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बहू हमारी रजनीकांत की मैगी भाभी यानी वाहबिज़ दोराबजी से ख़ास मुलाक़ात (Exclusive Interview Of Bahu Humari Rajni Kant Actress Vahbiz Dorabjee)

मात्र 17 साल की उम्र से करियर की शुरुआत, पहले ही शो में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का डेब्यू अवॉर्ड, थायरॉइड जैसी बीमारी के कारण बढ़ते वज़न के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाना... ऐसी कई बातें हैं जो वाहबिज़ दोराबजी को ख़ास बनाती हैं. आइए, वाहबिज़ की ज़िंदगी के ऐसे ही कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में जानें. Vahbiz Dorabjee   दर्शकों को लगता है मैं पंजाबी हूं जब मैंने बहू हमारी रजनीकांत शो जॉइन किया था, तो मैं बहुत नर्वस थी, क्योंकि इसमें मेरा कैरेक्टर (मैगी भाभी) पंजाबी है और मुझे पंजाबी नहीं आती. इस शो में जो मेरे पापाजी बने हैं, राजेन्द्र चावला जी, उनकी वजह से मुझे बहुत मदद मिलती है. वो पंजाबी हैं, इसलिए वो मेरी बहुत सारी प्रॉब्लम्स सुलझा देते हैं. मैं हेल्दी हूं और मेरे फीचर्स पंजाबियों जैसे हैं, इसलिए दर्शकों को भी लगता है कि मैं पंजाबी हूं, लेकिन मैं पंजाबी नहीं पारसी हूं. इस शो की ख़ास बात ये है कि शो में काम करनेवाले सभी लोग बहुत अच्छे हैं. हम सब सेट पर बहुत शरारत करते हैं, रोज़ साथ खाना खाते हैं, इससे काम करने में बहुत मज़ा आता है. मैं मॉडल बनना चाहती थी मेरी फैमिली में मेरे कज़िन पूना में मॉडलिंग करते थे और वो वहां पर बहुत पॉप्युलर थे. उन्हें देखकर मुझे भी लगता था कि मैं भी मॉडल बनूं. मेरी हाइट अच्छी थी, इसलिए मैं रैम्प मॉडल बनना चाहती थी. जॉन अब्राहम, ज़ुल्फी सैयद, डिनो मोरिया... इन लोगों को देखकर मैं बहुत इंस्पायर होती थी. मैंने कुछ ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी हिस्सा लिया था, लेकिन मैं सिलेक्ट नहीं हो पाई, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी. छोटी उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया  मैंने 17 साल की उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था. मैंने पूना में कई शोज़ के लिए रैम्प वॉक किया. मुंबई आकर मैंने एक मॉडलिंग एजेंसी जॉइन की और कई शोज़ के लिए रैम्प वॉक किया. फिर मैंने सोचा, क्यों न मैं ऐड्स के लिए भी ट्राई करूं. मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की. रोज़ वडाला (मुंबई) से अंधेरी तक लोकल ट्रेन में मैं अपने कपड़ों का बैग लेकर ऑडिशन देने जाती थी, दिनभर में 4-5 ऑडिशन देती थी. धीरे-धीरे मुझे काम मिलने लगा. पहला ऐड पेप्सी के लिए मिला, (हंसते हुए) वो भी शाहरुख़ ख़ान प्रियंका चोपड़ा, जॉन वगैरह के साथ, फिर डर्मी कूल, डेल लैपटॉप, वाघबकरी चाय आदि कई ऐड्स में मैंने काम किया. Vahbiz Dorabjee डेली सोप करूंगी ये नहीं सोचा था मॉडलिंग के करियर में स्ट्रगल कम नहीं था. मुझे स्ट्रगल करते देख मेरे पैरेंट्स हमेशा कहते कि वापस आ जाओ, लेकिन मैं हार कहां मानने वाली थी. फिर मेरे पैरेंट्स ने ही कहा कि तुम टेलीविज़न शो के लिए क्यों नहीं ट्राई करती, लेकिन मुझे लगता था कि मैं इतने घंटे काम नहीं कर सकूंगी. मैं फिल्मों में