“यू नो, यू आर द बेस्ट वाइफ इन दिस वर्ल्ड...” फिर सर्टिफिकेट... ओफ़... हर बार अपना मनचाहा पाकर मैं तो ख़ुश रहा, मगर मालती... उस पर क्या गुज़रती होगी ये तो कभी सोचा ही नहीं... कितना दम घुटता होगा उसका मेरे साथ...
मैं एक ऐसे बैट्समैन की तरह घर लौट रहा था, जो सेंचुरी से ठीक पहले रनआउट हो गया हो. ... "अकेले क्या खाती, सोचा आप के ही साथ खा लूंगी.“ सुनकर मुझे कितना अच्छा लगा था. मैंने कह भी दिया था, “कितना ख़ुशक़िस्मत हूं मैं, जो तुम्हारे जैसी बीवी मिली, वरना आजकल की औरतें तो बस तौबा हैं...” उस दिन शायद मैंने उसे पहला सर्टिफिकेट दिया था. एक दूसरा दृश्य, शुगर होने पर मालती मेरी फीकी और अपनी मीठी चाय ले आई, मगर मैंने चुपके से उसके कप से सिप ले ली. “ये क्या कर रहे हैं, मना है ना आपको...” “मगर मीठी चाय देखकर रूका नहीं जाता.“ “ठीक है, अब से मैं भी नहीं पियूंगी...” “सो स्वीट ऑफ यू…” मैंने उसे एक और सर्टिफिकेट थमाया. राखी का दिन, मायके जाने को तैयार होती मालती. “शाम तक लौट आओगी ना?” मेरी मनुहार पर उसका जवाब, “दीदी भी आ रही हैं, कल आ जाऊंगी.“ “अकेले घर में मेरा तुम्हारे बिना कैसे मन लगेगा... प्लीज़...” “ठीक है बाबा आ जाऊंगी.” वो मान गई. “यू नो, यू आर द बेस्ट वाइफ इन दिस वर्ल्ड...” फिर सर्टिफिकेट... ओफ़... हर बार अपना मनचाहा पाकर मैं तो ख़ुश रहा, मगर मालती... उस पर क्या गुज़रती होगी ये तो कभी सोचा ही नहीं... कितना दम घुटता होगा उसका मेरे साथ... मैं एक ऐसे बैट्समैन की तरह घर लौट रहा था, जो सेंचुरी से ठीक पहले रनआउट हो गया हो. अहाना गेट पर ही रुकी मेरा इंतज़ार कर रही थी. यह भी पढ़ें: बचें इन पैरेंटिंग मिस्टेक्स से (Parenting Mistakes You Should Never Make) “आप ठीक हैं ना पापा... अगर मैंने आपको हर्ट किया हो, तो आई एम सॉरी...” सुनकर मैं हंस पड़ा. कभी-कभी कोई हंसी किसी गहरे सदमे से भी फूटती है. “आज बाप-बेटी वॉक पर गए थे या चौरासी कोस की परिक्रमा पर… चलो अब जल्दी से बताओ नाश्ते में क्या बनेगा.“ मालती ने रोज़ की तरह पूछा. “तुम्हें क्या पसंद है, तुम क्या खाना पसंद करोगी?” मैंने आज ये पहली बार पूछा था शायद. “मैं... मेरा क्या है, मैं तो कुछ भी खा लूंगी, तुम बताओ...” “नहीं आज तुम ही बताओगी. जो तुम खाओगी वही हम खाएंगे.” सुनकर मालती ऐसी गहरी सोच में पड़ गई, जैसे उसके सामने नाश्ते का नहीं, बल्कि गणित का कोई कठिन सवाल रख दिया गया हो. ये तो शायद उसने सालों से नहीं सोचा था कि उसे नाश्ते में क्या पसंद है... अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें... दीप्ति मित्तल अधिक शॉर्ट स्टोरीज के लिए यहाँ क्लिक करें – SHORT STORIES
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