इतना कहकर एंकर ने इशारा किया, तो मंच पर सबसे पहली प्रतिभागी कविता हेमरजानी आईं. कविता ने अपने दिलकश अंदाज़ से दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया था. कई राउंड में उन्हें सौ में से सौ अंक मिले थे. एंकर ने दर्शकों की तरफ़ इशारा किया, तो उनमें से एक लड़का निकलकर सामने आया. वह कविता का ज़बर्दस्त फैन था.
... ‘‘कोई कलाकार शास्त्रीय संगीत में पारंगत है, तो कोई लोक संगीत का उस्ताद. कोई ग़ज़ल और मौसिकी का शहंशाह है, तो कोई जैज़ म्यूज़िक का बादशाह. कोई फिल्मी गीतों का सितारा है, तो कोई वेस्टर्न म्यूज़िक का सुपर स्टार. सभी अपने-अपने फन के महारथी, मगर हमारा लक्ष्य, तो एक ऐसे सिंगर की तलाश करना है, जो हरफनमौला हो. जो संगीत की हर विधा का ज्ञाता हो, जिसकी हर सुर पर पकड़ हो. इसलिए हमने इस राउंड में अपने आर्केस्ट्रा को बाहर रखा है. उसकी जगह कंप्यूटर पर पहले से रिकाॅर्डेड म्यूज़िक तैयार रहेगा, जिसमें हर भाषा की सैकडों तरह की धुनें, हज़ारों गानों के इंस्ट्रूमेंटल होंगे. दर्शकों में से कोई भी सामने आए. वह हर तीस सेकंड पर कंप्यूटर के बटन को दबाएगा, तो किसी भी भाषा की कोई भी धुन बज उठेगी. गायक और गायिका को इसी तीस सेकंड तक उस गीत को गाना होगा. उसके बाद धुन बदल जाएगी. विजेता का निर्णय इस बात पर होगा कि उसने कितनी जल्दी और कितने सही तरीक़े से उस धुन पर गीत गाया है और कितने त्रुटिहीन तरीक़े से दूसरी धुन पर पहुंचा.’’ यह भी पढ़ें: ब्रह्म मुहूर्त का क्या महत्व है और संस्कृत को क्यों माना जाता है वैज्ञानिक भाषा… जानें इन मान्यताओं के पीछे का साइंस! (Science Behind Practising Hindu Rituals & Rites) इतना कहकर एंकर ने इशारा किया, तो मंच पर सबसे पहली प्रतिभागी कविता हेमरजानी आईं. कविता ने अपने दिलकश अंदाज़ से दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया था. कई राउंड में उन्हें सौ में से सौ अंक मिले थे. एंकर ने दर्शकों की तरफ़ इशारा किया, तो उनमें से एक लड़का निकलकर सामने आया. वह कविता का ज़बर्दस्त फैन था. उस लड़के ने कंप्यूटर का बटन दबाया, तो उससे फिल्म ‘मुगल-ए-आज़म’ में उस्ताद बड़े गुलाम अली साहब की तानसेन के लिए गाए गीत प्रेम जोगन बन के... की धुन बज उठी. कविता ने दो सेकंड में ही अत्यन्त दिलकश अंदाज़ में उस गीत को गाना शुरू कर दिया. ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने इस गीत को उस्ताद साहब से ही सीखा है. तीस सेकंड बाद उस लड़के ने कंप्यूटर का फिर बटन दबाया, तो ए.आर. रहमान के सुपरहिट गीत सुन छैया-छैया... की धुन बज उठी. दोनों गीत, संगीत की बिल्कुल विपरीत धारा के थे, लेकिन महज़ चार सेकंड के भीतर कविता हेमरजानी ने जिस ख़ूबसूरती से छैंया-छैंया... गाना शुरू कर दिया, उसने दर्शकों को ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया. तीस सेकंड बाद बटन फिर दबने पर कंप्यूटर से माइकल जैक्सन के सुपर हिट नंबर यू राॅक माई वर्ल्ड... की धुन निकली तो अगले तीसवें सेकंड पर लता मंगेशकर के शास्त्रीय गीत ‘कैसे जाऊं जमुना किनारे... की धुन बज उठी, तो उसके अगले तीस सेकंड गीता दत्त के बंगाली सुपरहिट गीत झनक-झनक कनक बाजे... के नाम थी. पंजाबी हिट कमली यार दी कमली... के बाद अगले तीस सेकंड श्रेया घोषाल के फिल्म देवदास में गाए गीत सिलसिला ये चाहत का... के थे. अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें... संजीव जायसवाल ‘संजय’ अधिक शॉर्ट स्टोरीज के लिए यहाँ क्लिक करें – SHORT STORIES
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