काम करना चाहती थी, लेकिन उसके लिए लंबा इंतज़ार करने से अच्छा मैंने सोचा टीवी ही ट्राई कर लेते हैं. फिर मैंने टीवी के लिए कुछ ऑडिशन दिए और मुझे प्यार की एक कहानी शो का ऑफर मिल गया. पहले ही शो के लिए मुझे सपोर्टिंग एक्ट्रेस का डेब्यू अवॉर्ड मिला. दर्शकों ने मुझे बहुत प्यार दिया, लोग मुझे पहचानने लगे. ... और मेरा वज़न बढ़ने लगा   प्यार की एक कहानी शो के बाद मुझे थायरॉइड की प्रॉब्लम हो गई और मेरा वज़न तेज़ी से बढ़ने लगा. एक लड़की जिसने अपना करियर रैम्प मॉडल के रूप में शुरू किया हो, उसके लिए वज़न बढ़ना कितना बड़ा स्ट्रेस हो सकता है ये आप अच्छी तरह समझ सकती हैं. शुरू-शुरू में तो मुझे ये बात एक्सेप्ट करने में बहुत तकलीफ़ हुई, लेकिन धीरे-धीरे मैंने ख़ुद को समझा लिया और अपने बढ़े हुए वज़न के साथ ही ख़ुद को साबित करने की ठान ली. इस बीच मैं बहुत डिप्रेस्ड रहने लगी थी. एक तो काम नहीं मिल रहा था, उस पर वज़न भी बढ़ रहा था. एक बार तो मैंने यहां तक सोच लिया कि मैं इवेंट कंपनी खोल देती हूं. मैं इस बारे में सोच ही रही थी कि मुझे बहू हमारी रजनीकांत शो का ऑफर मिल गया और मैंने प्लान चेंज कर दिया. मैं ये इंडस्ट्री छोड़ना नहीं चाहती, मैं यहां बहुत ख़ुश हूं और ऐसे ही काम करते रहना चाहती हूं. मेरे पैरेंट्स मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं मैं आज जो कुछ भी हूं अपने पैरेंट्स की वजह से हूं. उन्होंने हमेशा मुझे सही राह दिखाई, क़दम-क़दम पर संभाला और हमेशा सही गाइडेंस दिया. सच कहूं तो मेरे पैरेंट्स ही मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं. मेरे पापा बिल्डर हैं और मेरा छोटा भाई पापा का बिज़नेस संभाल रहा है, लेकिन मुझे बिज़नेस में कभी दिलचस्पी नहीं रही. मेरे पापा ने कई बार बिज़नेस जॉइन करने को कहा भी, लेकिन मैंने कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई. मुझे तो इसी इंडस्ट्री में रहना था. फिर मेरी फैमिली ने भी कहना छोड़ दिया और मुझे एक्टिंग के फील्ड में आगे बढ़ने में मदद की. Vahbiz Dorabjee स्ट्रॉन्ग होना ज़रूरी है लोग अक्सर कहते हैं कि इस इंडस्ट्री में लड़कियों को एक्सप्लॉइट किया जाता है, लेकिन मैं इस इंडस्ट्री में नौ साल से काम कर रही हूं और मुझे कभी किसी ने एक शब्द भी ग़लत नहीं कहा. मेरे ख़्याल से ये आप पर होता है कि आप कितने स्ट्रॉन्ग हैं और ख़ुद को किस तरह प्रेज़ेंट करते हैं. मैंने अपने कई फ्रेंड्स को काम के लिए बहुत स्ट्रगल करते देखा है, अपने घर से दूर अकेले रहते देखा है, इसलिए मैं ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे हमेशा मेरे पैरेंट्स का सपोर्ट मिला और काम के लिए भी बहुत स्ट्रगल नहीं करना पड़ा. ख़ुशी के मंत्र इस दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जिसे दुख न हो, लेकिन ये आप पर है कि आप अपने दुख को ख़ुद पर कितना हावी होने देते हैं. यदि आप दुख से बाहर नहीं निकलेंगे तो आप ज़िंदगी में आगे बढ़ ही नहीं पाएंगे. इसके लिए पॉज़िटिव एटिट्यूड बहुत ज़रूरी है. और हां, ख़ुद को बिज़ी रखना भी. मैं ख़ासकर महिलाओं से कहना चाहूंगी कि प्लीज़, ख़ुद को बिज़ी रखें, इससे आप किसी भी दुख से बाहर निकल सकती हैं. निगेटिव चीज़ों