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विनेगर के फ़ायदे व साइड इफेक्ट्स (Know Benefits and Side Effects Of Vinegar)

बहुत से लोगों को लगता है कि सिरका यानी विनेगर (Vinegar) ख़ासतौर पर एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से तेज़ी से वज़न कम होता है, इसलिए वे बिना सोचे-समझे एप्पल साइडर विनेगर पीना शुरू कर देते हैं, जबकि यह सही नहीं है. विनेगर (Vinegar) कैसे बनता है और उसके क्या फ़ायदे (Benefits) और नुकसान (Loss) हैं? आइए जानते हैं. Side Effects Of Vinegar कैसे बनता है विनेगर? विनेगर यानी सिरका का प्रमुख घटक एसिटिक एसिड होता है. एसिटिक एसिड एक प्रकार का तेज़ एसिड है, जो किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ, जैसे- फल, शकरकंद, शराब इत्यादि के खमीरीकरण से बनता है. यह एसिटिक एसिड नामक बैक्टीरिया बनाता है. ये बैक्टीरिया हर जगह पाए जाते हैं और हर प्रकार के जीव-जंतुुओं से फैल जाते हैं. यहां तक कि ये हमारे शरीर में भी मौजूद होते हैं. महिलाओं के व़ेजाइना में भी ये बैक्टीरिया मौजूद होते हैं. यही वजह है कि वेज़ाइना के अंदर का फ्लूइड एसिटिक यानी खट्टा होता है. इतना ही नहीं, हम जो खाना खाते हैं, उसे गलाने के लिए हमारा शरीर एसिटिक एसिड बनाता है. विनेगर में एसिटिक एसिड किसी भी प्रकार के विनेगर में 5 से 20 फ़ीसदी तक एसिटिक एसिड होता है. इसके अलावा उसमें पानी व फ्लेवर होता है. एप्पल साइडर विनेगर को एसिटिक एसिड व सेब के गूदे से बनाया जाता है. ये भी पढ़ेंः जानें मीठा खाने का सही समय (Know The Best Time To Eat Dessert) एसिटिक एसिड का प्रयोग एसिटिक एसिड का इस्तेमाल इंडस्ट्रीज़ में केमिकल सॉल्वेंट व रीएजेंट के रूप में किया जाता है. इसके अलावा पेंट, गोंद, इंक और क्लीनिंग एजेंट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. एसिटिक एसिड इतना स्ट्रॉन्ग होता है कि यदि त्वचा पर लग जाए तो चमड़ी जल सकती है. सामान्य तौर पर इसे डायल्यूट करके इस्तेमाल में लाया जाता है. एसिटिक एसिड का 1 फ़ीसदी हिस्सा एंटीबैक्टीरियल होता है. इसे डायल्यूट करके इस्तेमाल करने पर बैक्टीरिया मर जाते हैं. यही वजह है कि 18वीं सदी में कैंसर के ट्यूमर में इंजेक्शन की मदद से एसिटिक एसिड इंजेक्ट किया जाता था, क्योंकि ये एसिटिक एसिड ट्यूमर के अंदर जाकर उन्हें मार देते थे. Benefits Of Vinegar विनेगर के फ़ायदे आज के समय में एसिटिक एसिड का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल एजेंट बनाने के लिए किया जाता है. चूंकि विनेगर में भी एसिटिक एसिड होता है इसलिए उसमें भी एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यही वजह है कि विनेगर को त्वचा पर लगाने से कुछ प्रकार के बैक्टीरिया मर जाते हैं. कान के बाहरी हिस्से में किसी तरह का इंफेक्शन हो तो विनेगर लगाने से इंफेक्शन ठीक हो सकता है. इसके अन्य फ़ायदे भी हैं. कई अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि रोज़ाना विनेगर का सेवन करने से शुगर लेवल हाई नहीं होता है. लेकिन सिंपल कार्बोहाइड्रेट, जैसे- स़फेद चावल, शक्कर, मिठाई इत्यादि का सेवन करने पर विनेगर का कोई असर नहीं होता व ब्लड शुगर कम नहीं होता. जबकि कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, जैसे- ब्राउन ब्रेड, ब्राउन राइस इत्यादि के साथ विनेगर का सेवन करने से कार्बोहाइड्रेट का डायजेशन अच्छी तरह से होता है जिससे शुगर उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ता. ठीक ऐसा ही फैट के साथ भी होता है. इसके साथ ही यह भी पाया गया है कि खाने से साथ विनेगर लेने से भूख जल्दी मिट जाती है, जिससे वज़न नहीं बढ़ता. इसके अलावा एसिटिक एसिड या विनेगर में कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे-पॉलीफिनॉल्स, फ्लेवोनॉइड्स भी पाए जाते हैं, जो कैंसर इत्यादि से बचाते हैं. लेकिन एक बात यह है कि फल, हरी सब्ज़ियां इत्यादि में भी कुछ मात्रा में एसिटिक एसिड पाया जाता है, जिससे एसिटिक एसिड की ज़रूरत पूरी हो जाती है. इसके लिए अलग से विनेगर का सेवन करने की कोई ज़रूरत नहीं होती. इससे कोई फ़ायदा नहीं होता, बल्कि इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं. ये भी पढ़ेंः किस हेल्थ प्रॉब्लम में क्या खाएं, क्या न खाएं? (Health Problems Associated With Foods) विनेगर के साइड इफेक्ट्स लगातार कई महीनों तक सिरके का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में पोटैशियम का स्तर कम हो जाता है, जो हृदय के लिए अच्छा नहीं है. इसके अलावा शरीर में रेनिन लेवल बढ़ जाता है, जिससे शरीर से समुचित मात्रा में पानी नहीं निकल पाता और शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. इसके अलावा कई महीनों तक लगातार विनेगर का सेवन करने से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं.

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