Close

Birth Anniversary: संजीदा संजीव के चुलबुले अंदाज़! (Remembering Sanjeev Kumar: A Versatile Hero And An Effortless Actor)

Capture (2)

Birth Anniversary: संजीदा संजीव के चुलबुले अंदाज़! (Remembering Sanjeev Kumar: A Versatile Hero And An Effortless Actor)
  • आंखों में संजीदगी, पर होंठों पर कभी मासूम, तो कभी शरारती मुस्कान... कुछ ऐसा ही अंदाज़ था संजीव कुमार का. बात अदाकारी की करें, तो लगता है जैसे ये लफ़्ज़ ही उनके लिए बना हो.
  • हर क़िरदार में ख़ुद को इस तरह ढाल लेना कि देखनेवाला मंत्रमुग्ध हो जाए. संजीव यानी हरिभाई जरीवाला का जन्म 9 जुलाई 1938 को गुजरात के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था.
  • संजीव की बचपन से ही अभिनय में रुचि थी, यही शौक उन्हें पहले थिएटर की तरफ़ और फिर मायानगरी मुंबई तक ले आया.
  • शुरुआत में उन्हें हम हिंदुस्तानी फिल्म में एक छोटा-सा रोल करने का अवसर मिला और संजीव जैसे उम्दा कलाकार ने इस अवसर को ही अपनी पहचान बना ली, क्योंकि इसके बाद उन्होंने जो भी फिल्में बतौर सहयोगी कलाकार या लीड रोल भी कीं, तो उनसे उनका क़द बढ़ता ही चला गया.
  • संघर्ष जैसी फिल्म ने उन्हें एक पायदान और ऊपर पहुंचा दिया, क्योंकि यहां उनके सामने थे दिलीप कुमार, लेकिन संजीव (Sanjeev Kumar) के सहज अभिनय को देखकर वो भी उनके फैन हुए बिना नहीं रह सके.
  • आंधी, मौसम और खिलौना जैसी फिल्मों ने उन्हें एक संजीदा कलाकार के रूप में दर्शकों के दिलों में ख़ास जगह दिलाई, तो वहीं सीता और गीता, मनचली और अंगूर जैसी फिल्मों में उनकी कॉमिक टाइमिंग और चुलबुले अंदाज़ ने सबको अपना दीवाना बना दिया.
  • शोले के ठाकुर का बदला हो या फिर जानी दुश्मन का वो बेबस पिता, जिसमें एक बुरी आत्मा का कब्ज़ा होता है, त्रिशूल की निगेटिव भूमिका हो या पति पत्नी और वो का बेवफ़ा पति- सबमें ख़ूब जंचे संजीव!
  • खिलौना में एक पागल शायर का रोल, कोशिश में गूंगे-बहरे पति की भूमिका, अनामिका में एक धोखा खाए प्रेमी व लेखक या फिर सिलसिला में एक सीधे-सादे डॉक्टर, जो अपनी पत्नी की बेवफ़ाई को भी आसानी से माफ़ कर देता है- इस तरह के तमाम रोल्स से न्याय संजीव कुमार के अलावा शायद ही कोई कर पाता.
  • लेकिन उनकी सबसे यादगार फिल्म रही नया दिन, नई रात, जिसने उन्हें देश के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की फेहरिस्त में खड़ा कर दिया.
  • रोमांस का बादशाह कहें या कॉमेडी किंग, ट्रेजेडी का मास्टर कहें या इमोशन्स का पैकेज- संजीव कुमार वाकई एक कंप्लीट एक्टर थे.
  • 6 नवंबर 1985 को संजीव ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनकी बर्थ एनीवर्सरी पर हम उन्हें नम आंखों से याद करते हैं.
देखिए उनके अलग अंदाज़ इन गानों के माध्यम से-

फिल्म: आंधी, गाना- तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं...

https://www.youtube.com/watch?v=8-HnmVg0-O8

फिल्म: मौसम, गाना- छड़ी से छड़ी कैसी गले में पड़ी

https://www.youtube.com/watch?v=3J8dLm5HcA0

फिल्म: मनचली, गाना- मनचली कहां चली...

https://www.youtube.com/watch?v=u3WL9YBcQxo

फिल्म: सीता और गीता, गाना- हवा के साथ-साथ, घटा के संग-संग

https://www.youtube.com/watch?v=DZFUKxlMcTk

फिल्म: मौसम, दिल ढूंढ़ता है फिर वही फुर्सत के रात-दिन...

https://www.youtube.com/watch?v=M8s4Mb1sgN0

Share this article