'सलाम वेंकी' एक ऐसे लड़के वेंकी की कहानी है, जिसे दुर्लभ बीमारी मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं. इस तरह की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति अधिक से अधिक 13-14 साल तक ही जी सकते हैं. लेकिन ज़िंदादिल, ख़ुशमिज़ाज वेंकी अपने स्वभाव, मां के प्यार और सहयोग के चलते 24वां बसंत देख रहा है. लेकिन फिर भी उसकी ख़्वाहिश है कि उसे इच्छा मृत्यु (यूथेनेशिया) दिया जाए, जिससे उसका शरीर ज़रूरतमंदों को दान कर उनके काम आ सके. मां अपने बेटे की अंतिम इच्छा मर्सी डेथ के लिए हैदराबाद हाई कोर्ट में गुहार भी लगाती है. वेंकी के क़िरदार में विशाल जेठवा ने लाजवाब अभिनय किया है और उनकी मां की भूमिका में काजोल ने उनका भरपूर साथ दिया है. दोनों मां-बेटे कई मार्मिक दृश्यों में रुला देते हैं.
साउथ की मशहूर अभिनेत्री और निर्देशिका रेवती ने कमाल का डायरेक्शन दिया है. श्रीकांत मूर्ति की बुक 'द लास्ट हुर्रा' पर बनी यह फिल्म बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती है. हैदराबाद की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म, जो एक युवा शतरंज खिलाड़ी वेंकटेश और उसकी मां की दर्द भरी दास्तान है. वेंकटेश की दिसंबर, 2004 में हैदराबाद में मृत्यु हो गई थी. इसमें कोई दो राय नहीं निर्माताओं श्रद्धा अग्रवाल, सूरज सिंह व वर्षा कुकरेजा ने एक अच्छी फिल्म बनाने की कोशिश की है. लेखक समीर अरोड़ा और कौसर मुनीर ने कहानी पर अच्छी पकड़ बनाई है.
विशाल जेठवा और काजोल ने बेमिसाल अभिनय किया है. कई बार दोनों अपने बेहतरीन अभिनय से दिलों को भावभीन कर देते हैं. एक लंबे अरसे के बाद कमल सदाना दिखाई दिए. उनकी पहली फिल्म 'बेखुदी' काजोल के साथ ही थी. अन्य कलाकारों में राजीव खंडेलवाल, राहुल बोस, आहना कुमरा ने भी प्रभावपूर्ण अभिनय किया है. विशेष भूमिका में आमिर खान भी अपनी छाप छोड़ते हैं. फिल्म का गीत-संगीत मधुर है. यह फिल्म एक प्रेरणा भी देती है उन लोगों को, जो ज़िंदगी और मौत से लड़ रहे हैं.
कलाकार- काजोल, विशाल जेठवा, राजीव खंडेलवाल, राहुल बोस, अहाना कुमरा, प्रकाश राज, कमल सदाना, आमिर खान
निर्देशक- रेवती
रेटिंग- *** 3
Photo Courtesy: Instagram