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हेल्दी रिलेशनशिप के लिए अपनायें लव लैंग्वेज (Use Love Language To Improve Your Relationship)

रिश्तों को कभी भी कैज़ूअल ना लें वरना उनकी ऊर्जा खोने लगती है. आप भी अपने रिश्ते की गर्मी बनाए रखने के लिए अपनायें ये लव लैंग्वेज.

कॉम्प्लिमेंट्स दें और अपने शब्दों और वाक्यों के चयन में बदलाव करें: अक्सर ऐसा होता है कि हम कभी कभी अपने मन की बात मन में ही रख लेते हैं यानी जो हम महसूस करते हैं उसे इज़हार करने में कंजूसी कर देते हैं. लेकिन रिश्तों में ऐसा ना करें. अगर आपको लग रहा है कि आपका पार्टनर आज कुछ अलग लग रहा है, कोई ख़ास रंग उस पर खिल रहा है तो उसको कॉम्प्लिमेंट ज़रूर दें. उसको कहें कि ये रंग तुमपर बहुत अच्छा लगता है... या तुम्हारे बाल बहुत सुंदर हैं... इस तरह के कॉम्प्लिमेंट्स आप दोनों के रिश्ते को मज़बूत बनायेंगे.

अपने व्यवहार से प्यार और केयर दर्शायें: उनकी पसंद का कुछ बनाकर खिलायें या कोई सरप्राइज़ दें, क्योंकि कहा जाता है कि शब्दों से कहीं ज़्यादा आपके ऐक्शंस मायने रखते हैं. कभी आप उनके कपड़े प्रेस कर दें, तो कभी घर के अन्य कामों में उनकी मदद करें. ये आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह अपने व्यवहार से अपना प्यार ज़ाहिर करते हैं लेकिन यह करना ज़रूरी है.

कवालिटी टाइम: भले ही आप दोनों बिजी रहते हों लेकिन जो भी वक़्त साथ में गुज़ारें वो बेहद हसीन हो. कभी ऑफ़िस से जल्दी आकर घर पर ही रोमांटिक डिनर प्लान करें, कभी मूवी डेट या लॉंग ड्राइव पर जायें यर अगर यह सब सम्भव नहीं तो वीकेंड साथ गुज़ारें या हॉलिडे प्लान करें जहां पूरा समय आप दोनों एक दूसरे के क़रीब हों, कोई ऑफ़िस की बात ना हो, कोई रिश्तेदार बीच में ना हो, ना दिनभर फ़ोन या लैप्टॉप से चिपके रहें. एक-दूजे के मन को समझें. दिल से दिल की बात हो.

गिफ़्ट्स ज़रूरी हैं, जो बिन कहे ही आपका प्यार दर्शा देते हैं: ज़रूरी नहीं कि गिफ़्ट महँगा हो, प्यार जताने के लिए एक गुलाब का फूल ही काफ़ी है. कभी पत्नी की पसंद की क़ुल्फ़ी घर ले जायें तो कभी आप भी अपने पति को नुक्कड़ की हलवाई की दुकान की उनकी मनपसंद मिठाई खिला दें या उनके लिए घर पर कुछ बना दें. तो गिफ़्ट करते रहें और प्यार दर्शाते रहें, क्योंकि प्यार करना ही नहीं उसे सही तरीक़े से दर्शाना व उसका इज़हार करना भी ज़रूरी है.

भावनायें ही नहीं आपकी शारीरिक भाव-भंगिमाएँ भी हैं ज़रूरी: दिल में कितना ही प्यार हो पर जब हाथों से छूकर बताओगे नहीं तो किसी को कैसे पता चलेगा? साथ बैठे-बैठे यूं ही हाथ पकड़ लेना या आपके होंठों का हल्का सा स्पर्श, मीठा सा चुंबन बड़ी बड़ी प्यार भरी बातों से कहीं अधिक मायने रखता है. स्पर्श ज़रूरी है, छूकर बतायें, दिखायें और ज़ाहिर करें कि हाँ मुझे फ़िक्र है तुम्हारी या फिर कभी वो स्ट्रेस में हों तो हल्के से पीठ पर हाथ से सहला दें ताकि उन्हें यह संदेश मिल जाए कि तुम अकेले नहीं हो, हर वक़्त हर हाल में हम साथ हैं इसलिए फ़िक्र की कोई बात नहीं.

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