रेटिंगः ***+
कॉमेडी फिल्म जितनी हंसी से भरपूर और हल्की-फुल्की लगती है, पर उसे बनाना उतना आसान नहीं होता. लेकिन इसकी कोशिश लेखक-निर्देशक राज शांडिल्य बरसों करते रहे हैं और इसमें सफल भी रहे हैं. कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो से लेखनी की जो शुरुआत की वो ड्रीम गर्ल, ड्रीम गर्ल 2 और अब विक्की विद्या का वो वाला वीडियो तक बरक़रार है. राजजी ने इसमें लेखनी के साथ अपने निर्देशन का भरपूर कमाल दिखाया है. फिल्म की शुरुआत से जो हंसी के हंगामे शुरू होते हैं, वो अंत तक बदस्तूर जारी रहते हैं. बहुत दिनों बाद डेविड धवन-गोविंदा की जोड़ी जैसा एहसास हुआ राज शांडिल्य-राजकुमार राव के रूप में.
कहानी की शुरुआत ऋषिकेश से नब्बे के दशक यानी 1997 के दौर से होती है, तब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था. तब मोबाइल फोन नहीं थे, वीसीआर वीडियो प्लेयर का चलन ज़ोरों पर था. शादी-ब्याह पर उतनी फ़िजूलख़र्ची नहीं होती थी. हां, फिल्म में सामूहिक विवाह कराने का अलग दिलचस्प अंदाज़ ज़रूर देखने मिला.
विक्की बने राजकुमार राव मेहंदी लगाने के लिए मशहूर हैं, बकौल उनके मेहंदी के साथ कामयाब शादी के टिप्स शायद ही कोई उनके जैसा कलाकार देता हो. सभी लड़कियों को विक्की पसंद है, पर वो है डॉक्टर विद्या यानी तृप्ति डिमरी का दीवाना. बचपन की दोनों की यारी है.
कैसे विक्की विद्या की सगाई तुड़वाकर अपनी शादी उससे सेट करता है, वो मनोरंजन से भरपूर है. विद्या के माता-पिता बने राकेश बेदी और अर्चना पूरन सिंह और विक्की के दादाजी, टिकू तलसानिया दोनों को वैष्णो देवी भेजना चाहते हैं, जबकि विक्की विद्या के साथ गोवा में हनीमून मनाना चाहता है. घरवालों को झूठ बोल दोनों जम्मू की जगह गोवा जाते हैं.
विक्की विद्या से अपनी ख़्वाहिश ज़ाहिर करता है कि उनकी सुहागरात का वीडियो बनाते हैं. इससे भविष्य में जब कभी भी एक-दूसरे से नाराज़ होंगे या वैवाहिक जीवन में नीरसता आएगी, तो इस वीडियो को देख वे फिर से जोश में आ जाएंगे.
लेकिन असल कहानी तो तब शुरू होती है, जब वो वाला वीडियो चोरी हो जाता है. अब उसे ढूढ़ने और पाने के च़क्कर में क्या-क्या पापड़ बेले जाते हैं, वो मज़ेदार है.
पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में विजय राज फन, गन और व्यंग्य सब कुछ करते हैं. उनकी एक ख़ास शैली है, जिसे लोग हमेशा ही पसंद करते रह हैं.
लंबे समय बाद मल्लिका शेरवात दिखाई दीं. विक्की की बहन बनी चंदा के रोल में उनका बोल्डनेस, मस्ती, नखरे, चुलबुलापन गुदगुदाता है. विजय राज का मल्लिका पर दिल आना, चुटकी लेते कई फनी मूवमेंट्स को जन्म देते हैं. दोनों की केमेस्ट्री लाजवाब है.
विक्की विद्या का वो वाला वीडियो की सीडी चोरी होने के बाद कई बार हाथ आते-आते फिसल जाता है. इसमें कई ग़लतफ़हमियां जैसे दादाजी को लगता है कि नौकरानी चंदा के साथ ग़लती से हुआ कुछ वीडियो है. उनकी पोती के साथ नौकरानी का नाम भी चंदा है, जो कई जगहों पर कॉमेडी के साथ कंफ्यूजन के लिए रखा गया है.
वीडियो चुरानेवाले चोर का कोमा में जाना और जल्द ही निकल आना अटपटा सा है. सुनील शेट्टी की मिमिक्री करते दोनों ही आर्टिस्ट हंसाते कम, उकसाते ज़्यादा हैं. उस पर उनकी बॉस बनी फीमेल डॉन अश्विनी कालसेकर माशाअल्लाह क्या कहने. फिल्म स्त्री 2 की तर्ज पर कब्रिस्तान का सीन भी शायद उसकी ज़बर्दस्त कामयाबी को देख डाली गई है. फिल्म खिचड़ी तो है, पर छौंक का तड़का अफलातून है.
अंत में फिल्म जहां एक सीख देती है, वहीं फिर मिलेंगे… कहते हुए इसके दूसरे पाटॅ का संकेत भी देती है. डायरेक्टर राज शांडिल्य के अनुसार, दूसरे भाग में कटरा की स्टोरी लाएंगे.
सभी कलाकारों ने सहज अभिनय के साथ गज़ब की कॉमेडी की है. राजकुमार राव, तृप्ति डिमरी, विजय राज, मल्लिका शेरावत, टिकू तलसानिया, राकेश बेदी, अर्चना पूरन सिंह, मुकेश तिवारी सभी ने उम्दा काम किया है. असीम मिश्रा की सिनेमैटोग्राफी लुभाती है. संगीत की बात करें, तो नब्बे के दशक के हिट सॉन्ग का रिक्रिएशन बढ़िया है. सचिन जिगर और हितेश सोनिक का म्यूज़िक बढ़िया है. दलेर मेहंदी का ना ना ना रे… में उन्हें सभी के साथ गाते और नाचते देख अच्छा लगा. शहनाज़ गिल भी एक गाने में ख़ूबसूरती के साथ जलवे दिखाते नज़र आईं. टी सीरीज़ के बनैर तले संगीत तो हमेशा से ही मधुर और आकर्षित करती रही है. यहां पर भी कई पुराने-नए गानों का संगम देखने मिला. निर्माता कृष्ण कुमार, अश्विन वर्दे और राज शांडिल्य की यह दो घंटे दो मिनट की फिल्म मनोरंजन के शौकीन लोगों को ख़ास पसंद आएगी.
- ऊषा गुप्ता
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Photo Courtesy: Social Media
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