बच्चे का जन्म होने के साथ ही दंपति की ज़िम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. एक ओर जहां उसकी परवरिश की ज़िम्मेदारियां बढ़ती हैं, वहीं दूसरी ओर उसके सुरक्षित भविष्य के प्रति चिंता भी बढ़ने लगती है. समझदार पैरेंट्स वही होते हैं, जो बच्चे के जन्म के साथ ही उसके सुरक्षित भविष्य के लिए निवेश संबंधी फैसले लेने शुरू कर देते हैं. सुरक्षित भविष्य यानी बच्चे की शिक्षा, करियर और शादी में होनेवाले बड़े ख़र्चों के लिए अच्छी-ख़ासी जमाराशि का प्रबंध करना. यदि आप भी अपने बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिए कोई वित्तीय फैसला लेने की सोच रहे हैं, तो यहां पर बताए गए वैकल्पिक निवेशों का चुनाव कर सकते हैं.
आइए जानें, फाइनेंशियल एडवाइज़र वामन पुजारी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कैसे करें बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिए फाइनेंशियल फैसले? फिक्स डिपॉज़िट्स: पोस्ट ऑफिस और बैंक के फिक्स डिपॉज़िट्स बच्चों के लिए एक सुरक्षित निवेश हैं. शेड्यूल बैंक (जो आरबीआई एक्ट के दूसरे शेड्यूल की लिस्ट में शामिल होते हैं) फिक्स डिपॉज़िट्स पर टैक्स डिडक्शन भी देते हैं. अलग-अलग बैंकों में फिक्स डिपॉज़िट्स की ब्याज दर अलग-अलग होती है. सामान्यत: फिक्स डिपॉज़िट्स पर अधिकतर बैंकों की ब्याज दर 7.5% से 9% तक के बीच में होती है. कुछ स्थितियों में इन फिक्स डिपॉज़िट्स को लेने में एक नुक़सान भी होता है, वह है- फिक्स डिपॉज़िट पर मिलनेवाला अधिक ब्याज टैक्सेबल होता है. यदि यह ब्याज की राशि बैंक द्वारा तय की गई ब्याज की राशि से अधिक होती है, तो उस पर टैक्स देना होगा. इसलिए फिक्स डिपॉज़िट्स कराने से पहले बैंक कर्मचारी से सारी जानकारी हासिल कर लें. पोस्ट ऑफिस मंथली इन्कम स्कीम: शेयर, म्युचुअल फंड और यूलिप आदि की तुलना में यह स्कीम सबसे सुरक्षित विकल्प है. इसमें शेयर की अपेक्षा हानि होने की संभावना न के बराबर होती है और रिटर्न्स भी अच्छा मिलता है. इस स्कीम के तहत दंपति को एक निर्धारित राशि 6 साल तक हर महीने पोस्ट ऑफिस में जमा करानी पड़ती है, जिस पर 8% की दर से वार्षिक ब्याज मिलता है. इसके साथ ही मैच्योरिटी डेट पूरा होने पर 5% का बोनस भी मिलता है. आवश्यकता पड़ने पर इस स्कीम में प्रीमैच्योर विड्रॉअल भी करा सकते हैं. यदि 1-3 साल की अवधि में प्रीमैच्योर विड्रॉअल कराते हैं, तो जमाराशि पर 2% की पेनाल्टी काटने के बाद बची हुई रकम मिल जाती है. इसी तरह से यदि 3 साल के बाद प्रीमैच्योर विड्रॉअल कराते हैं, तो 1% पेनाल्टी काटने के बाद बची हुई रक़म मिल जाती है. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी): ये सर्टिफिकेट्स एक विश्वसनीय रिटर्न स्कीम हैं, जिसमें सेक्शन 80सी के तहत छूट भी मिलती है. इन सर्टिफिकेट्स पर दंपति 100 से लेकर इच्छानुसार अधिकतम राशि तक निवेश कर सकते हैं. ये सर्टिफिकेट्स 5 साल और 10 साल की अवधि के होते हैं. पांच साल की अवधि वाले सर्टिफिकेट में 8.5% की दर से ब्याज मिलता है और 10 साल वाले नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में 8.8% की दर से ब्याज मिलता है. मैच्योरिटी डेट पर यह राशि मूलधन और ब्याज सहित वापस मिलती है. दंपति चाहें तो 5 साल या 10 साल की समय सीमा वाले सर्टिफिकेट को आगामी सालों के लिए रिन्यू भी करा सकते हैैं. इसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर दंपति इन सर्टिफिकेट्स को प्रीमैच्योर विड्रॉ भी करा सकते हैं. ज़रूरत पड़ने पर इन सर्टिफिकेट्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी ट्रांसफर कर सकते हैं. किसान विकास पत्र: एनएससी की तरह किसान विकास पत्र में भी निवेश किया जा सकता है. नाबालिग (बच्चे) के नाम से किसान विकास पत्र ख़रीदकर पैरेंट्स ख़ुद को नॉमिनी बनाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसमें 1 हज़ार रुपए से लेकर इच्छानुसार अधिकतम राशि का निवेश किया जा सकता है. चाहें तो 8 साल 4 महीने के बाद वे