बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस नीतू कपूर (Neetu Kapoor) आज अपना 66 th बर्थडे सेलिब्रेट (Neetu Kapoor celebrating 66th birthday) कर रही हैं. फैंस सिर्फ नीतू कपूर की एक्टिंग के ही नहीं, बल्कि उनकी खूबसूरती और प्यारी सी स्माइल के भी दीवाने हैं और 66 की उम्र में भी उनका चार्म कम नहीं हुआ है. नीतू कपूर को भले ही बहुत छोटी सी उम्र में नेम और फेम मिल गया हो, लेकिन उनके लिए एक्टिंग की राह आसान नहीं थी. इसके लिए उनकी मां को बहुत पापड़ बेलने पड़े, उन्हें स्टार बनाने के लिए उनकी मां ने बहुत स्ट्रगल किया. कुछ रिपोर्ट्स पर यकीन करें तो नीतू कपूर की मां और नानी दोनों तवायफ (Neetu Kapoor mother and grand mother) थीं. लेकिन उन्होंने बेटी नीतू कपूर को इस दलदल में नहीं फंसने दिया. नीतू कपूर की मां इस नर्क से कैसे बाहर निकलीं और किस तरह बेटी को सुपरस्टार बनाया, आइए जानते हैं दिलचस्प किस्सा.
तवायफ थीं नीतू सिंह की मां
नीतू कपूर का जन्म 8 जुलाई 1958 को हुआ था. तब उनका नाम हरनीत कौर था. उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर एक्टिंग करियर की शुरुआत कर दी थी और उनको एक्टिंग के फील्ड में लाने का पूरा श्रेय उनकी मां को जाता है, जो खुद एक तवायफ थीं और एक्ट्रेस बनना चाहती थीं, लेकिन उनका ये सपना पूरा ना हो सका. ऐसे में उन्होंने नीतू कपूर को एक्ट्रेस बनाकर ये सपना पूरा किया. हालांकि इसके लिए उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ा.
चाचा चाची ने ही नीतू सिंह की नानी को कोठे पर बेच दिया
दरअसल नीतू कपूर की नानी हरजीत सिंह तवायफ थीं. हरजीत जब 10 साल की थीं तभी उनके माता पिता का निधन हो गया था और इसके बाद प्रॉपर्टी की लालच में उनके चाचा चाची ने पहले तो उन्हें खूब मारा पीटा, इसके बाद उन्हें कोठे पर बेच दिया. नीतू कपूर की नानी ने इस नर्क के दलदल से निकलने की कई बार कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सकीं. आखिरकार उन्होंने कोठे के दलाल से ही शादी कर ली और उन्हें एक बेटी हुई, जिसका नाम उन्होंने राजी सिंह रखा.
नीतू सिंह की मां थीं राजी सिंह
राजी सिंह लाइफ में बहुत कुछ करना चाहती थीं, वो एक्टिंग करना चाहती थीं, लेकिन 14 साल की उम्र में उन्हें भी कोठे के दलदल में धकेल दिया गया. लेकिन राजी को ये सब मंजूर नहीं था, उन्हें एक्ट्रेस बनने का सपना पूरा करना था. आखिरकार एक दिन वो कोठे से भाग निकली और दिल्ली आ गईं. यहां आकर वो एक मिल में काम करने लगीं. मिल में ही उन्हें दर्शन सिंह नाम के शख्स से प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली. शादी के बाद उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम उन्होंने हरनीत सिंह रखा. यही हरनीत सिंह आगे चलकर नीतू सिंह के नाम से फेमस हुई.
इस तरह नीतू कपूर बनीं चाइल्ड आर्टिस्ट
हरनीत जब 5 साल की थीं तभी उनके माता-पिता उन्हें दिल्ली से मुंबई लेकर आ गए. हरनीत का स्कूल में एडमिशन कराकर राजी सिंह अपने लिए रोल ढूंढ़ने लगीं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. आखिरकर उन्हें समझ आ गया कि उनका हीरोइन बनने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा. इसलिए वह अपनी बेटी को फिल्मों में लाने के सपने देखने लगी. उनकी कोशिशें रंग लाई और उन्हें राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म सूरज में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट रोल मिल गया. हरनीत को फिल्म इंडस्ट्री ने बेबी सोनिया नाम दिया. उनकी ये फिल्म सुपरहिट हो गई और उन्हें काम मिलने लगा. उन्होंने कई फिल्में की जिसमें 'दस लाख', 'दो दुनी चार' और 'दो कलियां' जैसी फिल्मों में काम किया और खूब तारीफें बटोरी.
नीतू कपूर का कराया बोल्ड फोटोशूट
लेकिन राजी सिंह अपनी बेटी को हीरोइन बनाना चाहती थीं, ना की चाइल्ड आर्टिस्ट. इसलिए चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर सक्सेसफुल होने के बावजूद वो बेटी को लेकर पंजाब चली गईं. 3 साल बाद वो जब बेबी सोनिया जवान और खूबसूरत हो गईं तो वो उन्हें फिर मुंबई ले आईं और उनका नया नाम रखा नीतू सिंह. यहां आकर उन्होंने नीतू सिंह का एक बोल्ड फोटोशूट कराया. इस बोल्ड फोटोशूट के बाद नीतू सिंह को साइन करने के लिए मेकर्स की लाइन लग गई और देखते ही देखते नीतू कपूर सक्सेसफुल हीरोइन बन गईं, हालांकि बताया जाता है कि उनके करियर पर पूरा कंट्रोल उनकी मां का होता था.
1980 में ऋषि कपूर से शादी करने के बाद नीतू सिंह ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया और अपनी गृहस्थी व दोनों बच्चों को पूरा समय देने लगीं. पति ऋषि कपूर के निधन के बाद उन्होंने एक बार फिर एक्टिंग में कमबैक किया. भले ही वो 66 साल की हो गई हों, लेकिन अब भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है, जो उन्हें आज भी उतना ही प्यार करते हैं.