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नारी-पुरुष में फ़र्क़ महिलाओं और पुरुषों में सबसे अहम् फ़़र्क़ जो होता है, वो बोलने का है. हाल ही में अरब देश में किए गए सर्वेक्षण से एक रोचक तथ्य सामने आया है कि पुरुष जहां पहले सोचते हैं, फिर बोलते हैं, वहीं महिलाएं बहुत कुछ बोल देती हैं और बाद में सोचती हैं. इसके अलावा लगातार बोलते रहने के चक्कर में वे कई विषयों पर एक साथ बोलती जाती हैैंं. ऐसे में अनजाने में न बताने वाली बातें भी वे बताती चली जाती हैं. बात न पचना हेल्दी भी महिलाओं के पेट में बात न पचने का सबसे बड़ा फ़ायदा उनकी हेल्थ पर पड़ता है. अपने स्वभाव के अनुरूप पुरुष बहुत-सी बातें कह नहीं पाता. वह उन्हें दिल में ही रखता है, जिससे उन्हें अन्य बीमारियों के अलावा अक्सर कब्ज़ की भी अधिक शिकायत रहती है. वे हार्टअटैक, डिप्रेशन आदि के भी अधिक शिकार होते हैं. जबकि महिलाओं में दिल की बीमारी, तनाव, डिप्रेशन आदि कम होते हैं. दरअसल, वे कह कर और रोकर अपना मन हल्का कर लेती हैं. वे दिल-दिमाग़ में कोई भी बात नहीं रखतीं, जिससे वे हमेशा स्वस्थ व प्रसन्न रहती हैं. स्मार्टनेस दिखाना महिलाएं बहुत सारी बातें इसलिए भी करती हैं कि वे दूसरों को यह दिखाना चाहती हैं कि वे कितनी स्मार्ट और टैलेंटेड हैं. यह एक ऐसी ख़ास वजह होती है, जिससे वे बातों को डायजेस्ट नहीं करतीं और सब कह कर ही दम लेती हैं. तुम इतनी ख़ुश क्यों? महिलाओं में एक और विशेष बात होती है कि यदि वे दुखी व हैरान-परेशान हैं, तो दूसरे की ख़ुशी उन्हें कहीं-न-कहीं नागवार गुज़रती है. कोई महिला तनाव में हो और उसके सामने दूसरी महिला आनंदित हो, मौज-मस्ती कर रही हो, तो भला यह कैसे बर्दाश्त हो. वे बहुत सारी ऐसी बातें बता और एक-दूसरे से कह-सुन कर फैला देंगी, जिससे माहौल तनावपूर्ण बन जाए. अपनी इसी चाह के तहत उनमें बोलने की प्रवृत्ति बदस्तूर जारी रहती है. ब्रेन सेल्स का प्रभाव जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में हमारी शारीरिक बनावट अहम् भूमिका निभाती है. स्त्री-पुरुष की सोच, क्षमता और रहन-सहन हरेक में उनकी शारीरिक संरचना और मानसिक प्रक्रिया का अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. महिलाओं के ब्रेन (मस्तिष्क) में ग्रे कलर सेल्स (ऊतक) जहां 6.5 होते हैं, वहीं पुरुषों में व्हाइट कलर सेल्स उससे 10 गुना ़ज़्यादा रहता है. ये सेल्स हमारी बौद्धिक क्षमता से जुड़े रहते हैं. महिलाओं में बाएं से दाएं को जोेड़नेवाले फ़ाइबर अधिक होते हैं, जिससे महिलाओं का मस्तिष्क पुरुषों के मुक़ाबले अधिक बैलेंस रहता है. इसी कारण महिलाएं एक साथ कई कार्यों को कुशलता से कर पाती हैं. वे मल्टी टास्क को पूरा करने में सक्षम रहती हैं. इस तरह स्त्री-पुरुष के ब्रेन के बुनियादी अंतर के कारण भी उनकी क्रिया-प्रतिक्रियाओं में फ़र्क़ होता है. वे बहुत सारी बातें एक साथ कर व कह सकती हैं, जबकि पुरुष ऐसा नहीं कर पाते. आइए, अब महिला-पुरुष के ब्रेन के सेल्स में फ़र्क़ के कारण उत्पन्न होनेवाले रोचक तथ्यों पर एक नज़र डालते हैं-- पुरुष दिनभर में क़रीब 7,000 शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
- महिलाएं क़रीब 20,000 शब्दों का प्रयोग पूरे दिन में करती हैं.
- महिलाएं दूसरों की भावनाओं को हावभाव से समझ लेती हैं.
- पुरुष दूसरों की शारीरिक तकलीफ़ या उन्हें रोते देख ही उनके दुख को समझते हैं.
- स्त्रियां अतीत में हुए झगड़ों और बातों को याद रखती हैं.
- पुरुष कड़वी बातों को भूलना पसंद करते हैं.
- महिलाएं पुरुषों से अधिक बुद्धिमान होती हैं, लेकिन उनकी बोलने की प्रवृत्ति के कारण उनका इंटेलीजेंसी लेवल उतना दिखाई नहीं देता.
- पुरुष कम बोलते हैं, पर मतलब की बात करते हैं, इसलिए वे स्त्रियों से अधिक बुद्धिमान माने जाते हैं, जबकि विज्ञान के अनुसार महिलाएं पुरुषों से अधिक इंटेलीजेंट होती हैं.
- ऊषा गुप्ता
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