इसे भविष्य के लिए रिन्यू भी करा सकते हैं या फिर चाहें तो 2 से ढाई साल के बाद विड्रॉ भी कर सकते हैं. डेब्ट्स म्युचुअल फंड और बैलेंस्ड म्युचुअल फंड: चिल्ड्रन इंश्योरेंस प्लान की तरह पैरेंट्स डेब्ट्स म्युचुअल फंड और बैलेंस्ड म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. म्युचुअल फंड्स में निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है, लेकिन इसमें मिलनेवाला लाभ बाज़ार की स्थितियों पर निर्भर करता है. इसलिए इन म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले अच्छी तरह से मार्केट रिसर्च कर लें, साथ ही इन म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के बाद भी लगातार बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र बनाए रखें. चिल्ड्रन सेविंग अकाउंट: बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए चिल्ड्रन सेविंग अकाउंट सबसे अच्छा विकल्प है. अपने बजट के अनुसार एक तय रक़म बच्चे के खाते में जमा कराकर उसके भविष्य के लिए एक मोटी रक़म जोड़ सकते हैं. चिल्ड्रन इंश्योरेंस प्लान: प्रतियोगिता के दौर में सरकारी व निजी बैंकों की तरह एलआईसी ने भी बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए अनेक पॉलिसी ज़ारी की हैं, जैसे- जीवन अनुराग, जीवन किशोर और जीवन अंकुर आदि. इन पॉलिसीज़ में निवेश करके पैरेंट्स अपने बच्चे के भविष्य को सिक्योर कर सकते हैं. एलआईसी की तरह ही निजी बैंकों, जैसे- एचडीएफसी-एसएल यंगस्टार सुपर प्रीमियम और यंगस्टार उड़ान आदि से चिल्ड्रन इंश्योरेंस प्लान भी ले सकते हैं. इन इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर बच्चों की पढ़ाई, करियर आदि तथा शादी संबंधी ज़रूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड: बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए यह भी एक बेहतरीन विकल्प है. इस योजना की समय सीमा 15 साल तक होती है, जिसमें आप हर साल न्यूनतम 500 से लेकर अपने बजट के अनुसार डेढ़ लाख रुपए तक जमा करा सकते हैं. इस योजना के तहत 8.5% की दर से ब्याज मिलता है और आयकर की धारा 80सी के तहत डिडक्शन में छूट भी मिलती है. नोट: बैंक और पोस्ट ऑफिस की विभिन्न योजनाओं में बताई गई ब्याज की दर पिछले 1 साल के अनुमान के आधार पर बताई गई है.लड़कियों के लिए विशेष ‘सुकन्या समृद्धि योजना’
वर्ष 2014-15 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़कियों के सुनहरे भविष्य के लिए एक बेहतरीन बचत योजना शुरू की है. इस योजना के तहत पैरेंट्स बेटी के जन्म से लेकर 10 साल तक की उम्र होने तक उसका अकाउंट खोल सकते हैं. तब तक पैरेंट्स उसके नॉमिनी रहेंगे. इस योजना की शुरुआत में न्यूनतम राशि 1 हज़ार रुपए जमा करानी होती है और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपए तक जमा करा सकते हैं. यदि किसी साल किसी कारण से यह रक़म जमा नहीं कराई है, तो अगले साल 50 रुपए की पेनाल्टी के साथ 1 हज़ार रुपए जमा करा सकते हैं. पैरेंट्स अपने बजट के अनुसार हर महीने 100, 500, या 2,000 रुपए से लेकर डेढ़ लाख तक जमा कर सकते हैं. इस योजना की ख़ास बात यह है कि इसमें ब्याज स्थायी नहीं है, हर साल नई ब्याज दर की घोषणा की जाएगी.बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए कहां करें निवेश?
बच्चे की उम्र (साल) निवेश की समय-सीमा कहां करें निवेश?
0-2 15 से अधिक साल तक के लिए 1. डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स 2. कम क़ीमतवाले यूलिप्स प्लान 3. शेयर्स
3-6 12-15 साल 1. डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स 2. कम क़ीमतवाले यूलिप्स प्लान्स 3. शेयर्स
7-10 8-11 साल 1. इक्विटी फंड्स 2. इक्विटी-ओरिएंटेड बैलेंस्ड फंड्स 3. डेबट्स-ओरिएंटेड बैलेंस्ड फंड्स
11-14 4-7 साल 1. डेबट्स-ओरिएंटेड बैलेंस्ड फंड्स 2. डेबट्स फंड्स 3. रिकरिंग डिपॉज़िट्स
15 से अधिक 3 साल से कम 1. रिकरिंग डिपॉज़िट्स 2. डेबट्स फंड्स 3. मंथली इन्कम प्लान्स फंड्स
- पूनम नागेन्द्र शर्मा