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मूवी रिव्यू: जानें कैसी है ईशान खट्टर की ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ और अभय देओल की ‘नानू की जानू’ (Movie Review of Beyond The Clouds and Nanu ki Jaanu)

आज फिल्मी फ्राइडे है और  ईशान खट्टर (Ishaan Khattar) स्टारर फिल्म 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है. जाने माने ईरानी फिल्म मेकर माजिद मजीदी ने इस फिल्म के ज़रिए भाई-बहन के रिश्तों की अनोखी दास्तान को बयान करने की कोशिश की है, तो वहीं हॉरर और कॉमेडी से भरपूर अभय देओल (Abhay Deol) की फिल्म 'नानू की जानू' भी रिलीज़ हुई है. निर्देशक फ़राज़ हैदर ने फिल्म के ज़रिए दर्शकों को डराने के साथ-साथ हंसाने की भी कोशिश की है. चलिए जानते हैं कैसी है इन दोनों फिल्मों की कहानी.
Movie Review, Beyond The Clouds, Nanu ki Jaanu
फिल्म- बियॉन्ड द  क्लाउड्स
निर्देशक- माजिद मजीदी
कलाकार- ईशान खट्टर, मालविका मोहनन, तनिष्ठा चटर्जी और गौतम घोष
रेटिंग- 3.5/5
कहानी
ईरानी फिल्म मेकर माजिद मजीदी की फिल्म 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' की कहानी आमिर (ईशान खट्टर) और उनकी बड़ी बहन तारा (मालविका मोहनन) के रिश्तों की कहानी है. माता-पिता की मौत के बाद आमिर अपनी बहन के घर रहता है, लेकिन उसका शराबी पति हर रोज़ दोनों को पीटता है. एक दिन तंग आकर 13 साल की उम्र में आमिर अपनी बहन के घर से भाग जाता है.
आमिर गलत संगत में पड़ जाता है और हर हाल में पैसा कमाने की ख्वाहिश रखता है. उधर धोबी घाट पर 50 साल का अर्शी (गौतम घोष) आमिर की बहन तारा के साथ जबरदस्ती करता है, तो बचाव में वो उस पर बड़े पत्थर से हमला करती है. अर्शी पर हमला करने के आरोप में तारा को जेल भेज दिया जाता है और फिर इस कहानी में नया मोड़ आता है. आखिर ये नया मोड़ भाई-बहन की ज़िंदगी को किस तरह से बदलता है ये जानने के लिए यह फिल्म देखनी पड़ेगी.
एक्टिंग
ईशान खट्टर ने आमिर के किरदार को बहुत ही बेहतरीन ढंग से निभाया है. अपनी एक्टिंग से ईशान ने यह साबित कर दिया है कि वो आने वाले कल के स्टार हैं. वहीं ईशान की बहन का किरदार निभानेवाली साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस मालविका मोहनन ने भी दमदार अदायगी से अपने किरदार में जान डाल दी है. इस फिल्म की शूटिंग मुंबई के कई स्लम कॉलोनियों में की गई है. अगर आप एक्शन, कॉमेडी, रोमांस और हॉट सीन्स से परे कुछ अलग देखना चाहते हैं तो 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' आपको बेहद पसंद आ सकती है.
फिल्म- नानू की जानू
कलाकार- अभय देओल, पत्रलेखा, बृृजेंद्र काला, मनु ऋषि
निर्देशक- फ़राज़ हैदर
रेटिंग- 2.5/5
कहानी 
बॉलीवुड में वैसे तो कई हॉरर फिल्में बन चुकी हैं जो दर्शकों को डराने में कामयाब भी हुई हैं, लेकिन निर्देशक फ़राज़ हैदर की फिल्म 'नानू की जानू' हॉरर और कॉमेडी का मज़ेदार मिश्रण है. इस फिल्म में अभिनेता अभय देओल आनंद ऊर्फ नानू की भूमिका निभा रहे हैं जो दिल्ली का एक गुंडा है और लोगों को डरा-धमका कर उनके मकानों पर कब्ज़ा करना उसका पेशा है. एक दिन नानू के साथ अजीबो-गरीब घटना घटने लगती है जिससे नानू यानी अभय देओल डर जाते हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए पड़ोसियों से मदद मांगते हैं.
दरअसल, नानू का पाला सिद्धि ऊर्फ जानू (पत्रलेखा) नाम की भूतनी से पड़ जाता है और इस भूतनी का दिल नानू पर आ जाता है. इसके बाद नानू नाम की भूतनी जानू को पाने के लिए तमाम कोशिशें करने लगती है. इस दौरान फिल्म में दिखाए गए कॉमेडी से भरपूर दृश्य दर्शकों को  हंसाने- गुदगुदाने का काम करते हैं, लेकिन यह भूतनी दिल्ली के गुंडे नानू की जानू बनने में कामयाब होती है या नहीं, यह तो आपको फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.
एक्टिंग
भले ही अभय देओल फिल्मों में बेहद कम नज़र आते हों, लेकिन वो जब भी फिल्मों में एक्टिंग करते हैं तो उनकी दमदार एक्टिंग दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींच ही लेती है. अभय ने इस फिल्म में भी काफ़ी बेहतरीन एक्टिंग की है. फिल्म में भूतनी बनी पत्रलेखा का रोल भले ही छोटा हो, लेकिन उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है. वहीं मनु ऋषि भी अपनी एक्टिंग से दर्शकों को हंसाने में कामयाब रहे हैं.

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