रिश्ते बनाने से कहीं अधिक मुश्किल होता है रिश्ते निभाना. रिश्तों को निभाना भी एक कला (Learn relationship techniques) है. जिसने इसमें महारत हासिल कर ली, उसकी ज़िंदगी ख़ुशगवार और आसान हो जाती है और जो पीछे रह गया, समझो वो मझधार में फंस गया. आपके रिश्ते की नैया पार लगे, इसलिए यहां आसान रिलेशनशिप टेक्नीक्स बता रहे हैं. इन्हें अपनाइए और रिश्तों को ख़ूबसूरत बनाइए.
- आप सबसे पहले यह सोचें कि यदि आपके पास अपने पार्टनर के साथ गुज़ारने को मात्र 6 महीने ही हैं, तो ऐसे में आप दोनों इन पलों को पूरी तरह से कैसे जीएंगे? इसी थ्योरी के आधार पर अपने रिश्ते को जीएं.
- समझौतावादी बनें और एक-दूसरे के स्वभाव के अंतर को ख़ुशी-ख़ुशी सहें या अपनाएं. हर बार या हर बात पर आप दोनों के विचार मिलें ही यह कोई ज़रूरी नहीं. इस अंतर को सहजता से लें.
- अपने फ्रस्ट्रेशन और उसकी वजह को पहचानें. कभी ऑफिस, कभी बच्चे, तो कभी बीती बातों को लेकर भी फ्रस्ट्रेशन आता है. ऐसे में अपने पार्टनर पर उसे न उतारें.
- अपने पार्टनर की अच्छी बातों पर ध्यान दें और उन्हें सराहें.
- जब कभी भी ग़ुस्सा आए, तो ध्यान हटाने के लिए एक से दस तक गिनें. हालांकि यह पुराना तरीक़ा है, लेकिन यह काम करता है.
- अपनी बात पार्टनर के सामने रखें, लेकिन ग़ुस्से में नहीं.
- कम्यूनिकेट करें. पार्टनर से यह उम्मीद कभी न रखें कि बिना कहे ही वो आपकी परेशानियों को समझ जाएगा/जाएगी. जब तक आप ख़ुद नहीं बताएंगे, समस्या नहीं सुलझेगी.
- मैरिज काउंसलर और रिलेशनशिप थेरेपिस्ट डॉ. राजीव आनंद के अनुसार- शादी जैसे रिश्ते में हेल्दी कम्यूनिकेशन पोषक तत्व का काम करता है.
- अपने मतभेदों को दूर करने का प्रयास हमेशा करें. आपको अगर पार्टनर की कोई बात या आदत बुरी लगती है, तो तुरंत ग़ुस्सा करने या टोकने से पहले यह सोचें कि क्या यही एक समाधान है या इस समस्या से बेहतर ढंग से निपटा जा सकता है? शादी के रिश्ते का मतलब ही यही होता है कि दो अलग लोग किस तरह से एक साथ ज़िंदगी बिताते हैं. आपका ग़ुस्सा आपके रिश्ते को किसी भी समाधान तक नहीं लेकर जाएगा. बेहतर होगा कि पार्टनर को व़क्त दें.
- दोस्त बनें. दुनिया के किसी भी कोने में जाएं, आप पाएंगे कि हर क़ामयाब रिश्ता दोस्ती पर ही टिका होता है. इसीलिए पति-पत्नी बनने की बजाय दोस्त बनने की कोशिश करें, फिर देखें एक अलग ही रिश्ता आपके सामने होगा.
- कभी-कभार एक-दूसरे से थोड़ा ब्रेक भी लें. हर रिश्ते में स्पेस ज़रूरी है. इससे रिश्ते गहरे बनते हैं और आपको इन्हें और बेहतर बनाने का समय भी मिलता है. जब एक-दूसरे को आप मिस करते हैं, तब एक-दूसरे के साथ की अहमियत का अंदाज़ा होता है.
- माफ़ करना सीखें. हालांकि जो इंसान दिल के क़रीब होता है, उसकी ग़लती को माफ़ करना भी उतना ही मुश्किल होता है, लेकिन आप पाएंगे कि माफ़ करने की आदत डालने से भी ज़िंदगी और भी सरल व हसीं हो जाती है.
- एटीट्यूड प्रॉब्लम से बचें. यह सोचकर न चलें कि आप हमेशा ही सही होते हो. आज की तारीख़ में अधिकतर शादियां मात्र छोटे से ईगो की वजह से ही टूटती हैं. आप अपने रिश्ते को इसकी भेंट कभी न चढ़ने दें.
- पैसों को ठीक तरह से हैंडल करना सीखें. अपनी फ़िज़ूलख़र्ची पर आपको रोक लगानी ही होगी और आपसी बातचीत से सही जगह सेविंग्स के लिए इंवेस्ट भी करना होगा, वरना पैसों को लेकर रिश्तों में काफ़ी तनाव आ सकता है.
- रोमांस को ग़ायब न होने दें. यह स़िर्फ एक की नहीं, दोनों की ज़िम्मेदारी बनती है कि आपके रिश्ते में रोमांस और ताज़गी का एहसास बना रहे. कुछ फन करें, नया करें. सरप्राइज़ेस दें, तारीफ़ करें. जो भी आपको ठीक लगे, ज़रूर करें.
- एक-दूसरे को इंटरव्यू करें. कम से कम महीने में एक बार ऐसा ज़रूर करें. यह काफ़ी मज़ेदार और दिलचस्प होगा. 10-15 मिनट तक इंटरव्यू के ज़रिए आप दोनों अगले महीने के अपने लक्ष्य और इस महीने आपने कैसा काम किया इस पर चर्चा करें. इससे आप अपने लक्ष्य बेहतर ढंग से निर्धारित कर पाएंगे. अपनी, बच्चों व घरवालों की ज़रूरतों को बेहतर समझ पाएंगे. सेहत व पैसों से जुड़ी ज़रूरतें भी जान पाएंगे और रिश्ते को और बेहतर समझ पाएंगे.
- एक-दूसरे को निहारें. हाथ पकड़कर गहरी सांस लें और आंखों में आंखें डालकर जब तक असहज न हो जाएं, देखते रहें. सारे विचार पीछे छोड़ दें. आप पाएंगे कि अलग ही तरह का एहसास हो रहा है आपको, जो आपके रिश्ते को रिफ्रेश कर देगा.
- अपने काम शेयर करें. चाहे घर का काम हो या बाहर का, मिल-जुलकर करें. बांट लें या हाथ बंटाएं. कुकिंग करें, क्लीनिंग करें, चाहें तो एक साथ योगा या स्विमिंग क्लास जाएं.