के बारे में सोचने की बजाय ज़िंदगी के पॉज़िटिव पहलू को देखें, अपने आसपास देखें कि लोगों के पास आपसे भी ज़्यादा दुख है. ऐसा करके आप हल्का महसूस करेंगे. मेरी एनर्जी का राज़ आप मेरी मां को देखेंगी, तो मेरी एनर्जी का राज़ जान जाएंगी, शायद एनर्जी भी मुझे विरासत में मिली है. अभी हाल ही में हम दोपहर दो बजे से लेकर रात दो बजे की शिफ्ट कर रहे थे. सब लोग थककर चूर हो गए थे और मैं रात को एक बजे अपनी ही दुनिया में खोई हुई सेल्फी ले रही थी. मुझे देखकर मेरा शेड्यूलर कहने लगा, ङ्गङ्घवाहबिज़, आपकी एनर्जी का जवाब नहीं. इतनी रात में भी आप सेल्फी ले रही हैं?फफ मैं चुपचाप बैठ ही नहीं सकती, कुछ न कुछ करती रहती हूं. मेरी दादी मां 84 साल की हैं और कनाडा में रहती हैं. वो आज भी इतनी एनर्जेटिक और बातूनी हैं कि आप हैरान रह जाएंगी. हमारे घर में सब ऐसे ही एनर्जेटिक हैं और हमेशा ख़ुश रहते हैं. Vahbiz Dorabjee मैं बहुत अच्छी कुक नहीं हूं मैंने शादी के बाद कुकिंग का एक कोर्स किया था और बहुत सारी रेसिपीज़ सीखी थीं, जैसे तवा पुलाव, शेज़वान पनीर वगैरह, लेकिन हमारा शेड्यूल इतना बिज़ी होता है कि किचन में जाने का समय ही नहीं मिलता. हम सुबह आठ बजे घर से निकलते हैं और रात में दस-ग्यारह बजे घर लौटते हैं, ऐसे में खाना बनाने का टाइम ही नहीं बचता. फिर भी मैं चाय, कोल्ड कॉफी विद आइस्क्रीम वगैरह बना लेती हूं. हां, मैं शॉपहॉलिक हूं (हंसते हुए) आप मुझे शॉपहॉलिक कह सकती हैं, क्योंकि मैं अपने ज़्यादातर पैसे शॉपिंग पर ख़र्च कर देती हूं. कपड़े मेरी कमज़ोरी हैं, ख़ासकर ड्रेसेज़, मैं ख़ुद को नई-नई ड्रेसेज़ ख़रीदने से रोक नहीं पाती. मेरे पास इतने कपड़े हैं कि मेरे पापा अक्सर मुझसे कहते हैं कि तुम गैराज सेल क्यों नहीं लगा देती. शॉपिंग की लत मुझे मेरी मां से लगी है, मां को भी शॉपिंग बहुत पसंद है. जब मैं छोटी थी, तो मां अपनी कमाई के ज़्यादातर पैसे मेरे लिए कपड़े ख़रीदने में ख़र्च कर देती थीं. इंडियन आउटफिट में मुझे साड़ी और अनारकली बहुत पसंद हैं. मेरी मां ने मुझे बहुत सारी ख़ूबसूरत साड़ियां ख़रीदकर दी हैं. मुझे काजल, बिंदी, चूड़ी वगैरह पहनना भी बहुत पसंद है. मेरे बैग में कैश हमेशा रहता है मुझे समझ नहीं आता कि लोग बिना कैश के कैसे घूमते हैं. मेरे बैग में क्रेडिट कार्ड के साथ ही कैश भी हमेशा रहता है, क्या पता कब ज़रूरत पड़ जाए. इसके अलावा सैनिटाइज़र, काजल-लिपस्टिक और परफ्यूम, ये पांच चीज़ें मेरे बैग में हमेशा होती हैं. मुझे सब पिंकी कहते हैं मेरे पहले शो प्यार की एक कहानी के डायरेक्टर पार्थो मित्रा मुझे पिंकी नाम से पुकारते थे, क्योंकि मैं अक्सर पिंक या रेड कलर की ड्रेस में ही नज़र आती थी. अब तो मेरा पेट नेम पिंकी ही पड़ गया है. मेरे सारे फ्रेंड्स भी कहते हैं कि वाहबिज़ आएगी, तो पिंक कलर में ही नज़र आएगी. मेरे ससुराल में भी सब मुझे पिंकी कहते हैं. आप मुझे ज़्यादातर पिंक या रेड कलर में ही देखेंगी. Vahbiz Dorabjee मेरे फेवरेट डेस्टिनेशन अगर आप मुझसे मेरे पांच फेवरेट डेस्टिनेशन पूछेंगी, तो मैं सबसे पहले नाम लूंगी मालदीव का, क्योंकि ये मेरा फेवरेट डेस्टिनेशन है. दूसरा लंदन है, क्योंकि मेरे मामाजी वहां रहते हैं, इसलिए मेरे लिए वो