बच्चे की त्वचा की देखभाल करते समय अलग-अलग मौसम में नई चिंताएं पैदा होती हैं, ख़ासकर सर्दियां में. इस मौसम में हमें अपने बच्चे की त्वचा की देखभाल में बदलाव करना ज़रूरी होता है. सर्दियों में हवा ठंडी और शुष्क होती है और कम नमी के कारण त्वचा शुष्क हो जाती है. छोटे बच्चों की त्वचा बड़ों की त्वचा की तुलना में अधिक नाज़ुक और संवेदनशील होती है, इसलिए छोटे बच्चों की त्वचा की नमी कम होने का ख़तरा सबसे अधिक होता है. बड़ों की त्वचा की तुलना में नवजात बच्चे की त्वचा 30% पतली होती है, कम नमीयुक्त होती है और इसमें प्राकृतिक नमी पैदा करनेवाले तत्व कम होते हैं. सर्दियों में छोटे बच्चों में शुष्क त्वचा, एलर्जी और खुजली होना आम समस्याएं हैं. इनसे निपटने के लिए पैरेंट्स को अपने बच्चे की त्वचा की देखभाल करने के साथ सही उत्पादों का भी उपयोग करना चाहिए. इस संदर्भ में भारती विद्यापीठ यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज के नियोनेटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. प्रदीप सूर्यवंशी ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.
सर्दियों में बच्चों की त्वचा को नर्म-मुलायम और स्वस्थ रखने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं.
मॉइश्चराइज़ करें
चाहे वह बच्चे की मालिश करना हो, स्नान कराना हो या बच्चे के देखभाल की कोई भी अन्य गतिविधि हो, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उसके लिए उपयोग किए जानेवाले उत्पादों में मॉइश्चराइज़र हो. विटामिन ई, विटामिन बी5, मिल्क प्रोटीन और चावल का अर्क यह कुछ ऐसे तत्व हैं, जो अधिक पोषण प्रदान करते हैं और बच्चे की नाज़ुक त्वचा की रक्षा करते हैं.
नहाने का समय कम करें
बच्चे की त्वचा की उचित देखभाल के लिए उसे नहलाना बहुत ज़रूरी है. लेकिन सर्दियों में गर्म पानी से ज़्यादा देर तक न नहलाएं, क्योंकि नहाने के दौरान बच्चे की त्वचा रूखी हो सकती है. कम से कम समय में गुनगुने पानी से नहलाने से त्वचा से नमी खो जाने की समस्या कम हो जाती है. ध्यान रखें कि पानी, ख़ासकर गर्म पानी के संपर्क में आने से बच्चे की त्वचा से नमी निकल जाती है और त्वचा सूख जाती है.
स्पॉन्ज से नहलाना भी एक विकल्प है. बच्चे की त्वचा बहुत नाज़ुक और संवेदनशील होती है, इसलिए विशेष रूप से बच्चे की त्वचा के लिए तैयार किए गए पीएच संतुलित हाइपोएलर्जेनिक और चिकित्सकीय रूप से सिद्ध माइल्ड क्लींज़र का उपयोग किया जा सकता है. इससे बच्चे की त्वचा में मॉइश्चर संतुलन बना रहेगा.
नहलाने के बाद त्वचा में नमी बनाए रखें
नहलाने या स्पॉन्ज करने के बाद बच्चे की त्वचा में पर्याप्त नमी की ज़रूरत होती है. इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है कि बच्चे को नहलाने के बाद त्वचा थोड़ी गीली होने पर ही मॉइश्चचराइज़िंग लोशन लगाएं. चावल का अर्क और दूध प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों के साथ सही माइल्ड बेबी लोशन बच्चे की त्वचा को पोषण देने में मदद करता है. इस प्रकार के लोशन अधिक मॉइश्चचराइज़िंग होते हैं और इनमें विटामिन ई, विटामिन बी5 भी होते हैं, जो बच्चे की त्वचा में नमी को दिनभर बनाए रखते हैं, जिससे बच्चे की त्वचा कोमल रहती है.
बच्चे की त्वचा के लिए लोशन और क्रीम का उपयोग करना सबसे अच्छा है. ठंड के मौसम में बच्चे के गाल तुरंत सूख सकते हैं. इसके लिए बच्चे के साथ बातें करते हुए, अपनी उंगलियों को हल्के से गोलाकार घुमाते हुए उसके गालों पर क्रीम लगाएं. कोशिश करें कि बच्चे के लिए यह एक लुभावना अनुभव बनें. इस तरह बच्चे के गालों की त्वचा को रूखेपन से बचाया जा सकता है और उसमें नमी बरक़रार रखी जा सकती है. ठंडी हवा के संपर्क में बच्चे के चेहरे की त्वचा सबसे अधिक आती है, इसलिए बच्चे को बाहर ले जाने से पहले और घर लौटने के बाद मॉइश्चराइज़ करने से त्वचा को कोमल और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है.
अगर घर के भीतर की हवा बहुत शुष्क है, तो आप ह्यूमिडिफायर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हवा में नमी बढ़ने से त्वचा के रूखेपन को कम करने में मदद मिलेगी.
डायपर के कारण त्वचा पर होनेवाले रैश से बचाव
बच्चों में डायपर रैश हर मौसम में होनेवाली समस्या है. यह समस्या सर्दियों में अधिक गंभीर होती है, क्योंकि उस समय बच्चे को ज़्यादा कपड़ें पहनाए जाते हैं, जिससे डायपर को बार-बार बदलना मुश्किल हो जाता है. रैश और सूजन-खुजली को रोकने के लिए जहां डायपर का उपयोग किया जाता है, वहां की त्वचा को अल्कोहल-फ्री और सोप-फ्री वाइप्स से साफ़ करें, जिनमें मॉइश्चराइज़िंग गुण भी हों. गीला डायपर लंबे समय तक पहने रहने से संक्रमण और रैश पैदा हो सकते हैं, इसलिए डायपर को नियमित रूप से बदलते रहें.
त्वचा का रूखापन
यदि बच्चे की त्वचा पहले से रूखी या संवेदनशील है, जिससे एक्जिमा जैसी समस्या हो सकती है, तो उसे ठंड के मौसम से बचाने के लिए विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है. क्योंकि सर्दियों में त्वचा का सूखापन और एक्जिमा जैसी समस्याएं अधिक गंभीर हो जाती हैं. आईएपी के दिशानिर्देशों के मुताबिक़ ये समस्याएं त्वचा की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर करती हैं, इसलिए त्वचा के प्रतिरक्षा गुणों को बनाए रखने, संक्रमण को रोकने और बच्चे की त्वचा को नुक़सान से बचाने के लिए मॉइश्चराइज़िंग क्रीम जैसे अमोलिएंट्स (जो त्वचा को नर्म रखते हैं) का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है.
ऊपर बताए गए सभी टिप्स का पालन अगर रोज़ाना किया जाएं, तो सर्दियों के कारण बच्चे की त्वचा में रूखापन आने की आम समस्या को आसानी से ख़त्म किया जा सकता है. लेकिन अगर आपको अपने बच्चे की त्वचा या उसके स्वास्थ्य के बारे में किसी भी तरह की अन्य चिंताएं हैं, तो अपने बच्चे के डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें.
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