यह भी पढ़ें: राजस्थानी किलों की सैर
महाराजा पैलेस
महाराजा पैलेस के नाम से मशहूर मैसूर महल हिंदू और मुस्लिम वास्तुशिल्प का अनूठा संगम है. पहले इसे चंदन की लकड़ियों से बनाया गया था, लेकिन एक दुर्घटना में महल को क्षति पहंची और यह पूरी तरह से ढह गया. दुबारा इस महल को बनवाया गया जिसे आज आप देख सकते हैं. स्लेटी रंग (ग्रे कलर) के पत्थरों से बने इस महल के गुलाबी गुंबद इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. इस महल को अब म्यूज़ियम में तब्दील कर दिया गया है. राजसी हथियार, तरह-तरह के चित्र, राजसी पोशाकें आदि आपको यहां देखने को मिलेंगी. आकर्षण का केंद्र महल के अंदर एक किला है जिसका गुंबद सोने के पत्थरों से बना है. सूरज की रोशनी पड़ते ही इस गुंबद की सुंदरता देखते ही बनती है. इसके साथ ही मैसूर की आकृति का स्वर्ण सिंहासन इस महल का ख़ास आकर्षण है. कैसे जाएं? बस, ट्रेन, फ्लाइट के माध्यम से आप बैंग्लोर पहुंच सकते हैं. उसके बाद वहां से आप मैसूर के लिए रवाना हो सकते हैं.रात में लगभग चार लाख बल्बों की रोशनी में जगमगाते महाराजा महल की सुंदरता को कैमरे में कैद करना न भूलें. बच्चों के लिए ये दृश्य परियों की कहानी जैसा होगा.
सिटी पैलेस
राजस्थान की राजधानी गुलाबी शहर जयपुर में बना यह महल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. कछवाहा राजवंश के राजाओं ने इस महल का निर्माण ख़ुद के रहने के लिए करवाया था. जयपुर के चुनिंदा इमारतों में से ये एक है. सिटी पैलेस के चारों ओर ही जयपुर शहर को बसाया गया. फिलहाल इस महल को संग्रहालय में बदल दिया गया है. आकर्षण का केंद्र बनारसी साड़ियों और शाही पश्मीना शॉल की कई पोशाकें आपको सम्मोहित कर सकती हैं. इसके साथ ही यहां पर आपको राजा सवाई माधो सिंह की पहनी गई पोशाकें, हाथी दांत तलवारें, पिस्टल, चेन हथियार, प्वाइज़न टिप वाले ब्लेड के साथ और भी कई तरह के हथियार और तत्कालीन समय की बहुत सारी चींज़ें देखने को मिलेंगी. कैसे जाएं? यह राजस्थान की राजधानी है. यहां पर आप देश के किसी कोने से आसानी से बस, ट्रेन, फ्लाइट या फिर अपनी ख़ुद की गाड़ी से पहुंच सकते हैं.पिंक सिटी से वापस आते समय वहां से राजस्थानी वस्तुओं की ख़रीददारी करना न भूलें. राजस्थानी लहंगे, पगड़ी, शॉल के साथ अपने ड्रीम होम को सजाने के लिए वहां से ट्रेडिशनल डेकोरेटिव आइट ख़रीदना न भूलें.
यह भी पढ़ें: विलेज टूर ताकि बच्चे जुड़े रहें अपनी संस्कृति से
उम्मेद भवन पैलेस
जयपुर के बाद जोधपुर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है. उम्मेद भवन जोधपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान का आकर्षण का केंद्र है. महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर ही इस महल का नाम रखा गया. यह जोधपुर के चित्तर पहाड़ी पर बना है, इसीलिए इसे चित्तर पैलेस के नाम से भी जानते हैं. महल के एक हिस्से को हेरिटेज होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है, जबकि बाकी हिस्से को संग्रहालय में. आकर्षण का केंद्र जोधपुर के शाही परिवार के द्वारा उपयोग की गई तरह-तरह की वस्तुओं के अलावा हवाई जहाज़ के मॉडल, पुराने हथियार, पुरानी घड़ियों के साथ और भी बहुत सी चीज़ें यहां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. इसके साथ ही महल की बनावट भी सैलानियों को जोधपुर आने के लिए बाध्य करती है. कैसे जाएं? देश के दूसरों शहरों से जोधपुर जुड़ा हुआा है. इसका अपना रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा भी है. आप अपनी सुविधानुसार जोधपुर जा सकते हैं.उज्जयंत महल
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में झील किनारे बना उज्जयंत महल ख़ासतौर पर पर्यटकों को लुभाता है. महल के चारों ओर हरियाली और मुग़ल गार्डन इस महल की शोभा में चार चांद लगाते हैं. मुग़ल और यूरोपीय शैली का ये जीता-जागता नमूना है. अब इसे संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है. आकर्षण का केंद्र राजाओं के पुराने वस्त्र, हथियार के साथ उस समय की तमाम चीज़ों को आप इस महल में देख सकते हैं. कैसे जाएं? अगरतला देश के दूसरे शहरों से जुड़ा है. यहां जाने के लिए आप ट्रेन या प्लेन से पहुंच सकते हैं. उसके बाद वहां के लोकल वेहिकल से आप महल तक पहुंच सकते हैं.रात के समय बल्बों की रोशनी के बीच झील में महल का प्रतिबिम्ब बहुत ही सुंदर दिखता है. इसके साथ ही सुबह के सूरज की पहली किरण में भी दुधिया महल को देखते ही बनता है.
बॉलीवुड फिल्मों में भी समय-समय पर महलों की शूटिंग होती रही है. हाल ही में रिलीज़ फिल्म ख़ूबसूरत में भी राजस्थान के सुंदर और भव्य महल के दृश्य को बख़ूबी कैमरे में कैद किया गया है. इसके साथ ही सोनम कपूर की ही फिल्म रांझना के कुछ दृश्यों की शूटिंग भी पटौदी पैलेस में हुई थी.