दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी बातें, पल भर के साथ या फिर यूं कहें कि मौजूदगी से ही सब कुछ ख़ुशनुमा और सकारात्मक हो जाता है, ऐसे ही शख़्सियत के मालिक हैं अनुपम खेर. ज़िंदादिली से भरपूर, चेहरे पर खिलती मुस्कुराहट और हमेशा पॉजिटिवनेस से लबालब...

वे जहां कहीं भी जाते हैं अपनी बातों, उमंग-उत्साह, जोश और शरारतों से माहौल बना देते हैं. वे अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ज़िंदगी से जुड़ी छोटी-छोटी पर बेहद गहरी बातों को साझा करते रहते हैं. आज भी उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करके जीवन की सीख देती प्रेरणादायक बातें कहीं.
लाइफ लेसन के रूप में अपनी बात को वे कुछ इस तरह कहते हैं- कुछ मेरी ख़ुद की ज़िंदगी से, कुछ आसपास के लोगों की ज़िंदगी से और कुछ किताबों से!! दरअसल, हमारी प्रॉब्लम्स का हल हमारे ही अंदर कहीं छुपा होता है! केवल ढूंढ़ने भर की ज़रूरत होती है. उम्मीद है मेरी इन बातों से आपको मदद मिलेगी.

दोस्तों, लाइफ हमें रोज़ कुछ न कुछ सिखाती है. और मज़े की बात यह है कि इसके सिखाने के तरी़के अनोखे होते हैं. जो कुछ मैं अपनी लाइफ से सीखता हूं, कुछ अपनी ज़िंदगी से, कुछ दूसरों के जीवन से और कुछ जो मैं कभी पढ़ता हूं... आज मैं.. मैंने सोचा आपके साथ शेयर करूं. बहुत सिंपल है, जैसे- यू रियली टू बिकम वुड यू थिंक...
अब आप पूछेंगे कैसे? जैसा आप सोचते हैं कई बार आप सचमुच वैसे ही बन जाते हैं... अगर आप हमेशा अपने दिमाग़ में बुरी बातें, निगेटिविटी भरते रहेंगे, तब आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब आपका दिमाग़ उसी डायरेक्शन में काम करना शुरू कर देगा.

नंबर दो इमोशन्स दे आर नॉट प्रॉब्लम्स, दे आर सिग्नल्स... हमें यह समझना होगा और एक्सेप्ट करना होगा कि फियर यानी डर, ग़ुस्सा, एंग्जायटी, डिप्रेशन... ये सारे इमोशन्स हमें लगातार सिग्नल देते रहते हैं और हम नज़रअंदाज़ करते रहते हैं. जैसे डर हमें हमारी लिमिटेशन सीखाता है...ग़ुस्सा बताता है कि हमारी बॉउंड्रीस क्रास हो गई है. एंग्जायटी हमेशा हमें अनसर्टन चीज़ों में फंसाए रखती है. डिप्रेशन हमें हमारे पास्ट से बाहर निकलने नहीं देता... हम भूल जाते हैं कि पास्ट हमारे ज़िंदगी का स़िर्फ एक चैप्टर है पूरी ज़िंदगी नहीं... लर्न फ्राम बट डोंट लीव दैट...

तीसरी बात वैन समवन ट्रिगर्स यू, पॉज... जस्ट पॉज... ठहर जाइए कुछ पलों के लिए... अगर किसी की कहीं हुई बात हमें चुभने लगे या परेशान करें, तो समझ लो वो बात कहीं न कहीं हमारे अंदर ही छिपी हुई है और हमें जल्द से जल्द उससे छुटकारा पाना है... सो डोंट रिएक्ट.. बी साइलेंट और अपनी हीलिंग पर फोकस करिए...

बस आज इतना ही, सोचता रहता हूं कि जीवन को जीने का बेस्ट तरीक़ा क्या है. हमारे अंदर ही हमारे सॉल्यूशन है. थैंक्यू.. जय हो!..

अनुपम खेर हमेशा से ही ज़िंदगी को ज़िंदादिली से जीते रहे हैं. वे हर किसी से प्यार से मिलते हैं, फिर चाहे वो अपने हो या कोई और... उनकी प्रेरणास्त्रोत और सकारात्मक बातें हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती हैं. इसके लिए उनका तहेदिल से धन्यवाद! वे यूं ही सभी को मोटिवेट करते रहें, जय हो!


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