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FILM REVIEW- ‘हैप्पी भाग जाएगी’ है हैप्पी फिल्म

इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर एक ही फिल्म रिलीज़ हुई है. पिछले हफ़्ते रिलीज़ हुई 'रुस्तम' और 'मोहनजोदारो' अब भी थिएटर्स में अच्छी कमाई कर रहे हैं, ऐसे में 'हैप्पी भाग जाएगी' को भी ठीक-ठाक ओपनिंग मिली है.1हैप्पी भाग जाएगी को इस साल की ख़ुशमिजाज़ फिल्म कहा जा सकता है, क्योंकि इस साल जो भी फिल्म रिलीज़ हुई हैं वो सीरियस टाइप की रही हैं. ऐसे में ये फिल्म आपके मूड को फ्रेश कर देगी.2फिल्म की कहानी शुरू होती है अमृतसर से जहां हैप्पी यानी डायना पेंटी की शादी की तैयारियां चल रही होती हैं. हैप्पी की शादी होने वाली होती है कॉर्पोरेटर बग्गा यानी जिम्मी शेरगिल से, लेकिन हैप्पी अपनी ही शादी से भाग जाती है, क्योंकि उसे गुड्डू यानी अली फज़ल से प्यार है. पर भागने के चक्कर में हैप्पी पहुंच जाती है पाकिस्तान. दरअसल, लाहौर के बिलाल अहमद (अभय देओल) अपने अब्बा के साथ एक डेलिगेशन में अमृतसर आते है, उसी जगह हैप्पी भी पहुंच जाती है और फलों की टोकरी में छुप जाती है. ये फलों की टोकरी पहुंचती है पाकिस्तान, जहां बिलाल हैप्पी को देखकर दंग रह जाता है. अब जैसा कि फिल्मों में होता है, बिलाल को प्यार हो जाता है हैप्पी से, जबकि बिलाल की मंगतेर भी है. अभय की मंगेतर का किरदार फिल्म में निभा रही हैं पाकिस्तानी ऐक्ट्रेस मोमल शेख, जिन्होंने अच्छा काम किया है. दिल में क्रिकेटर बनने की चाहत, लेकिन अब्बा के प्रेशर की वजह से पॉलिटिक्स में बने रहने की मजबूरी दिखाने में अभय देओल कामयाब रहे हैं.3वैसे इस फिल्म की यूएसपी यही है कि फिल्म में भारत और पाकिस्तान के बीच के दूसरे गंभीर मुद्दों को दिखाने की बजाय कहानी को फिल्म के किरदारों के इर्द-गिर्द रखा है और बड़े ही रोचक तरीक़े से इसे दिखाया गया है. डायना का किरदार आपको जब वी मेट की गीत की याद दिलाएगा, लेकिन करीना कपूर जैसी ऐक्टिंग की उम्मीद डायना से नहीं की जा सकती है, फिर भी कॉकटेल के बाद डायना की ये वापसी मज़ेदार है. तेज़-तर्रार पंजाबी लड़की के किरदार में डायना अच्छी लग रही हैं. फिल्म का फर्स्ट हार्फ मज़ेदार है, लेकिन सेंकड हार्फ में फिल्म की गति थोड़ी धीमी हो जाती है.4फिल्म के राइटर और डायरेक्टर मुद्दसर अजीज ने फिल्म को एंटरटेनिंग बनाने में कोई कमी नहीं रखी है. फिल्म में कई ऐसे डायलॉग्स हैं, जो आपको याद रह जाएंगे. जिम्मी शेरगिल का किरदार उनके तनु वेड्स मनु के किरदार की याद दिलाएगा. अली फज़ल को भी जितना रोल दिया गया है, उसमें वो ठीक लगे हैं. पीयूष मिश्रा पुलिस ऑफिसर के किरदार में जंच रहे हैं. जहां तक बात है फिल्म के संगीत की, तो फिल्म में ऐसे कई सीन्स हैं, जहां डायलॉग्स के बदले गानों का इस्तेमाल बख़ूबी किया गया है. म्यूज़िक डायरेक्टर सोहेल सेन ने जो बैकग्राउंड स्कोर दिया है, वो काबिले तारीफ़ है. सौरभ गोस्वामी की सिनेमैटोग्राफी की तारीफ़ के बगैर ये रिव्यू पूरा नहीं होगा, उन्होंने बेहद ही ख़ूबसूरती और कन्विंसिंग मैनर में पाकिस्तान को दर्शाने की कोशिश की है. कुल मिलाकर हैप्पी भाग जाएगी फिल्म के लिए हम यही कह सकते हैं कि अगर आपके पास वक़्त है और आप हंसने के मूड में हैं, तो इस फिल्म को एक बार देखने में कोई हर्ज़ नहीं है.  

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