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क्या आप जानते हैं- एटम बॉम के आविष्कार का ‘भगवद गीता’ से क्या संबंध है और ब्रह्मास्त्र को न्यूक्लीयर मिसाइल व सुश्रुत को ‘फादर ऑफ सर्जरी’ क्यों माना जाता है? (Do You Know The Connection Between ‘Bhagavad Gita’ And Invention Of The Atom Bomb? Why Brahmastra Is Considered To Be The Nuclear Missile?)

क्या आप जानते हैं कि युद्ध के समय श्री राम या अर्जुन जैसे योद्धा भी बाण चलाने से पहले आंखें बंद करके कुछ स्मरण करते थे, दरअसल, वे मंत्रोच्चार करते थे, जिससे साधारण से बाण में भी दिव्य शक्ति आ जाती थी. यही मंत्रों की शक्ति का सबसे सटीक उदाहरण है.

आपके लिए यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल के रिसर्च में यह बात पाई गई कि जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं, उनके डिसीज़ फाइटिंग जींस यानी बीमारियों से लड़नेवाले जींस अधिक एक्टिव रहते हैं, बजाय उनके जो ध्यान नहीं करते. 

क्या आप जानते हैं कि फिज़िसिस्ट रॉबर्ट ओपेनहैमर ने एटम बॉम के आविष्कार का श्रेय ‘भगवद गीता’ को दिया है. 1933 में रोबर्ट ओपनहाईमर ने संस्कृत सीखकर गीता और महाभारत का गहन अध्ययन करना शुरू किया. वो गीता व संस्कृत के जानकार थे और उनका ये भी मानना था कि ये दुनिया का पहला ऐटम बॉम नहीं था, उनका इशारा महाभारत के दौरान इस्तेमाल हुए ब्रह्मास्त्र की ओर था. क्योंकि ब्रह्मास्त्र की शक्ति के विषय में जो उल्लेख है वो काफ़ी हद तक ऐटम बॉम की शक्ति जैसा ही है.

आप शायद ही यह जानते हों कि सुश्रुत को ‘फादर ऑफ सर्जरी’ माना जाता है, 2600 साल पूर्व ही सिज़ेरियन, कैटेरैक्ट फ्रैक्चर्स, यूरिनरी स्टोन्स आदि की सर्जरी का रहस्य जान लिया था. 

क्या आपको पता है कि ब्रह्मास्त्र की तुलना आज के ज़माने की न्यूक्लियर मिसाइल से की जा सकती है. इतना शक्तिशाली था ब्रह्मास्त्र. 

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