बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और हिंदी सिनेमा के हीमैन धर्मेंद्र आज अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के फगवाड़ा में हुआ था. फगवाड़ा उनकी बुआ का शहर है, जबकि धर्मेंद्र का पैतृक गांव लुधियाना जिले में स्थित साहेनवाल है. उनका पूरा नाम धरम सिंह देओल है और उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई फगवाड़ा के आर्य हाई स्कूल एवं रामगढ़िया स्कूल से की थी, लेकिन वे मैट्रिक तक ही पढ़ाई कर पाए. महज़ 19 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी. कहा जाता है कि जब उन्हें बॉलीवुड की ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी से प्यार हुआ तो उनसे शादी करने के लिए धर्मेंद्र ने इस्लाम धर्म भी अपना लिया. वे हिंदी सिनेमा के एक ऐसे कलाकर हैं, जिन्होंने अपने किरदारों की विविधता से हमेशा दर्शकों का दिल जीता है. उनकी निज़ी ज़िंदगी ही नहीं, बल्कि एक आम इंसान से बॉलीवुड का सुपरस्टार बनने तक का उनका सफ़र भी काफी रोचक रहा है. चलिए धर्मेंद्र जी के बर्थडे पर जानते हैं उनकी ज़िंदगी के सफर से जुड़े रोचक किस्से.
हिंदी सिनेमा में कदम रखने से पहले अभिनेता धर्मेंद्र रेलवे में क्लर्क हुआ करते थे और उन्हें सवा सौ रुपए बतौर सैलरी मिलती थी, लेकिन उनकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था.
कहा जाता है कि फ़िल्मफेयर की तरफ से आयोजित 'टैलेंट हंट प्रतियोगिता' में धर्मेंद्र ने कई प्रतियोगियों को पीछे छोड़कर जीत हासिल की थी. सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि उन्होंने अभिनय कहीं से सीखा ही नहीं था, बावजूद इसके वे विजयी हुए. यह भी पढ़ें: राज बब्बर से प्यार करने लगी थीं रेखा, जब प्यार में दिल टूटा तो नंगे पैर ही मुंबई की सड़कों पर दौड़ी थीं एक्ट्रेस (Rekha’s Love Affair With Raj Babbar, When Actress Ran Barefoot On Mumbai Streets After An Argument With Raj Babbar)
टैलेंट हंट प्रतियोगिता जीतने के बाद धर्मेंद्र मुंबई आ गए, लेकिन उनके लिए हिंदी सिनेमा में पहचान बनाने की राह बेहद मुश्किल और चुनौतियों से भरी हुई थी. सपनों की नगरी मुंबई में आने के बाद उन्हें फ़िल्मों में आने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा.
पैसे न होने के कारण धर्मेंद्र जी फ़िल्म निर्माताओं के दफ्तर के चक्कर लगाने के लिए मीलों पैदल चलते थे. वे पैदल इसलिए चलते थे, ताकि कुछ पैसे बचाकर खाना खा सकें. संघर्ष के दिनों में कई बार वे चने खाकर सो जाते थे, लेकिन कभी-कभी तो उन्हें चने भी नसीब नहीं होते थे.
काफी संघर्षों के बाद आखिरकार अर्जुन हिंगोरानी ने उन्हें 51 रुपए देकर फ़िल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' के लिए साइन किया. साल 1960 में उन्होंने एक्ट्रेस कुमकुम के साथ इसी फ़िल्म के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की.
हालांकि धर्मेंद्र को बॉलीवुड में पहचान मीना कुमारी से साथ आई फ़िल्म 'फूल और पत्थर' से मिली. यह उनके फ़िल्मी करियर की पहली हिट फ़िल्म थी. इस फ़िल्म से हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाने वाले धर्मेंद्र को फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा.
एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि धर्मेंद्र राज कुमार से काफी गुस्सा हो गए. दरअसल, राज कुमार जितेंद्र और धर्मेंद्र के बीच फर्क नहीं समझ पाते थे. यही वजह है कि धर्मेंद्र को जितेंद्र के नाम से पुकारा करते थे. एक बार जब धर्मेंद्र ने उनकी इस आदत पर नाराज़गी जताई तो राज कुमार ने कहा कि मेरे लिए राजेंद्र हो, जितेंद्र हो, धर्मेंद्र हो या फिर कोई बंदर, क्या फर्क पड़ता है? राज कुमार की इसी बात को लेकर धर्मेंद्र काफी गुस्सा हो गए थे.
उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो साल 1954 में उन्होंने प्रकाश कौर से शादी की थी. उस दौरान धर्मेंद्र ने फ़िल्मों में काम करना शुरू नहीं किया था. प्रकाश कौर से उन्हें चार बच्चे हैं दो बेटे और दो बेटियां, जिनके नाम सनी देओल, बॉबी देओल, अजेता और विजेता है.
जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा तो उनकी मुलाकात हेमा मालिनी से हुई. शादीशुदा होने के बावजूद खुद से 13 साल छोटी हेमा मालिनी पर उनका दिल आ गया. धर्मेंद्र के शादीशुदा होने वजह से हेमा का परिवार भी इस रिश्ते के खिलाफ था. धर्मेंद्र और हेमा की सुपहिट जोड़ी ने एक साथ करीब 25 फिल्मों में काम किया.
उस जमाने में ड्रीम गर्ल के नाम से फेमस हेमा मालिनी के साथ धर्मेंद्र शादी करना चाहते थे. अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी से शादी की और इसके लिए उन्होंने इस्लाम धर्म को कुबूल किया था. धर्मेंद्र ने दूसरी शादी करने के लिए अपना नाम दिलावर खान रखा. बता दें कि हेमा मालिनी से उन्हें दो बेटियां ईशा देओल और अहाना देओल हैं.
फ़िल्मों में हीमैन के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले धर्मेंद्र अपने आप में अभिनय का एक लंबा अनुभव समेटे हुए हैं. अपने ज़माने में हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार धर्मेंद्र राजनीति से भी जुड़े. वे साल 2004 से साल 2009 तक बीकानेर से बीजेपी के सांसद रहे, लेकिन उन्हें राजनीति ज़्यादा रास नहीं आई.
धर्मेंद्र एक ऐसे दिग्गज कलाकार हैं, जिन्होंने पिछले 50 साल में हिंदी सिनेमा में आए बदलावों को न सिर्फ करीब से देखा है, बल्कि इन बदलावों को स्वीकार भी किया है. उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में लगभग 250 फ़िल्में की हैं, जो अपने तरह का एक रिकॉर्ड ही है.
उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री के लगभग हर बड़े प्रोड्यूसर-डायरेक्टर के साथ काम किया है. दमदार एक्शन के लिए हीमैन के तौर पर मशहूर धर्मेंद्र ने 'सीता और गीता', 'चरस', 'हकीकत', 'कयामत', 'यकीन', 'लोफर', 'द बर्निंग ट्रेन', 'चुपके-चुपके', 'आए दिन बहार के', 'आया सावन झूम के', 'सत्यकाम' और 'शोले' जैसी कई बेहतरीन फ़िल्मों में बेमिसाल अभिनय किया है.
चाहे हेमा मालिनी हो या शर्मिला टैगोर, उस दौर की सभी हीरोइनों के साथ धर्मेंद्र की जोड़ी दर्शकों को बेहद पंसद आती थी. साल 2000 के बाद धर्मेंद्र ने 'किस किस की किस्मत', 'अपने', 'जॉनी गद्दार' जैसी फ़िल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता.
साल 2011 में रिलीज़ हुई दो फ़िल्मों 'यमला पगला दीवाना' और 'टेल मी ओ खुदा' के अलावा 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में भी धर्मेंद्र नज़र आए थे. उन्होंने बतौर प्रोड्यूसर 'घायल', 'बरसात', 'इंडियन', 'सोचा न था' और 'अपने' जैसी फ़िल्मों को प्रोड्यूस किया है. बेशक एक आम इंसान से बॉलीवुड के सुपरस्टार बनने तक का उनका सफर बेहद ही दिलचस्प रहा है. बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र जी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं.