फ़िल्म मोहरा ने कई रिकॉर्ड बनाए थे. वो न सिर्फ़ रवीना टंडन की पहली सुपर हिट फ़िल्म थी बल्कि उसके सभी गानों ने भी कामयाबी के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. 1994 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म के सारे गाने बेहद पसंद किए गए थे लेकिन एक गाने ने लोगों को इतना लुभाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.
ना कजरे की धार गाने ने फैन्स को इतना मंत्र मुग्ध कर दिया था कि ये आज भी ये गाना उतना ही सुना जाता है जितना तब सुना जाता था. लेकिन यह बात शायद ही कोई जानता है कि ये सुपरहिट गाना फ़िल्म मोहरा बनने के भी 30 साल पहले बनकर तैयार हो चुका था. जी हां, इस गाने को लिखा था इंदीवर ने और म्यूज़िक दिया था कल्याण जी-आनंद जी ने. इस गाने को तब मुकेश की आवाज़ में रिकॉर्ड किया गया था.
ये गाना तब रिलीज़ नहीं हो पाया क्योंकि जिस फ़िल्म के लिए इसे कंपोज़ किया गया था वो ठंडे बस्ते में चली गई थी और बन ही नहीं पाई. उस वक्त कल्याण जी-आनंद जी इंडस्ट्री में नए थे और अपना मुक़ाम बनाने की कोशिश में थे. लेकिन फ़िल्म बनी नहीं और यह धुन यूं ही पड़ी रह गई.
लेकिन कल्याणजी के बेटे वीजू शाह ने अपने पिता की इस धुन को मोहरा में यूज़ किया और वो इतिहास बन गया. वीजू शाह ने इसे पंकज उधास और साधना सरगम की आवाज़ में नए इंस्ट्रूमेंट के साथ रिकॉर्ड भले ही किया लेकिन गाने की ओरिजनैलिटी से छेड़छाड़ नहीं की.
यही वजह थी कि यह गाना फ़िल्म के अन्य गानों से काफ़ी अलग था और फ़ैन्स को खूब पसंद भी आया. फ़िल्म में अक्षय कुमार और रवीना टंडन पर फ़िल्माए तमाम गाने काफ़ी हिट रहे, लेकिन सुनील शेट्टी और पूनम झावर पर पिक्चराइज़ ना कजरे की धार ने एक अलग जगह बनाई लोगों के दिलों में. सुनील शेट्टी का जन्म 1961 में हुआ था जबकि यह गाना 1960 में ही बन चुका था. आप भी सुनें इसका ओरिजिनल वर्ज़न जो उतना ही खूबसूरत है जितना नया.