जितनी तेज़ी से दुनिया बदल रही है, समय के साथ-साथ उतनी ही तेज़ गति से हर रिश्ता बदल रहा है. चाहे वह रिश्ता भाई-बहन का हो, भाई-भाई, बहन-बहन, दोस्ती का हो या फिर पति-पत्नी का हो. जन्म-जन्म का साथ निभाने वाले दो लोगों के बीच उस समय दूरियां आ जाती हैं, जब वे एक-दूसरे को चीट करने लगते हैं. ज़रूरी नहीं कि ये चीटिंग फिजिकल हो, ये चीटिंग ऑनलाइन भी हो सकती है.
लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज- दोनों ही शादियों में पति-पत्नी के बीच गहरा अकेलापन छाया हुआ है. इस अकेलेपन के कारण हैं- व्यस्त जीवनशैली, बढ़ता वर्कलोड, रिश्तों को समय न देना आदि. इस अकेलेपन से बचने और दूर जाने के चक्कर में अक्सर पार्टनर एक-दूसरे को चीट करने लगते हैं. ये चीटिंग फिज़िकल भी हो सकती है और इंटरनेट यानी ऑनलाइन भी. इंटरनेट यानी ऑनलाइन पार्टनर द्वारा की जाने वाली चीटिंग को माइक्रो-चीटिंग कहते हैं.
क्या होती है माइक्रो चीटिंग?
जब एक पार्टनर दूसरे पार्टनर के साथ चीटिंग करता है, लेकिन ये चीटिंग ऑनलाइन होती है. माइक्रो चीटिंग में ऐसे एक्ट या व्यवहार शामिल होते हैं, जिसमें एक पार्टनर दूसरे पार्टनर के इमोशनली या फिजिकली कमिटमेंट को नज़रअंदाज़ कर अपने एक्स या किसी थर्ड पर्सन की तरफ़ आकर्षित होता है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो माइक्रो चीटिंग में एक पार्टनर अपने एक्स या अपने उस करीबी पर्सन से मिलते तो नहीं हैं, लेकिन उसके साथ ऑनलाइन रिलेशनशिप बनाते हैं, उस पर्सन पर बहुत अधिक विश्वास करते हैं. ऐसा रिलेशनशिप नैतिकता के दायरे के बाहर आता है.

क्या कहती है रिसर्च?
साल 2020 में साइकोलॉजिकल रिपोर्ट्स में प्रकशित एक अध्ययन के अनुसार- अगर आपके और आपके पार्टनर के बीच विश्वास की कमी है, तो ऐसी स्थिति आपके रिश्ते के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इससे कपल के बीच
भावनात्मक स्थिरता ख़त्म हो सकती है, यहां तक कि रिश्ता टूटने की कगार पर आ सकता है. लोग अपने पार्टनर पर विश्वास नहीं करते हैं, अपने पार्टनर के मोबाइल की जासूसी करते हैं. और मोबाइल की जासूसी करने पर स्थिति और समस्याएं दोनों ही बदतर हो सकती हैं.
पार्टनर इन संकेतों से जानें कि उसके साथ माइक्रो चीटिंग हो नहीं हो रही है-
- जब पार्टनर्स के बीच छोटी-छोटी बात पर बहुत अधिक लड़ाई होने लगे.
- जब एक पार्टनर किसी अन्य पर्सन की तरफ़ आकर्षित होने लगे, उसके करीब जाने लगे, तो रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगती हैं .
- एक पार्टनर दूसरे पार्टनर से दूर रहने या बचने की कोशिश करने लगे.
- अपने पार्टनर पर विश्वास न करके किसी क्लोज़ फ्रेंड पर विश्वास करने लगे, उसमें अपना इमोशनल कंफर्ट ढूंढ़ने लगे.
- जब पार्टनर किसी इवेंट, फंक्शन और प्रोग्राम में अपनी पत्नी/पति को ले जाने की बजाय किसी करीबी पर्सन को ले जाए.
- जब पार्टनर्स एक-दूसरे को समय देने की बजाय अपने फ़ोन पर बिजी रहने लगें.
- एक्स पार्टनर के साथ गुपचुप तरीके से बात, मैसेज, फ़्लर्ट या डर्टी टॉक करने लगे.
- एक्स पार्टनर के साथ बार-बार इंटरैक्ट करे, जिसकी वजह से दूसरा पार्टनर असहज महसूस करे.
- पार्टनर के फोन में डेटिंग एप्स हैं, तो चीटिंग करने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
इस सब स्थितियों को ऑब्ज़र्व करके पार्टनर इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि रिश्तों में दूरियां बढ़ने का कारण माइक्रो चीटिंग हो सकता है.
माइक्रो चीटिंग का पता चलने पर पार्टनर से पूछें ये सवाल-
यदि एक पार्टनर को इस बात का पता चल जाए कि दूसरा पार्टनर उसके साथ माइक्रो चीटिंग कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में पार्टनर पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देने के बजाय सामने बैठकर उससे ये सवाल पूछें-
- क्या वह उसके साथ माइक्रो चीटिंग कर रहा है?
- यह ख़बर कितनी सच और सही है?
- और कितने सीक्रेट्स उन्होंने आपसे छिपाए हैं?
- माइक्रो चीटिंग को छिपाने के पीछे क्या कारण है?
- पार्टनर्स की स्थिति का आकलन करने के लिए समय निकालें.
- पार्टनर्स को समझने और समझाने की कोशिश करें.

हेल्दी रिलेशनशिप के लिए कितनी नुक़सानदेह है माइक्रो-चीटिंग?
यदि आप शादीशुदा हैं और साथ ही अपने पार्टनर के साथ माइक्रो चीटिंग कर रहे हैं, तो ऐसा करना सरासर ग़लत है. आपका ऐसा व्यवहार आपकी शादीशुदा लाइफ में परेशानी का सबब बन सकता है. दोनों पार्टनर के बीच रोमांस फीका पड़ने लगता है. दोनों के बीच विश्वास कमज़ोर पड़ने लगता है. उनके रिश्ते पर सवाल उठने लगते हैं कि अगर एक पार्टनर अपने दूसरे पार्टनर को धोखा देने की शुरुआत कर सकता है, तो वह भविष्य में उसे इमोशनल और फिज़िकल तौर पर चीट कर सकता है.
माइक्रो चीटिंग का शिकार होने के बाद इन बातों का ध्यान रखें-
- पार्टनर के साथ हर मुद्दे पर बात करें.
- माइक्रो चीटिंग का पता चलने पर कोशिश करें कि पार्टनर के साथ पहले की तरह स्पष्ट और साफ़ बात करें (हालांकि ये मुश्किल काम है).
- ऐसा करने से दोनों पार्टनर्स को इस बात का एहसास हो जाता है कि धोखा क्या होता है, क्योंकि माइक्रो चीटिंग के नाम पर किया जाने वाला छोटा-सा धोखा भी दूसरे पार्टनर को कितना हर्ट कर सकता है.
- दोनों पार्टनर्स यह बात याद रखें कि एक-दूसरे के साथ कई साल ईमानदारी से बिताने के बाद हेल्दी रिलेशनशिप मेंटेन होता है, इसलिए इस रिश्ते को सफल
बनाने के लिए दोनों के प्रयासों की आवश्यकता होती है.
- पूनम नागेंद्र शर्मा