मेरा दूसरा घर है. इसके बाद नंबर आता है गोवा का, मेरे ख़्याल से गोवा हम सभी के लिए एक अच्छा गेटवे है. दुबई भी मुझे बहुत पसंद है. वहां का खाना, लाइफस्टाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, शॉपिंग... सब कुछ मुझे लुभाता है और सबसे अच्छी बात कि वो हमारे देश से बहुत नज़दीक है. हां, ऑस्ट्रेलिया भी मुझे बहुत पसंद है. मेरा स्किन केयर रूटीन मुझे अच्छी स्किन अपने पैरेंट्स से विरासत में मिली है, लेकिन अच्छी स्किन को भी मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है, इसलिए मैं ख़ूब सारा पानी और नारियल पानी पीती हूं, फ्रूट्स खाती हूं ताकि स्किन हाइड्रेटेड रहे. घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना नहीं भूलती. हमें रोज़ 10-12 घंटे मेकअप लगाकर रखना पड़ता है, इसलिए बेस मेकअप से पहले मैं प्राइमर ज़रूर लगाती हूं, इससे स्किन सेफ रहती है. और हां, सोने से पहले मेकअप उतारना नहीं भूलती. कुछ लोग स़िर्फ बेबी ऑयल लगाकर काम चला लेते हैं, लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है. आपको मेकअप रिमूवर, टोनर, फेसवॉश सभी का इस्तेमाल करना चाहिए और आख़िर में नाइट क्रीम लगाकर त्वचा को नरिश करना चाहिए, तभी आपकी त्वचा लंबे समय तक यंग और हेल्दी बनी रहेगी. ख़ूबसूरती का सीधा संबंध डायट से है, इसलिए डायट का ख़ास ध्यान रखना भी ज़रूरी है. मेरे मेकअप ट्रिक्स मैं मेकअप प्रॉडक्ट्स के चुनाव पर ख़ास ध्यान देती हूं. कोई भी मेकअप प्रॉडक्ट्स लगाने से त्वचा को नुक़सान हो सकता है, इसलिए हमेशा अच्छी क्वालिटी के मेकअप प्रॉडक्ट्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए. मैं मेकअप के लिए मैक के प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करती हूं. अगर मैं डे टाइम में कहीं जा रही हूं तो मैं बहुत ही सटल (लाइट) मेकअप करती हूं, मेकअप के लिए पिंक, पीच जैसे लाइट शेड्स का इस्तेमाल करती हूं. हां, नाइट पार्टीज़ के लिए मुझे डार्क कलर का मेकअप पसंद है, तब मैं रेड, मरून कलर की लिपस्टिक लगाना पसंद करती हूं. स्मोकी आई मेकअप करना पसंद करती हूं. हां, मैं इस बात का हमेशा ध्यान रखती हूं कि लिप या आई मेकअप में से कोई एक चीज़ ही हाईलाइट हो. दोनों हैवी होंगे, तो मेकअप टैकी नज़र आता है. Vahbiz Dorabjee मेरा हेयर केयर रिजिम कलरिंग, स्ट्रेटनिंग वगैरह से बाल डैमेज हो जाते हैं, इसलिए मैं हेयर स्पा ज़रूर कराती हूं. इसके साथ ही रेग्युलर ऑयल मसाज भी ज़रूरी है. अच्छी क्वालिटी का शैम्पू-कंडीशनर इस्तेमाल करना भी उतना ही ज़रूरी है. मुझे इंडियन फूड पसंद है मैं फूडी हूं और मुझे इंडियन फूड बहुत पसंद है. हम जब भी विदेश घूमने जाते हैं तो हमें इंडियन फूड की बहुत याद आने लगती है. हम वहां पर इंडियन रेस्टॉरेंट ढूंढ़कर वहां खाना ज़रूर खाते हैं. मैं बहुत जल्दी तैयार हो जाती हूं बेस लगाकर थोड़ा-सा ब्लशऑन, मस्कारा और लिपस्टिक लगा लो, बस हो गए आप तैयार. ख़ूबसूरत नज़र आने के लिए सबसे ज़रूरी एक्सेसरीज़ हैं आपका कॉन्फिडेंस और आपकी स्माइल, ये दोनों आपको दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत औरत बना सकते हैं. - कमला बडोनी

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