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नवरात्रि- नवदुर्गा में प्रथम दुर्गा देवी शैलपुत्री (Navratri 2021- Devi Shailputri)

Navratri 2021

मां दुर्गा की कृपा सभी पर बनी रहे.

नवरात्रि की शुभकामनाएं! जय माता दी!
नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी मां दुर्गा की नौ शक्तियों की पूजा-अर्चना की जाती है.
मां के हर रूप का अपना विशेष महत्व है.
उनके नौ रूप इस प्रकार हैं- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री.

आज पहले दिन शैलपुत्री की पूजा-अर्चना का विधान है.
यह नवदुर्गा में प्रथम दुर्गा हैं.
पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा.
देवी शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों को सुख-समृद्धि व आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है.

देवी की उपासना के मंत्र इस प्रकार हैं-

वन्दे वान्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्

मां शैलपुत्री का वर्ण चंद्र समान है.
यह शिव की अर्द्धांगिनी पार्वती का ही रूप हैं.
इनका वाहन बैल है.
इस दिन ॐ शं शैलपुत्री देव्यैः नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
इससे मन में शांति मिलने के साथ-साथ सभी दुख-कष्ट दूर होते हैं.

देवी के निम्न पाठ से भी आपका जीवन ख़ुशियों से भर जाएगा-

प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम्
धन ऐश्‍वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम् ll
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम् ll
चराचरेश्‍वरी त्वंहि महामोहः विनाशनि
मुक्ति भुक्ति दायनी शैलपुत्री प्रमनाम्यहम् ll

Navratri 2021


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