- इस उम्र में भी बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता रहता है इसलिए उन्हें अन्य लोगों से ज़्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है.
- टीनएजर लड़कों को 2500-3000 और लड़कियों को क़रीब 2200 कैलोरी की ज़रूरत होती है.
- इस उम्र में हड्डियों का विकास होता है इसलिए उन्हें मज़बूत बनाने के लिए टीनएजर्स को कैल्शियम से भरपूर चीज़ें दें. अगर इस उम्र में शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलेगा तो हमेशा के लिए उनकी हड्डियां कमज़ोर हो जाएंगी. ये भी पढ़ेंः ठंडा या गर्म दूध! क्या है बेहतर और सेहतमंद? (Hot Or Cold Milk: Which One Is Nutritious And Healthful?)
- इस उम्र में लड़कियां स्लिम-ट्रिम नज़र आने के लिए डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे फैटी फूड से परहेज़ करने लगती हैं. यदि आपकी बेटी भी ऐसा करती है, तो उसे ऐसा करने से रोकें. साथ ही उसकी डायट में ओमेगा3 जैसे फैटी फूड को शामिल करें. ये फूड उसकी स्किन, बाल और इम्यून सिस्टम के लिए अच्छे होते हैं.
- प्यूबर्टी पीरियड में हार्मोन्स में होने वाले बदलाव की वजह से शरीर के कुछ हिस्से, जैसे-ब्रेस्ट, थाइज़ और हिप्स में फैट जमा हो जाता है. इससे लड़कियों को लगता है कि वो मोटी हो रही हैं और वे डायटिंग शुरू कर देती हैं, जिससे उन्हें ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते.
- हर किसी का बॉडी स्ट्रक्चर अलग होता है. हर कोई मॉडल की तरह पऱफेक्ट दिखे ये ज़रूरी नहीं, फिर भी आपकी टीनएजर बेटी यदि डायटिंग करना चाहे तो बिना डॉक्टर की सलाह लिये उसे कोई भी डायट प्लान न अपनाने दें.
- बच्चे तेज़ी से प्यूबर्टी पीरियड की ओर बढ़ते हैं इसलिए उन्हें पोषक तत्वों, जैसे-आयरन, प्रोटीन, ज़िंक, फोलेट, कैल्शियम आदि की ज़्यादा ज़रूरत होती है.
- आयरन रिच फूड ब्रेन को काम करने में मदद करता है, साथ ही इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है. लड़कियों को आयरन रिच फूड की ज़्यादा ज़रूरत होती है.
- हेल्दी व पोषक तत्वों से भरपूर खाना टीनएजर्स को कैंसर और हार्ट डिज़ीज़ जैसी बीमारियों से भी बचाता है.
- इस उम्र में ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या भी हो सकती है इसलिए अपने बच्चे के खाने-पीने की आदतों पर ख़ास ध्यान दें. ये भी पढ़ेंः कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के 10+ रामबाण घरेलू उपाय (10 +Natural Ways To Lower Your Cholesterol Levels
Link Copied