख़्याल आने पर मुझे तुमको अकेले छोड़कर जाना पड़ा."
जब प्रोफेसर ने कहानी समाप्त की तो, पूरी क्लास में शांति थी.
इस संसार में कई सही-ग़लत बातें और कई जटिलताएं हैं, जिन्हें समझना आसान नहीं. इसीलिए ऊपरी सतह से देखकर बिना गहराई को जाने-समझे हर परिस्थिति का एकदम सही आकलन नहीं किया जा सकता है.
दोस्तों के साथ खाते-पीते, पार्टी करते समय, जो दोस्त बिल अदा करे, ज़रुरी नहीं उसकी जेब नोटों से ठसाठस भरी हो, बल्कि उसका अपने दोस्तों के लिए दिल बड़ा हो.
जो लोग हमारी मदद करते हैं, ज़रुरी नहीं वो हमारे एहसानों के बोझ तले दबे हों. वे हमारी मदद करते हैं, क्योंकि उनके दिल में दया और करुणा है.
आजकल जीवन कठिन इसीलिए हो गया है, क्योंकि हमने लोगों को दिल से समझना छोड़ दिया और ऊपरी तौर पर judge करना शुरू कर दिया है. थोड़ी सी समझ और थोड़ी सी मानवता ही हमें सही रास्ता दिखा सकती है.

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प्रियजनों जीवन में ऐसे कई पल आते हैं, जहां हम सही और ग़लत के बीच निर्णय नही ले पाते. उस पल दिल से जुड़ें और फिर निर्णय लें. क्योंकि हर आंखों देखी और कानों से सुनी बात सच सही नहीं होती, परन्तु दिल जो कहता है, वह हमेशा सही होता है.

- उषा वधवा

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Photo Courtesy: Freepik

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