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फिल्म रिव्यू: ‘डैडी’ में अर्जुन की दमदार ऐक्टिंग, ‘पोस्टर बॉयज़’ देगी एक ख़ास संदेश (Movie Review: Daddy And Poster Boys)

फिल्म: डैडी स्टारकास्ट: अर्जुन रामपाल, फरहान अख्तर, राजेश श्रिंगारपुरे, निशिकांत कामत, ऐश्वर्या राजेश, आनंद इनागले,  निर्देशक: आशिम अहलूवालिया रेटिंग: 3.5 स्टार फिल्म रिव्यू, डैडी, दगड़ी चाल, अरुण गुलाब गवली, अर्जुन रामपाल, फिल्म,पोस्टर बॉयज़, Movie Review, Daddy, Poster Boys अर्जुन रामपाल एक अलग अंदाज़ में नज़र आ रहे है फिल्म डैडी में. फिल्म एक पॉलिटिकल ड्रामा है. अर्जुन न सिर्फ़ फिल्म में अभिनय कर रहे हैं, बल्कि वो इस फिल्म के को-राइटर भी हैं. आइए, जानते हैं कैसी है डैडी. कहानी कहानी है दगड़ी चाल में रहने वाले अरुण गुलाब गवली (अर्जुन रामपाल) की. फिल्म की शुरुआत होती है 70 के दशक से जब मुंबई की मिल्स पर ताला लग जाता है और मिल में काम करने वाले लोग बेरोज़गार हो जाते हैं. पैसों के लिए फिर वो धीरे-धीरे अंडरवर्ल्ड की तरफ़ बढ़ने लगते हैं. ऐसे में एक गैंग बनती है, जिसका नाम होता है बीआरए गैंग और इसके मुख्य सदस्य होते हैं, अरुण, बाबू (आनंद) और रामा (राजेश). फिल्म में मुंबई पर राज करने वाले अरुण गवली का केवल गैंगस्टर से पॉलिटिक्स तक पहुंचने का सफ़र ही नहीं दिखाया गया है, बल्कि एक पति, पिता और बाद में अपने अपराध के लिए सज़ा काटने की भी कहानी भी नज़र आएगी. फिल्म की यूएसपी और कमज़ोर कड़ी फिल्म की यूएसपी है अर्जुन की ऐक्टिंग. अर्जुन का लुक और डायलॉग बोलने का अंदाज़ बेहद प्रभावी है. फिल्म का पहला पार्ट अरुण गवली के डॉन बनने के सफ़र पर है, तो वहीं दूसरा भाग में परिवार और नेता बनने की कहानी दिखाई गई है. 70 के दशक को अच्छे ढंग से पर्दे पर उतारा गया है. अशिम आहलुवालिया का निर्देशन और बेहतर हो सकता था. स्क्रिप्ट में कमी रह गई थी, जो फिल्म में साफ़ नज़र आ रहा है. मकसूद के किरदार में फरहान अख़्तर का अभिनय ठीकठाक है. फिल्म देखने जाएं या नहीं अगर आपको क्राइम या अंडरवर्ल्ड पर बनी फिल्में पसंद है, तो आप ये फिल्म देखने जा सकते हैं. फिल्म: पोस्टर बॉयज़ स्टारकास्ट: सनी देओल, बॉबी देओल, श्रेयस तलपड़े, सोनाली कुलकर्णी, निर्देशक: श्रेयस तलपड़े रेटिंग: 3 स्टार पोस्टर बॉयज़ इसी नाम पर बनी मराठी फिल्म की रीमेक है. कॉमेडी और ठहाकों के बीच फिल्म में एक ख़ास संदेश भी है, जिस पर शायद ही कोई खुलकर बात करता है. नसबंदी जैसे विषय को बड़े ही मज़ाकिया अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की गई है फिल्म में. कहानी फिल्म शुरू होती है जंगेठी गांव से, जहां रहने वाले जगावर चौधरी (सनी देओल), विनय शर्मा (बॉबी देओल) और अर्जुन सिंह (श्रेयस तलपडे)अपनी तस्वीर नसबंदी के सरकारी पोस्टर पर देखकर झटका खा जाते हैं. तीनों में से किसी की भी नसबंदी नहीं हुई है. लेकिन इस ऐड की वजह से तीनों की ज़िंदगी में भूचाल आ जाता है. जगावर की बहन की शादी रुक जाती है. विनय की बीवी छोड़कर चली जाती है और अर्जुन शादी टूट जाती है. उनकी तस्वीर किसने इस सरकारी पोस्टर पर छापी है, इसका पता लगाने के लिए तीनों कमर कस लेते हैं. अब इस नसबंदी के पोस्टर की वजह से तीनों की लाइफ में क्या-क्या होता है और वो कैसे इससे निपटते हैं, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी. फिल्म की यूएसपी और कमज़ोर कड़ी फिल्म की यूएसपी है फिल्म का मज़ेदार सब्जेक्ट. सनी देओल, बॉबी देओल और श्रेयस तलपड़े की कॉमिक टाइमिंग ज़बरदस्त है. फिल्म के वनलाइनर्स कमाल के हैं. कॉमेडी के डबल डोज़ के साथ सबसे ख़ास बात यह है कि ये फिल्म एक ज़रूरी संदेश भी देगी कि नसबंदी करवाना कोई ग़लत बात या कलंक नहीं है. फिल्म के सभी कलाकारों का अभिनय अच्छा है. फिल्म देखने जाएं या नहीं अगर आपको कॉमेडी फिल्में पसंद हैं, तो ये फिल्म बिल्कुल न छोड़ें. सनी, बॉबी को एक बार फिर पर्दे पर साथ देखना वाक़ई दिलचस्प है. इसे पैसा वसूल फिल्म कहा जा सकता है.

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