Close

कभी खाने को नहीं होता था खाना, भूखे पेट फुटपाथ पर गुजारी कई रातें, सांवली रंगत की वजह से झेला अपमान, अब दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित होंगे मिथुन चक्रवर्ती (Once Mithun Chakraborty Had To Sleep On footpath, Had Nothing Too Eat, Was Body Shamed For His Dark Complexion, Now The Actor To Get Dadasaheb Phalke Award)

डिस्को डांसर के नाम से मशहूर बॉलीवुड के लेजेंडरी एक्टर मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) को इंडियन सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित (Mithun Chakraborty to get Dadasaheb Phalke Award) किया जाएगा. एक्टर को ये अवॉर्ड 8 अक्टूबर 2024 को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान प्रेजेंट किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा करते हुए X पर लिखा, "कोलकाता की सड़कों से सिनेमा की दुनिया में ऊंचाई छूने तक. मिथुन दा की सिनेमाई जर्नी ने हर जनरेशन को इंस्पायर किया है. मैं ये ऐलान करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि दादा साहेब फाल्के सेलेक्शन जूरी ने मिथुन चक्रवर्ती को इंडियन सिनेमा में उनके अहम योगदान के लिए सम्मानित करने का फैसला किया है." 

ये न्यूज सुनते ही मिथुन चक्रवर्ती के फैंस खुश हो गए हैं और उन्हें लगातार बधाई दे रहे हैं. आज भले ही मिथुन को उनके सिनेमाई योगदान के लिए इतना बड़ा सम्मान मिला हो, लेकिन यहां तक पहुंचने की उनकी जर्नी बेहद मुश्किलों (Mithun Chakraborty's struggle story) भरी रही है. यहां तक कि उन्हें कई रातें भूखे पेट कभी किसी गराज में तो कभी फुटपाथ पर सोना पड़ा है, लोगों का अपमान सहना पड़ा है. 

Indian Bollywood actor Mithun Chakraborty attends a press conference for season 5 of reality television show "Dance India Dance" in Mumbai late on June 23, 2015. AFP PHOTO (Photo credit should read STR/AFP/Getty Images)

मिथुन चक्रवर्ती की रियल लाइफ भी किसी फिल्म से कम नहीं है. बॉलीवुड में मिथुन का कोई गॉडफादर नहीं रहा और ना ही कोई बैकग्राउंड रहा. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एक्टिंग के दम पर फिल्मी दुनिया में एक अलग पहचान बनाई.मिथुन दा हिंदी के अलावा बंगाली और उड़िया भाषा की फिल्मों में भी काम किया. कभी गुरबत में जिंदगी जीने को मजबूर मिथुन चक्रवर्ती आज लाखों करोड़ों दिलों पर राज करते हैं. यही वजह है कि मिथुन नहीं चाहते कि उनकी बॉयपिक बने. 

मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) के पास आज भले ही जिंदगी की सारी सुख सुविधाएं हैं लेकिन अपने लाइफ के शुरुआती दौर में वो बहुत ही बुरे वक्त का भी सामना कर चुके हैं. इसका खुलासा खुद एक्टर ने किया था जब वो एक बार सारेगामा लिटिल चैंप में बतौर गेस्ट पहुंचे थे. उन्होंने बताया था, "मैं फुटपाथ से आया हूं. मुंबई में मैं कई दिनों तक फुटपाथ पर सोया हूं. कभी फाइव गार्डन्स में, तो कभी किसी के हॉस्टल के सामने. मेरे एक दोस्त ने मुझे माटुंगा जिमखाना का मेंबरशिप दिलवा दिया था, ताकि मैं वहां का बाथरूम यूज कर सकूं. मैं वहां सुबह जाता और फ्रेश होकर अपने दांत-वांत साफ करता और फिर अपने रास्ते निकल जाता. मुझे ये भी नहीं पता होता था कि मैं कहां जाऊंगा मुझे अपना अगला खाना कब मिलेगा और मैं कहां सोऊंगा."

मिथुन दा ने आगे बताया था, "खाने को खाना नहीं होता था. कभी-कभी तो खाली पेट ही सोना पड़ता था. अपनी हालत देखकर मुझे खुद पर ही रोना आ जाता था. मुझे हमेशा मेरे स्किन कलर के लिए ट्रोल किया गया. मेरे स्किन कलर की वजह से मुझे सालों तक अपमानित किया गया."  मिथुन दा ने बताया कि इसलिए वो नहीं चाहते कि उनकी लाइफ पर फिल्म बने. "मेरी कहानी कभी किसी को इंस्पायर नहीं करेगी, ये उन्हें मेंटली तोड़कर रख देगी. साथ ही लोगों को सपनों पूरी करने से हतोत्साहित करेगी." 

हालांकि बाद में मिथुन को फिल्म इंडस्ट्री में काम मिलने लगा और आज उनका नाम बॉलीवुड के सबसे कामयाब सितारों की लिस्ट में शामिल है. अपने 48 साल के करियर में को 350 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं. मिथुन दा अपने बेहतरीन एक्टिंग के लिए तीन नेशनल अवार्ड भी जीत चुके हैं और अब उन्हें दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है. जाहिर है इस बात से मिथुन तो खुश हैं ही, उनके फैंस भी बेहद खुश हैं और उन्हें बधाइयां दे रहे हैं.

Share this article