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इन्वेस्टमेंट करें टैक्स बचाएं
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इन्वेस्टमेंट करें टैक्स बचाएं

बचत न स़िर्फ आपके सुरक्षित भविष्य के लिए ज़रूरी है, बल्कि बचत करके आप टैक्स भी बचा सकते हैं. टैक्स सेविंग के लिए कौन-सा इन्वेस्टमेंट होगा आपके लिए फ़ायदेमंद? आइए, हम बताते हैं.
बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट
यदि आप टैक्स बचाना चाहते हैं, तो साधारण फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफडी) की बजाय 5 साल के लॉक-इन पीरियड वाली एफडी करवाएं. इस पर बैंक अच्छा रिटर्न देते हैं साथ ही टैक्स की भी बचत होती है.
- इसमें आप न्यूनतम रू.100 से लेकर अधिकतम रू.1,00,000 तक का निवेश कर सकते हैं, कुछ बैंकों में न्यूनतम राशि रू.1000 है.
- आमतौर पर बैंक अधिकतम 10 साल के निवेश की सुविधा देते हैं. ब्याज़ की रकम रू. 10,000 से अधिक होने पर टीडीएस कटता है. इससे कम राशि टैक्स फ्री है.
- लॉक-इन होने की वजह से 5 साल से पहले आप पैसे नहीं निकाल सकते हैं. साथ ही इस पर आपको लोन भी नहीं मिलता है. जो लोग रिस्क नहीं लेना चाहते उनके लिए ये अच्छा विकल्प है, क्योंकि टैक्स बचाने के साथ ही ये सुरक्षित है और रिटर्न भी सुनिश्चित मिलता है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
ये सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित टैक्स सेविंग विकल्प है. इसमें निवेश की हुई रकम पर टैक्स रिबेट मिलता है. साथ ही इंटरेस्ट भी टैक्स फ्री है और आप अगर कुछ पैसे निकालते हैंं तो उस पर भी टैक्स नहीं लगता.
- पीपीएफ में आप एक साल में 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं.
साल में कम से कम 500 रूपए का निवेश करना ज़रूरी है, ऐसा न करने पर बैंक पेनल्टी चार्ज करता है.
- पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. हालांकि ज़रूरत पड़ने पर आप 5 साल बाद पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन ये रकम चौथे साल के आख़िर या पिछले साल के बैलेंस के 50% में से जो भी कम हो, उतनी ही हो सकती है.
- किसी फायनांशियल ईयर में आप इसमें से एक बार ही पैसे निकाल सकते हैं. इस पर मिलने वाला ब्याज़ टैक्स फ्री होता है.
- पीपीएफ पर आप लोन भी ले सकते हैं, मगर ये पिछले बैलेंस के 25% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट
ये डाक विभाग द्वारा जारी निवेश प्रमाण-पत्र होता है जिसकी अवधि 5 और 10 वर्ष की होती है यानी इस अवधि के पहले आप पैसे निकाल नहीं सकते. पीपीएफ की तरह इस पर मिलने वाला ब्याज़ भी टैक्स फ्री होता है. पीपीएफ में आप हर साल अपनी सहूलियत के हिसाब से पैसे डाल सकते हैं, मगर इसमें ये सुविधा नहीं है. इसमें एकसाथ ही निश्चित समयावधि के लिए निवेश करना होता है.
इंश्योरेंस प्लान
इंश्योरेंस पॉलिसी को हालांकि विशेषज्ञ निवेश का बेहतर विकल्प नहीं मानते, मगर जीवन से सुरक्षा के साथ ही ये आपको टैक्स बचाने में भी मदद करता है. पॉलिसी के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम पर आपको सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का फ़ायदा मिलता है. आपात स्थिति से निपटने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी ज़रूरी है.
