क्यों ज़रूरी है कैल्शियम?
शरीर की प्रत्येक कोशिका को कैल्शियम की ज़रूरत इसलिए होती है, क्योंकि हमारे शरीर में त्वचा, नाख़ून, बाल और मल के ज़रिए रोज़ ही कैल्शियम की कुछ मात्रा नष्ट होती रहती है. इसलिए कैल्शियम का संतुलन बनाए रखने के लिए इसकी रोज़ ही पूर्ति कर ली जाए, तो अच्छा रहता है. यदि ऐसा नहीं होगा, तो हमारा शरीर हड्डियों से कैल्शियम लेने लगेगा. नतीजा बाहर से भले ही हम कमज़ोर न लगें, लेकिन अंदर ही अंदर हड्डियां खोखली हो जाएंगी और शरीर कमज़ोर. और कमज़ोर हड्डियां कई तरह की परेशानियां पैदा करती हैं, जैसे- ज़रा-सी चोट लगने पर ही फ्रैक्चर हो सकता है. यही नहीं, कैल्शियम हृदय, मांसपेशियों, ब्लड क्लॉटिंग के लिए भी बेहद ज़रूरी होता है. इसके अलावा कैल्शियम मांसपेशियों के कई काम में मदद करता है, जैसे- - लिखना, टहलना, बैठना और किसी गेंद को फेंकना आदि. - कैल्शियम नर्वस सिस्टम के संदेश मस्तिष्क तक पहुंचानेे में सहायक है, जैसे- यदि आपने किसी गरम वस्तु को छू लिया है, तो मस्तिष्क तुरंत एक संदेश भेजेगा, जिससे आपके मुंह से ङ्गआह!... आउच!फ की आवाज़ आएगी और आप अपने हाथ को जल्दी से दूर हटा लेंगे. - इसके अलावा ये चोट, घाव, खरोंच आदि के भी जल्दी ठीक होने में मदद करता है. लेकिन यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए, तो इसके दुष्प्रभाव होते हैं, जो हमें बीमार कर सकते हैं. इन बीमारियों के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं.कैल्शियम की कमी के लक्षण
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना - दांतों का समय से पहले गिरना - शरीर का विकास रुकना - हड्डियों में टेढ़ापन - शरीर के विभिन्न अंगों मेंऐंठन या कंपन - जोड़ों का दर्द - मांसपेशियों में निष्क्रियता - ज़रा-सा टकराने पर हड्डियों का टूटना - मस्तिष्क का सही ढंग से काम न करना - भू्रण के विकास पर प्रभाव पड़ना - हड्डियों का खोखला होना, उनका कमज़ोर होकर टूटना, बार-बार फ्रैक्चर होना - कमर का झुकना व दर्द होना - हाथ-पैरों में झुनझुनाहट व कमज़ोरी - बुज़ुर्गों को ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है यानी फ्रैक्चर व हड्डियों में दर्द. कैल्शियम की कमी की पूर्ति कैसे करें, इस बारे में डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि बीमारी कोई भी हो शरीर के लिए दुखदायी होती है, इसलिए उसका तुरंत उपचार करना भी ज़रूरी होता है, वरना उसके साथ-साथ शरीर में और भी कई बीमारियां घर कर लेती हैं. यदि हम अपने खानपान का ध्यान रखें, तो बीमारियों को दूर भगा सकते हैं. आइए, जानें कि कैल्शियम हमें किन चीज़ों से मिल सकता है, जिन्हें अपने डायट में शामिल कर हम स्वस्थ रह सकते हैं- अनाज- गेंहू, बाजरा, मूंग, मोठ, चना, राजमा और सोयाबीन. सब्ज़ियां- गाजर, भिंडी, टमाटर, ककड़ी, अरबी, मूली, मेथी, करेला और चुकंदर. फल- नारियल, आम, संतरा और अनन्नास. डेयरी उत्पाद- दूध व दूध से बनी चीज़ों को कैल्शियम का प्रमुख स्रोत माना जाता है. हर रोज़ दूध का सेवन शरीर में कैल्शियम की मात्रा बनाए रखने में मददगार होता है. मां का दूध- मां का दूध नवजात शिशु के लिए कैल्शियम का सर्वोत्तम स्रोत है, जो उनमें कैल्शियम की पूर्ति करता है और स्वस्थ रखता है. ये सभी प्राकृतिक रूप से कैल्शियम प्रदान करनेवाले तत्व हैं. ये पदार्थ तुरंत शरीर के द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं, इन्हें अपनी रोज़मर्रा की डायट में शामिल कर हम कैल्शियम की कमी से होनेवाले नुक़सानों से बच सकते हैं.कितना कैल्शियम ज़रूरी है?
- सामान्य महिलाओं के लिए प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है. - गर्भवती महिलाओं व स्तनपान करानेवाली महिलाओं के लिए प्रतिदिन 1500 मिलीग्राम. - 6 माह के छोटे बच्चों के लिए 400 मिलीग्राम. - 1 साल से 10 साल तक के बच्चों के लिए 800 मिलीग्राम. - 10 साल से 18 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के लिए 1300 मिलीग्राम.- शिखा जैन
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