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फाइनेंशियल क्राइसिस पर पहली बार बोले करण टैकर, बिज़नेस ठप्प पड़ा, घर का ख़र्च चलाना मुश्किल हुआ, कर्ज़ में डूबे परिवार के लिए छोड़ना पड़ा घर-बार (Karan Tacker Talks About The Financial Crisis He Faced During Recession, Says- ‘We Had A Tough Time Making Ends Meet As A Family…’)

एक्टर करण टैकर (Karan tacker) टीवी और अब ओटीटी प्लैट्फ़ॉर्म पर भी जाना माना नाम हैं. आज तक करण ने पानी पर्सनल लाइफ़ की लेकर कभी बात नहीं की थी, लेकिन अब पहली बार एक इंटरव्यू में अपने संघर्षों को याद कर उनका दर्द छलक उठा.

एक्टिंग लाइन में आने से पहले करण अपने पापा का फ़ैमिली बिज़नेस सम्भालते थे, लेकिन साल 2008 की आर्थिक मंदी में उनका बिज़नेस इस कदर प्रभावित हुआ कि सब कुछ घाटे में चला गया. करण ने बताया कि उनके कपड़ों के कई स्टोर्स थे जिन्हें उन्हें बंद करना पड़ा, बिक्री में इतनी गिरावट आई कि उन्होंने एक पे छह फ्री का ऑफ़र तक दिया. करण ने कहा कि मेरे पास स्टॉक बहुत था लेकिन अब उनको रखने की जगह नहीं थी. परिवार क़र्ज़ में डूब चुका था. घर का खर्च तक चलाना मुश्किल हो रहा था. मैंने नौकरी ढूंढ़नी शुरू की और उस वक्त मुझे मेरी क्वालिफ़िकेशन के हिसाब से 25 हजार की नौकरी मिलती जो हमारे क़र्ज़ और घर खर्च को देखते हुए बेहद कम था.

मैंने अपना घर छोड़ दिया और फिर ऐसी नौकरियों की तलाश में लग गया जिनमें ज़्यादा पैसा हो. मैंने एयरलाइन में खाना बनाने की नौकरी के लिए अप्लाई किया था, क्योंकि वहां एक महीने की सैलरी डेढ़ लाख रुपये थी. मुझे घर चलाने के लिए पैसों की ज़रूरत थी और इसमें पैसे ठीक-ठाकुर थे.

इसी बीच मुझे ऐड शूट करने का मौक़ा मिला और वहां कम समय में पैसे काफ़ी ज़्यादा थे और तब मुझे एहसास हुआ कि यही काम हमें मुश्किलों से बाहर निकालेगा. मैंने अपने पापा से कहा कि अब मैं इसी फ़ील्ड में काम करूंगा क्योंकि इसी से हमारी मुश्किलें व तंगहाली का अंत होगा.

बता दें करण को टीवी शो एक हज़ारों में मेरी बहना है से काफ़ी पॉप्युलैरिटी मिली थी. उनको झलक दिखला जा के सातवें सीज़न में भी देखा गया था और अब नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई सीरीज 'खाकी: द बिहार चैप्टर' में उनके काम को खूब सराहा गया.

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