किसी भी महिला के शरीर में गर्भाशय सबसे महत्वपूर्ण अवयवों में से एक होता है. महिला प्रजनन प्रणाली के मूलभूत भाग के रुप में यह जीवन निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि हम ऐसे आहार के बारे में समझें, जो गर्भाशय और इसके साथ ही प्रजनन प्रणाली के लिए सहायक हो.
इंफर्टिलिटी यानी बांझपन एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसका सामना अधिकतर महिलाओं को करना पड़ता है. बड़ी संख्या में महिलाएं पीसीओडी/पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर/पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से पीड़ित रहती हैं, जिसके कारण शुरुआती उम्र में ही उन्हें इंफर्टिलिटी की समस्या आती है. इसके लिए अनहेल्दी जीवनशैली मुख्य रूप से ज़िम्मेदार होती है. प्रजनन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए ज़रूरी है कि आप हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाएं. एक स्वस्थ प्रजनन प्रणाली के लिए एक स्वस्थ शरीर का होना बेहद ज़रूरी होता है. इसी संदर्भ में हमें फिटनेस एवं पोषण विशेषज्ञ रोहित शेलाटकर ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.
आहार हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है और योग्य आहार एक स्वस्थ शरीर का निर्माण कर सकता है. नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ महिलाओं की प्रजनन प्रणाली के लिए फ़ायदेमंद हो सकते हैं.
मिश्रित (कॉम्प्लेक्स) कार्बोहाइड्रेट्स- ब्राउन राइस, ओट्स जैसे संपूर्ण अनाज और संपूर्ण अनाजवाली रोटी/ब्रेड
संपूर्ण अनाज में ज़िंक, सेलेनियम और बी विटामिन जैसे प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देनेवाले पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं. हार्मोन संतुलन और प्रजनन क्षमता को बढ़ानेवाले आहार का यह एक महत्वपूर्ण भाग होते हैं.
मिठाइयों, केक और पेस्ट्री जैसे उत्पादों में अक्सर मैदा और सफ़ेद शक्कर जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रकार के खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर में अचानक वृद्धि कर सकते हैं, जिससे हार्मोन संतुलन बिगड़ने की शुरुआत हो जाती है. इसलिए जहां तक संभव हो सके इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें या कम से कम करें.
अंडा
विटामिन के एक ज़बरदस्त स्त्रोत के तौर पर अंडे प्रजनन क्षमता के स्तर को बढ़ाने में सहायता करते हैं. इसके साथ ही इसमें ओमेगा 3 और कोलीन होता है. ओमेगा 3 प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है, जबकि कोलीन कई जन्मजात विकारों के ख़तरे को कम करता है.
वसायुक्त मछली
मछली में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड जैसे स्वास्थ्यप्रद फैट्स (वसा) होते हैं. प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के अलावा यह रूखी त्वचा-बाल, कमज़ोर नाखून, थकान, चिड़चिड़ापन, मोटापा, पीएमएस, अर्थोराइटिस, उच्च रक्तचाप, चोट के ठीक होने की समस्या, बाल झड़ने जैसी समस्याएं ठीक करने में मदद करते हैं. वयायुक्त मछली के सेवन से न सिर्फ़ कोशिकाओं में सुधार आता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के विभिन्न जोख़िमों से भी हमारा बचाव करने में सहायता करती है.
बेरीज़
जो महिलाएं गर्भधारण करना चाहती हैं उनके लिए बेरीज़ एक बेहतरीन स्त्रोत है. रास्पबेरीज़ और ब्लूबेरीज़ में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटीइन्फ्लामेटरी फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. गर्भधारणा के लिए प्रयास कर रही महिलाओं के लिए यह विशेष रुप से उपयोगी है, क्योंकि इसमें फोलेट और विटामिन सी होता है, जो गर्भ के विकास के लिए प्रमुख पोषण होता है. इसके साथ ही वज़न नियंत्रण में भी बेरीज़ मदद कर सकते हैं. इन स्वादिष्ट फलों को आसानी से डेज़र्ट, स्मूदी, ग्रेनोला के साथ फ्रूट बाउल्स के माध्यम से या ऐसे ही लेकर प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देनेवाले आहार में समाविष्ट किया जा सकता है.
दही
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और इन्फ्लामेटरी डाइजेस्टिव ट्रैक्ट डिसऑर्डर से जुड़ी समस्याएं कम करने में दही सहायता करता है. इसके अलावा, पेट के अल्सर और योनि संक्रमण के जोख़िम को कम करने में भी दही मदद करता है. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम के पोषण से भरे हुए दही का ताज़े फलों या नट्स जैसे- बादाम-पिस्ता या सीड्स के साथ हर महिला को सेवन करना चाहिए.
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कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं जिनका नकारात्मक प्रभाव महिलाओं के प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य पर पड़ सकता है और इसे पूरी तरह दूर करना चाहिए या कम कर देना चाहिए. कैफिन और अल्कोहोल की मात्रा कम कर देनी चाहिए. धूम्रपान करने से पूरी तरह बचना चाहिए. प्रोसेस्ड फूड, जैसे- फास्ट फूड, डेली मीट, रेडी-टू-इट मील और पैकेज किए गए आहार में अक्सर ट्रान्स फैट और केमिकल जैसे अवांछित पदार्थ होते हैं. इसके साथ ही इसमें आमतौर पर कैलोरी की मात्रा अधिक होती है और यह ओवूलेटरी इंफर्टिलिटी के ख़तरे को बढ़ा सकते हैं.
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