होम लोन
कुछ लोग ज़रूरत के लिए नहीं, बल्कि इन्वेस्टमेंट के लिए प्रॉपर्टी ख़रीदते हैं. दरअसल, टैक्स छूट का फ़ायदा उठाने के लिए प्रॉपर्टी में निवेश बहुत लोकप्रिय विकल्प है. होम लोन के लिए अदा किए गए प्रिंसिपल अमाउंट (मूलधन) पर 1 लाख रुपए और इंटरेस्ट पर डेढ़ लाख रुपए तक छूट मिल सकती है. यदि पति-पत्नी दोनों नौकरीपेशा हैं, तो ज्वाइंट लोन लेकर दोनों टैक्स बेनिफिट ले
सकते हैं. प लॉक-इन होने की वजह से 5 साल से पहले आप पैसे नहीं निकाल सकते हैं. साथ ही इस पर आपको लोन भी नहीं मिलता है. जो लोग रिस्क नहीं लेना चाहते उनके लिए ये अच्छा विकल्प है, क्योंकि टैक्स बचाने के साथ ही ये सुरक्षित है और रिटर्न भी सुनिश्चित मिलता है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
ये सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित टैक्स सेविंग विकल्प है. इसमें निवेश की हुई रकम पर टैक्स रिबेट मिलता है. साथ ही इंटरेस्ट भी टैक्स फ्री है और आप अगर कुछ पैसे निकालते हैंं तो उस पर भी टैक्स नहीं लगता.
* पीपीएफ में आप एक साल में 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं.
* साल में कम से कम ञ्च्500 का निवेश करना ज़रूरी है, ऐसा न करने पर बैंक पेनल्टी चार्ज करता है.
* पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. हालांकि ज़रूरत पड़ने पर आप 5 साल बाद पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन ये रकम चौथे साल के आख़िर या पिछले साल के बैलेंस के 50% में से जो भी कम हो, उतनी ही हो सकती है.
* किसी फायनांशियल ईयर में आप इसमें से एक बार ही पैसे निकाल सकते हैं. इस पर मिलने वाला ब्याज़ टैक्स फ्री होता है.
* पीपीएफ पर आप लोन भी ले सकते हैं, मगर ये पिछले बैलेंस के 25% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट
ये डाक विभाग द्वारा जारी निवेश प्रमाण-पत्र होता है जिसकी अवधि 5 और 10 वर्ष की होती है यानी इस अवधि के पहले आप पैसे निकाल नहीं सकते. पीपीएफ की तरह इस पर मिलने वाला ब्याज़ भी टैक्स फ्री होता है. पीपीएफ में आप हर साल अपनी सहूलियत के हिसाब से पैसे डाल सकते हैं, मगर इसमें ये सुविधा नहीं है. इसमें एकसाथ ही निश्चित समयावधि के लिए निवेश करना होता है.
इंश्योरेंस प्लान
इंश्योरेंस पॉलिसी को हालांकि विशेषज्ञ निवेश का बेहतर विकल्प नहीं मानते, मगर जीवन से सुरक्षा के साथ ही ये आपको टैक्स बचाने में भी मदद करता है. पॉलिसी के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम पर आपको सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का फ़ायदा मिलता है. आपात स्थिति से निपटने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी ज़रूरी है.
होम लोन
कुछ लोग ज़रूरत के लिए नहीं, बल्कि इन्वेस्टमेंट के लिए प्रॉपर्टी ख़रीदते हैं. दरअसल, टैक्स छूट का फ़ायदा उठाने के लिए प्रॉपर्टी में निवेश बहुत लोकप्रिय विकल्प है. होम लोन के लिए अदा किए गए प्रिंसिपल अमाउंट (मूलधन) पर 1 लाख रुपए और इंटरेस्ट पर डेढ़ लाख रुपए तक छूट मिल सकती है. यदि पति-पत्नी दोनों नौकरीपेशा हैं, तो ज्वाइंट लोन लेकर दोनों टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं.
– कंचन सिंह