सोनम कपूर को भले ही लोग काफ़ी ट्रोल करते हैं, उन्हें नेपोटिज़्म का प्रोडक्ट, मंद बुद्धि और ना जाने क्या क्या कहा जाता है लेकिन फिर भी वो अपना पक्ष रखने से पीछे नहीं हटतीं और जब मुद्दा महिलाओं से जुड़ा हो तो वो खुलकर बोलती हैं.
हाल ही में एक मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में सोनम ने फिल्म इंडस्ट्री में सेक्सिस्म पर बात की और अपनी राय रखी. सोनम ने कहा मैंने खुद देखा है कि किस तरह महिलाओं को यहां ट्रीट किया जाता है, अगर आप महिला हो और बॉलीवुड में हो तो आपको अलग ही नज़रिये से देखा जाता है. उन्हें क्रिएटिव पर्सन या आर्टिस्ट ना मानकर मात्र दोयम दर्जे का माना जाता है. एक्ट्रेस के लिए कहानी, डायलॉग और गाने तक अलग ही तरह से लिखे जाते हैं. उनसे एक निश्चित तरीक़े से व्यवहार करने, कपड़े पहनने और एक्टिंग करने की अपेक्षा की जाती है.
हम में और मेल एक्टर्स में क्या फ़र्क़ है? लेकिन उनके लिए इस तरह से बात नहीं की जाती जिस तरह से महिलाओं के लिए की जाती है. ऐसा लगता है कि महिलाओं को लेकर आज भी वही सदियों पुरानी सोच को लेकर हम चल रहे हैं.
यहां तक कि अगर किसी एक्ट्रेस के बेहतर करियर के लिए यह माना जाता है कि उसे किसी बड़े हीरो के साथ काम करना चाहिए, कोई एक्ट्रेस किसी बड़े स्टार के साथ काम कर ले तो उसको एक अचीवमेंट की तरह देखा जाता है. बहुत ज़रूरी है कि इस सोच में बदलाव आए और ये बदलाव खुद महिलाएँ ही ला सकती हैं, उन्हें खुद अपना स्टैंड लेना होगा.
मुझे देख कर डर लगता है कि किस तरह से मेरी कलीग्स को मानसिक आघात से गुजरना पड़ता है. महिलाओं को दरअसल सॉफ़्ट टार्गेट समझा जाता है. खुद महिलाओं को तय करना होगा कि क्या सिर्फ़ पैसा ही ज़रूरी है? उसके लिए आप बहुत कुछ ऐसा करते हो जो आपके सम्मान के लिए सही नहीं. महिलाओं को ये सोच छोड़कर अपने लिए बेहतर विकल्प तलाशने होंगे.
महिलाओं को जिस तरह से पर्दे पर दर्शाया जाता है उसे लेकर आवाज़ उठानी चाहिए और उन्हें इतना बोल्ड होना चाहिए कि लिंगभेद को बढ़ावा देनेवाली फ़िल्मों को वो ना कह सकें!
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