हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन 80 साल की उम्र में भी फिल्मों में एक्टिव हैं. अपने 50 दशक के फिल्मी करियर में बिग बी ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब उन्होंने फिल्मों से इतर राजनीति में अपनी किस्मत आज़माई थी. दर्शकों के दिलों पर सालों से राज कर रहे अमिताभ बच्चन का राजनीतिक सफर आखिर कैसा रहा, आइए जानते हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो साल 1984 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक लेते हुए अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उस दौरान बिग बी ने अपने अजीज़ दोस्त और दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समर्थन में राजनीति में एंट्री की थी. राजनीति की दुनिया में आने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. उस दौरान चुनावी दंगल में बिग बी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे एचएन बहुगुणा को 68.2 फीसदी वोटों से करारी शिकस्त दी थी. यह भी पढ़ें: कई रिजेक्शन और 12 फ्लॉप देने के बाद अमिताभ बच्चन बनें ‘एंग्री यंग मैन’, जानें सदी के महानायक का दिलचस्प सफर (After many rejections and 12 flops, Amitabh Bachchan became angry young man, know the interesting journey of Big B)
लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बावजूद उनका राजनीति सफर ज्यादा लंबा नहीं चल सका, क्योंकि बोफोर्स घोटाले के तूल पकड़ने के बाद साल 1987 में अमिताभ बच्चन को बतौर सांसद और राजनेता अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस्तीफा देने के बाद अमिताभ बच्चन ने यह बताया था कि वह पहले से ही राजनीति से दूरी बनाना चाहते थे.
एक राजनेता और सांसद के तौर पर अपने पद से इस्तीफा देने के बाद अमिताभ बच्चन ने साल 1998 में सिमी गरेवाल के एक शो में बताया था कि वो कभी भी एक राजनेता नहीं थे और राजनीति में आना उनका एक भावनात्मक फैसला था. बिग बी ने बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनका परिवार एक दूसरे को काफी समय से जानते थे. दोनों परिवारों के बीच सालों तक दोस्ती का अटूट बंधन रहा, करीबी रिश्ता होने की वजह से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. यह भी पढ़ें: फिल्म समीक्षा- ‘गुडबाय’ अलविदा नहीं ख़ुशनुमा लम्हों के यादों के संग जानेवाले के क़रीब रहना है… (Movie Review- Goodbye)
इंटरव्यू में बिग बी ने बताया था कि उन्हें एक दोस्त ने राजनीति में साथ खड़े रहने के लिए प्रेरित किया था. दोस्त के लिए उनकी भावनाएं थीं, जिसके चलते उन्होंने राजनीति में कदम रखा, लेकिन राजनीति उनकी भावनाओं में कभी भी नहीं थी. बिग बी ने बताया था कि वो राजनीति में एक नौसिखिया थे और राजनीति उनके बस की बात नहीं थी, वो इसमें काफी असहज महसूस कर रहे थे, इसलिए महज 3 साल में उन्होंने राजनीति छोड़ दी और फिर से फिल्मों में एक्टिव हो गए.